हत्या और आत्महत्या के मामले को सुलझाया पुलिस ने

शिवपुरी। शराब के नशे में धुत्त होकर आरोपी रंगीलाल धाकड़ और धीरज धाकड़ ने चौकीदार बाबू ओझा की हत्या तो कर दी, लेकिन हत्या करने के बाद पुलिस के डर से भयभीत आरोपी रंगीलाल धाकड़ ने अपने खेत में पेड़ पर फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी।
पुलिस ने हत्या और आत्महत्या के इस मामले का पर्दाफाश 4 माह बाद कर दिया है और हत्यारोपी एक अन्य आरोपी धीरज धाकड़ को गिर तार कर लिया है। इस तरह से पुलिस ने 28 जुलाई को रातौर रोड पर पुलिया के पास चौकीदार बाबू ओझा की हत्या और उसके अगले दिन रंगीलाल धाकड़ की आत्महत्या के मामले को सुलझा लिया है।

पुलिस अधीक्षक मुरारीलाल छारी ने जानकारी देते हुए बताया कि 27 और 28 जुलाई की रात आरोपी रंगीलाल धाकड़ और धीरज धाकड़ अपने निर्माणाीधीन मकान के पास पुलिया पर बैठकर शराब पी रहे थे। उस समय 75 वर्षीय चौकीदार बाबू ओझा वहां चौकीदारी कर रहा था। रात्रि में दोनों आरोपियों ने छककर शराब पी। जिस पर दोनों आरोपी नशे में धुत्त हो गए और आपस में गाली-गलौंच करने लगे तभी चौकीदार बाबू ओझा ने उन्हें वहां से चले जाने के और गाली-गलौच करने से रोका तो रंगी धाकड़ गुस्से में आ गया और उसने अपने निर्माणाधीन मकान में रखे एक सरिए को उठाकर बाबू ओझा के सिर में दे मारा।

इसके बाद धीरज धाकड़ ने भी शराब के नशे में रंगी से सरिया लेकर बाबू के सिर में मारना शुरू कर दिया। इसके बाद जब बाबू हिला नहीं तो दोनों आरोपियों ने उसके पैर पकड़कर खींचकर देखा तो बाबू मर चुका था। यह देखकर दोनों वहां से भाग निकले। इसके बाद दूसरे दिन पुलिस ने शक के आधार पर रंगी धाकड़ को पूछताछ के लिए उठा लिया और बाद में उसे छोड़ दिया। जिससे रंगी घबरा गया और उसने उसी रात अपने खेत में लगे पेड़ पर फांसी का फंदा लटका कर उस पर झूल गया। जिसकी लाश पुलिस को मिली। इसी बीच धीरज धाकड़ को भी पुलिस ने पूछताछ के लिए उठाया और जब उससे स ती से पूछताछ की तो उसने सारा वाकया पुलिस के सामने सुना दिया। इस तरह पुलिस ने अंधे कत्ल का पर्दाफाश करने में सफलता प्राप्त की। वहीं आरोपी धीरज धाकड़ को गिर तार कर हत्या में प्रयुक्त किए गए सरिये को भी बरामद कर लिया।