दूधवालों से वसूली पर निकला खाद्य विभाग

शिवपुरी। त्यौहार से पहले प्रशासनिक मशीनरी भी वसूली पर निकल पड़ी है। कानून तो अंग्रेजों के जमाने से लागू है परंतु ध्यान त्यौहरी सीजन पर ही आता है ताकि सबके यहां मिठाई के डब्बे पहुंच सकें।

इसी वसूली अभियान के चलते खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा संचालित अभियान के तहत बैराड़, पिछोर, खनियांधाना, शिवपुरी, पोहरी, कोलारस, नरवर, करैरा तथा बदरवास में 15 दुग्ध प्रतिष्ठानों की जांच कर दूध के सेम्पल लिए तथा जांच हेतु भी भेजे गए है।

इसी के साथ सभी अखबारों में प्रेसनोट जारी कर दिया गया जो सनसनीखेज खबर के रूप में छापा जाएगा। प्रशासन ने जिले भर के सारे दूधवालों को धमकी दी है कि संचालित अभियान के तहत आगे भी जिले में दुग्ध प्रतिष्ठानों की जांच कर दुग्ध के नमूने लिए जायेगे। ऐसे दुग्ध प्रतिष्ठानों के संचालक जिनके द्वारा मानक गुणवत्ता का दुग्ध उपलब्ध नहीं कराया जाएगा, उनके विरूद्ध खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के तहत कार्यवाही की जाएगी। जिले के दुग्ध प्रतिष्ठानों के संचालकों को निर्देश दिए गए है कि वह उपभोक्ताओं का मानक गुणवत्ता का ही दुग्ध विक्रय करें।

बताने की जरूरत नहीं कि जिले के ग्रामीण क्या, शिवपुरी के शहरी इलाके में ही मानक गुणत्तायुक्त दूध की उपलब्धता 10 दूर डेयरियों पर भी नहीं है परंतु सेंपलिंग उपभोक्ता हित में नहीं बल्कि व्यापारियों को धमकाने के लिए की गई है।

शिवपुरी के खाद्य विभाग की यह दसियों साल पुरानी परंपरा है। त्यौहारी सीजन के आते ही वसूली का प्रेशर बढ़ा दिया जाता है। इस बार भी यही हो रहा है। किसी को कोई शक हो तो स्टिंग आॅपरेशन दिखा दें। दूधवालों के अपने बयान।

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