शिक्षको की भर्ती के नाम पर बेरोजगारों से लाखों की ठगी

शिवपुरी। प्रौढ शिक्षा के नाम पर कार्यक्रम के नाम पर शिक्षको की भर्ती कराने के लिए एक फर्जी सस्था ने ना केवल फार्म जमा और ड्रा ट जमा कराए और सुविधा शुल्क के नाम पर हजारो रूपए प्रत्येक आवेदन कर्ता से लिए है। ऐसा जिले की कई पंचायतो में हजारो बेरोजगार युवक-युवतियो से धोखाधडी करने का मामला प्रकाश में आया है।

जानकारी के अनुसार  अंचल के एक दो नहीं बल्कि पांच सैकड़ा से अधिक ग्रामीण युवक-युवतियों को प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम के तहत शिक्षक की नौकरी देने के नाम पर ठगो ने भारत सरकार का हवाला देकर आवेदन के साथ 655 रूपए का डिमांड ड्रा ट जमा करा लिया जबकि कथित संस्था का कोई सरकारी अस्तित्व है ही नहीं।

वहीं इस पूरे गौरखधंधे में जिले की ग्राम पंचायतो के सरपंचो की सलिप्ततां भी उजागर हुई है। सरपंचो ने भी इस फर्जी नियुक्ति के फार्म अग्रेसित करने के नाम पर बेरोजगारों से 5 से लेकर 20 हजार रूपए तक बतौर सुविधा शुल्क बसूल लिए है। ठगी का शिकार हुए ग्रामीण युवा अब सरकारी द तरों के चक्कर लगाते घूम रहे है।

शिवपुरी सामाचार डाट कॉम ने जब इस मामले की तह तक जाने के लिए पड़ताल की तो जिले में अब तक सैकड़ो युवक-युवती ठगी के इस गौरखधंधे का शिकार हो चुके है। निराशाजनक पहलु यह है कि प्रौढ़ शिक्षा से जुड़े अधिकारियों के संज्ञान में मामला होने के बाबजूद उन्होने अब तक इस फर्जी नियुक्ति से युवाओं को आगाह करने के लिए कोई सूचना भी जारी नहीं की है। जिसके चलते ठगी का यह सिलसिला जिले में अब भी बदस्तुर जारी है।

किश्तो मे लिया ठगी का पैसा
ठगी का शिकार होने वाले युवाओं की फेहरिस्त लंबी है। उन्ही में से नरवर के ग्राम देवरी निवासी आशा जाटव भी इस ठग गैंग का शिकार हुई है जिसने पहले तो फार्म के साथ 655 रूपए का ड्राफ्ट इस कथित फर्जी संस्था को भेज दिया वहीं फार्म अग्रेसित कराने के लिए गांव के सरपंच पति पूरन सिंह गुर्जर को 5 हजार रूपए बतौर एडंवास सुविधा शुल्क भी दिया है। इतना ही नहीं नियुक्ति होने के बाद सरपंच पति को 15 हजार रूपए देना शेष है।

फर्जी ठगो ने निरक्षर सरपंचो को बनाया निशाना
ठग गैंग ने निरक्षरता का फायदा उठाकर यह फार्म सीधे ग्राम पंचायतो के सरपंचो को पोस्ट किए है। इस बात का खुलासा खुद नरवर के ग्राम पंचायत देवरी के सरपंच पति पूरन सिंह गुर्जर ने किया है।
जिन पर युवती आशा ने फार्म अग्रेसित करने के नाम पर 5 हजार रूपए लेने का आरोप लगाया है। यही स्थिति अन्य पंचायतो में भी है, सरपंचो को सीधे फार्म पोस्ट करने से ही पता चलता है कि फर्जी गैंग ने पूरे मामले में योजनाबद्ध तरीके से इस कारनामें को अंजाम दिया है।

कैसे रचा ये ठगी का मायाजाल
प्रौढ़ शिक्षा विस्तार सेवाये के नाम से जो फर्जी नियुक्ति की विज्ञिप्त जारी होना बताया गया है। उसमें उल्लेख किया गया है कि भारत के सभी ग्रामों मेें शिक्षा के विकास हेतु प्रौढ़ शिक्षा विस्तार सेवाओं के द्वारा दो शिक्षक व शिक्षिकाओं की नियुक्ति पंचायत स्तर पर की जानी है।

जिसमें शैक्षणिक योग्यता 12वंी व आयु सीमा 18 से 40 वर्ष रखी गई है। वहीं मानदेय 3800 से 5200 रूपए प्रतिमाह निर्धारित है। इस नौकरी के लिए फार्म जमा करने की अंतिम तिथि 10 दिसबंर बताई गई है।

ऐसे खुली इस फर्जीवाडे की परते
भारत सरकार द्वारा इस तरह सीधे सरपंचो के माध्यम से किसी तरह की नियुक्ति नहीं की जाती। विभागीय अधिकारियों के पास ऐसी किसी नियुक्ति की कोई जानकारी नहीं है।फार्म कार्यालय और दुकानों पर उपलब्ध होने की बजाय सीधे सरपंचो को पोस्ट किए गए। नियुक्ति की सूचना सीधे सरपंच को रजिस्टर्ड डाक से भेजे जाने का उल्लेख किया गया है।

सर! नौकरी के लालच में ठग गए हम
देवरी गांव की आशा जाटव, कोलारस के रामहेत, पोहरी के हरिराम सहित ठगी का शिकार हुए सैकड़ो बेरोजगारों युवक-युवतियों का कहना है कि हमने सोचा कि सरपंच ने फार्म दिया है तो सही ही होगा इसलिए न केवल ड्रा ट भेज दिया बल्कि सरपंच को भी सुविधा शुल्क दे दी। सर! नौकरी के लालच में ठग गए हम तो ।

अधिकारी बोले जल्द जारी करेगे खंडन
मामले को लेकर जब प्रभारी जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी आसिफ अफगानी से बातचीत की गई तो उन्होने स्वीकारा कि इस प्रकार की फर्जी नियुक्ति का मामला उनके संज्ञान में दो-तीन पहले ही आया है।

और इस कथित भर्ती की सत्यता जांचने के लिए उन्होने भोपाल सहित दिल्ली के प्रौढ़ शिक्षा अधिकारियों से भी बातचीत की है जिसमें यह स्पष्ट हुआ है कि इस प्रकार की कोई भर्ती  विभाग द्वारा नहीं की जा रही। उन्होने जल्द इस मामले में खंडन जारी करने की बात भी कहीं है ताकि और युवक-युवती ठगी का शिकार न हो।