रहस्यमयी मौत: आग की लपटों से घिरी प्रेमिका, कमरे में पड़ी थी प्रेमी की लाश

शिवपुरी। फिलहाल यह एक रहस्यमयी मौत की कहानी है। पराए पति के प्रेम में लत एक महिला आधीरात के वक्त आग की लपटों में घिरी चिल्लाती हुई बाहर निकली। लोगों ने उसे बचाया, घर के अंदर देखा तो प्रेमी की लाश पड़ी हुई थी। हत्या है या आत्महत्या फिलहाल पता नहीं चल पाया है लेकिन मौके पर मिले सुराग हत्या की ओर इशारा करते हैं।

जिला मुख्यालय से लगभग 34 किमी दूर पोहरी कस्बे में स्थित ब्लॉक कॉलोनी के एक शासकीय आवास में कल रात्रि विवाहित प्रेमी और प्रेमिका संदिग्ध परिस्थिति में जल गए। प्रेमी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि प्रेमिका को पहले जिला अस्पताल और फिर ग्वालियर रैफर किया गया है।

मृतक गजेन्द्र सिंह उर्फ चिम्मन पुत्र रामभरोसी जादौन उम्र 38 वर्ष ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया जबकि श्रीमती ममता पत्नी संजय सिंह तोमर उम्र 32 वर्ष की हालत नाजुक बताई जाती है।

वह आशा कार्यकर्ता है तथा उसका पति भिण्ड में सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्य करता है। मृतक गजेन्द्र सिंह जादौन पोहरी में स्थित गैस एजेंसी में कार्यरत है। घटना श्रीमती ममता तोमर की सास श्रीमती आशा तोमर के नाम से आबंटित शासकीय आवास में घटित हुई है। आशा तोमर शिवपुरी में रहती है। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम किया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार कल रात 9 और 10 बजे के लगभग ममता तोमर का फोन गजेन्द्र सिंह जादौन के पास आया और उससे घर पर आने को कहा। घर में ममता का पति नहीं था और उसके दो बच्चे 11 वर्षीय पुत्र और 7 वर्षीय पुत्री अवश्य साथ थे, लेकिन वह घर के दूसरे कमरे में थे।

बताया जाता है कि आधी रात के लगभग ममता तोमर जलती हुई अवस्था में चिल्लाती हुई घर से बाहर निकली। इस पर मोहल्ले वालों ने उसे बचाने की कोशिश की तथा पुलिस को भी सूचना दी। पड़ोसी जब घर में भीतर घुसे तो चिम्मन वहां मृत अवस्था में पड़ा हुआ था।

बताया जाता है कि उसकी जीभ बाहर निकली हुई थी। उसी कमरे में मिट्टी के तेल की कट्टी और माचिस पड़ी हुई थी। पुलिस ने 108 वाहन से ममता तोमर को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा। वह 90 प्रतिशत जल चुकी थी और उसका यहां रात्रि में ही नायब तहसीलदार ने मृत्यु पूर्व बयान लिया, लेकिन बयान में उसने क्या कहा? यह पता नहीं चला। मृतक गजेन्द्र सिंह का अंतिम संस्कार आज सुबह पोहरी में किया गया। जबकि ममता तोमर को दोपहर में इलाज के लिए ग्वालियर रैफर कर दिया गया है।

कई वर्षों से चल रही थी यह प्रेम कहानी
बताया जाता है कि ममता तोमर और गजेन्द्र सिंह के बीच काफी दिनों से प्रेम संबंध चल रहे थे। जबकि दोनों ही विवाहित थे और दोनों के एक-एक पुत्र और एक-एक पुत्री हैं। गजेन्द्र सिंह गैस एजेंसी में काम करता था और दबंग प्रकृति का युवक था। हालांकि पोहरीवासी कहते हैं कि वह सभी की सहायता के लिए तत्पर रहता था। बताया जाता है कि अपनी पत्नी के प्रेम प्रसंग के कारण संजय तोमर ने पोहरी आना कम कर दिया था तथा उसकी मां भी शिवपुरी में रहती थी।

हत्या या आत्महत्या स्पष्ट नहीं
प्रेमी और प्रेमिका ने आत्महत्या की है या उनकी हत्या हुई है। इसके बारे में अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है लेकिन जो घटनाक्रम सामने आ रहे हैं। उससे हत्या की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता। रात्रि 12 बजे जलने के बाद ममता तोमर जली हुई अवस्था में चिल्लाती हुई बाहर निकली, लेकिन यह स्थिति गजेन्द्र सिंह के साथ क्यों नहीं बनी? सवाल यह है कि यदि आत्महत्या की होती तो वेदना के कारण गजेन्द्र सिंह भी चिल्लाता हुआ घर से बाहर क्यों नहीं निकला। दूसरी बात यह है कि गजेन्द्र सिंह की जीभ बाहर निकली हुई थी और उसका टूटा हुआ चश्मा भी दूसरे कमरे में पड़ा हुआ था।

ऐसे में यह भी संभव है कि पहले गजेन्द्र सिंह को मारा हो और फिर उसे जलाकर आत्महत्या का रूप देने का प्रयास किया हो। सूत्र बताते हैं कि गजेन्द्र सिंह को तीन-चार बार फोन कर ममता ने बुलाया था। गजेन्द्र सिंह की अगर हत्या हुई तो इस हत्या में ममता भी शामिल है अथवा नहीं। यह भी जांच का विषय है।

बच्चों के बयान होंगे महत्वपूर्ण
इस मामले में प्रत्यक्षदर्शी गवाह कोई नहीं है, लेकिन दूसरे कमरे में मौजूद ममता के बच्चे अवश्य कह रहे हैं कि घटना के समय उनकी मां और गजेन्द्र सिंह में विवाद हो रहा था और बाद में उनके चिल्लाने की आवाज आई। वह बाहर आए तो उन्होंने देखा कि उनकी मां और गजेन्द्र सिंह दोनों जल रहे हैं।