मोदी के एक बयान ने मिटा दिया इन बेरोजगरों का भविष्य

शिवपुरी। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी ने अपने एक बयान में देश को भरोसा दिया था कि अब किसी भी सर्टिफिकेट को किसी भी राजपात्रित अधिकारी से सत्यापित कराना आवश्यक नही होगा। स्वयं आप ही अपने सर्टिफेकिट सत्यापित कर सकते है। मोदीजी के इस ऐलान पर भरोसा करना आंगनवाड़ी परीक्षार्थियों से मंहगा पड़ गया। अधिकारियों ने सेल्फ अटेस्टेड सर्टिफिकेट एक्सेप्ट करने से इंकार कर दिया और परीक्षार्थी परीक्षा नहीं दे पाए।

व्यापमं द्वारा आयोजित महिला बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी पर्यवेक्षक एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए दी जाने वाली भर्ती में प्रवेश पत्र पर राजपत्रित अधिकारी के हस्ताक्षर आवश्यक हुए।

अब यह हस्ताक्षर कई परिक्षार्थीयो ने तो करा लिए थे लेकिन जिन्होंने यह नहीं कर पाया वह प्रवेश परीक्षा में शामिल नहीं हो सके। ऐसे दर्जनों परिक्षार्थियो ने इस मामले को लेकर परीक्षा अधिकारियों से तीखी बहस होती देखी गई।

परिक्षा ड्यूटी में लगे अधिकारी तो लिखित स्पष्ट निर्देशों का हवाला देकर केवल उन्ही परिक्षार्थीयो को प्रवेश दे रहे थे जिनके प्रवेश पत्र राजपत्रित अधिकाारियो से सत्यापित थे, लेकिन कई परिक्षार्थी ऐसे थे जिन्होने अपने प्रवेश पत्र स्वंय ही सत्यापित कर लिए उन्है इस परिक्षा में प्रवेश नही दिया गया।

महिला बाल विकास की  पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा की पहली पाली में 5 हजार 729 महिलाओं व युवतियों ने भाग लिया जबकि द्वितीय पाली में आंगनबाड़ी केन्द्र कार्यकर्ता के लिए 527 महिलाओं व युवतियों ने भाग लेकर विभागीय परीक्षा में शामिल हुई।

जिला चिकित्सालय में लगी सत्यापित कराने लंबी लाईन
जिन परिक्षार्थीयो ने अपने प्रवेश पत्र स्वयं सत्यापित कर लिए उन्है इस परीक्षा में प्रवेश नही दिया गया और जैसे ही यह बात सभी अन्य परिक्षार्थीयो को पता लगी और जिनके प्रवेश पत्र स्वयं सत्यापित थे वे अस्पताल की और दौडे ओर अस्पताल में डॉक्टरो के पैर पकडते नजर आए।

जिला चिकित्सालय में डॉक्टरो ने भी परिक्षार्थीयो को लाईन से खडा कर उनके प्रवेश पत्र सत्यापित करने मे भिड गए। इस आनन फानन की प्रक्रिया में ऐसेे कई परिक्षार्थी थे जो अपना प्रवेश पत्र सत्यापित नही पाए वे पीएम को कोसते नजर आए इनमे से अधिकांश: वह महिलाए थी जिनके पास बच्चे थे और वे ऐसी ठंड मे दौड भाग नही कर सकी ओर परीक्षा नही दे पाई।