लाली की मौत को लेकर प्रशासन ने रखा अपना पक्ष

शिवपुरी। जिले के सतनवाड़ा ब्लॉक के ग्राम मामौनी निवासी डेढ़ माह की बच्ची संध्या पुत्री श्रीमती वर्षा लाली की मृत्यु का कारण एक्सीडेंटल डेथ ड्यू टू एसफिक्सिया (ट्रेकिया में दूध के कारण ऑक्सट्रक्शन) होना पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया गया है। बच्ची संध्या की मृत्यु का पेंटावेलेंट वैक्सीन का रिएक्शन अथवा मानवीय त्रृटि से कोई संबंध नहीं है।

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.संजय ऋषिश्वर ने बताया कि 21 नवम्बर को प्रात: 11 बजकर 30 मिनट पर ड्यू लिस्ट के अनुसार तीन बच्चों को एएनएम द्वारा आशा कार्यकर्ता विनीता रावत के सहयोग से टीके लगाए गए जिसमें बच्ची संध्या पुत्री श्रीमती वर्षा को प्रथम पेंटाबेलेंट टीका लगाया गया। टीका लगाने के पूर्व एवं बाद में भी बच्ची संध्या पूर्णता स्वस्थ्य थी लेकिन लगभग शाम 7 बजे बच्ची को बुखार आने पर उसकी मां ने एएनएम द्वारा दी गई पीसीएम की गोली का 8वां हिस्सा मां के दूध में मिलाकर बच्ची को दिया गया और रात के लगभग तीन बजे बच्ची ने दूध डाला एवं कुछ समय बाद मल विर्सजन किया जिसके पश्चात थोड़े समय बाद बच्ची की मृत्यु हो गई। जिसका पोस्टमार्टम 22 नव बर को दोपहर 2 बजकर 10 मिनिट पर सतनवाड़ा सीएससी में बीएमओं डॉ.केशव शर्मा द्वारा किया गया। 

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण एक्सीडेंटल डेथ ड्यू टू एसफिक्सिया (ट्रेकिया में दूध के कारण ऑक्सट्रक्शन) होना पाया गया है। जबकि इस प्रकरण में राज्य टीकाकरण अधिकारी द्वारा प्रथम दृष्टया रिपोर्ट में बच्ची की मत्यु का कारण वैक्सीन रिएक्शन अथवा मानवीय त्रृटि से संबंध नहीं होना बताया गया है। सीएमसी सतनवाड़ा में कुल 170 सत्रों का आयोजन किया गया एवं 229 पेंटाबेलेंट वैक्सीन दी गई है। पेंटाबेलेंट सर्वाधिक सुरक्षित एवं असरकारी वैक्सीन है, जो 188 राष्ट्रो में तथा देश के 20 राज्यों में 2.5 करोड़ बच्चों को तथा मध्यप्रदेश के 75 हजार बच्चों को दी जा चुकी है।