शहर में चर्चाओं के बाहर हुई कांग्रेस, सिंधिया के रोड शो पर अंतिम आस

शिवपुरी। इन दिनों नगरीय निकाय का चुनाव कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनता नजर आ रहा है यही कारण है कि यहां सिंधिया और दिग्विजय सिंह गुट के दोनों कांगे्रसी कार्यकर्ता मुन्ना को जिताने के लिए जीन जान से जुटे हुए है। इसमें आगामी 29 दिस बर को  सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की सभा से कुछ बदलाव के संकेत नजर आ सकते है।

फिलवक्त तो नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव में उ मीदवारी को लेकर कांग्रेस के चुनाव प्रचार के लिए ऑक्सीजन लैस कार्यकर्ताओं की सक्रियता मतदान के पूर्व अब बढ़ती नजर आ रही है। कांग्रेस की प्रतिष्ठा को बचाने के लिए राजा दिग्विजय सिंह के समर्थक पूरी मुस्तैदी के साथ महाराजा ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों से तालमेल बिठाकर चुनाव प्रचार में कूद गए है। इससे यह चुनाव कांग्रेस और भाजपा के बीच राजा-महाराजाओं के समर्थकों की प्रतिष्ठा का बनता नजर आ रहा है।

चुनाव संचालन को लेकर जो नाराजगियां कांग्रेसियों में चल रही है उन पर पर्दा गिरता दिखाई दिया है लेकिन पर्यवेक्षक अमिताभ हरसी और मोहन सिंह राठौड़ के द्वंद ने चुनाव में नकारात्मक वातावरण बना दिया है। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का रोड़ शो व सभा इस चुनाव को दिशा देगी जिससे कांग्रेस प्रत्याशी मुन्ना लाल कुशवाह की जीत का रास्ता तय हो सकता है। जिन्हें कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ काम करने का नोटिस जारी हुआ है।

उसकी सफाई कांग्रेस ने होशियारी से दे तो दी है इसलिए बगावत फू टकर सामने नहीं आ पाई लेकिन छत्रपाल सिंह गुर्जर के निर्दलीय चुनाव ने पूर्व निर्दलीय चुनाव लड़े और अध्यक्ष बने जगमोहन सिंह सेंगर के कार्यकाल और उनके चुनाव को जनता के बीच में आज ताजा बना दिया है और सामान्य वर्ग से निर्दलीय जीतकर अध्यक्ष बने जगमोहन सिंह सेंगर की दिशा ने पिछड़े वर्ग में भी निर्दलीय की मजबूत जीत का रास्ता इस चुनाव में बनाया है।

मुन्ना लाल कुशवाह का अधिकृत तौर पर कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने के बाद चुनाव के 10 दिन तक कांग्रेसियों के लिए यह चुनाव गले की हड्डी बन गया था। सांवलदास परिवार की रसूखदारी में नगर पालिका चले इसे कांग्रेस के दूसरे धड़े बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे लेकिन दिग्विजय सिंह समर्थकों ने यह मामला बड़ी सफाई से जमा दिया है और भाजपा प्रत्याशी के नकारात्मक वातावरण से कांग्रेस प्रत्याशी की जीत में बदलने के प्रयास हुए है।

उससे जो स्थिति मजबूत हुई है उसको भांपकर कांग्रेस के लोगों ने चुनाव को प्रतिष्ठा का बना लिया है अब इस प्रतिष्ठा में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक ही नहीं बल्कि दिग्विजय सिंह के समर्थक भी पूरी ताकत से मैदान में दिखाई दे रहे है। हालांकि मुन्ना लाल कुशवाह के टिकिट का निर्णय कराने में सूत्रों के मुताबिक मोहन सिंह राठौड़ की अहम भूमिका मानी जा रही है जिसे लेकर अमिताभ सिंह हरसी झल्लाए हुए है। अमिताभ सिंह हरसी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के नए पसंदीदा सिपाहसलारों में माने जा सकते है। मोहन सिंह राठौड़ और अमिताभ सिंह हरसी की अंर्तकल्ह ने चुनाव में नकारात्मक वातावरण जरूर बनाया है लेकिन सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की सभा इस चुनाव को विजयी दिशा दे सकती है।

मुन्नालाल कुशवाह के चुनाव प्रचार में आज पुरानी शिवपुरी के क्षेत्र में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष जगमोहन सिंह सेंगर, पूर्व युवक कांगे्रस अध्यक्ष रामकुमार शर्मा, शहर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश जैन आमोल, पूर्व उपाध्यक्ष पदम चौकसे, चन्द्रशेखर शर्मा चंदू बाबूजी, अब्दुल खलील, शराफत जमाली, शिवकुमार डब्बू, जगदीश कुशवाह, शैलेन्द्र टेडिय़ा, राकेश शर्मा, सफदरबेग मिर्जा, अतीक शिवानी, रवि कुलश्रेष्ठ, सुरेन्द्र सेंगर, छोटे लाल कुशवाह दिखाई दिए।