शिवपुरी। सफाई कर्मियों की आठ दिन से चल रही हड़ताल कल समाप्त हो गई। नगरपालिका प्रशासन और सफाई मजदूर कांग्रेस के बीच हुई चर्चा के बाद सफाईकर्मियों की मांगों पर सहमति व्यक्त कर दी गई। इसके साथ ही आज से सफाईकर्मी अपने काम पर वापिस आ गए और पिछले 9 दिन से कूड़ाघर बने शहर की सफाई हो गई। जिससे नागरिकों ने राहत की सांस ली है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कल सफाई मजदूर कर्मचारी कांग्रेस के नेतृत्व में सफाईकर्मी अपनी मांगों के ज्ञापन को लेकर नगरपालिका पहुंचे। जहां उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो वे आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर देंगे। पिछले 9 दिन से सफाईकर्मी दो सफाईकर्मचारियों की मौत के बाद से 13 दिन के सामूहिक अवकाश पर चल रहे थे। जिससे शिवपुरी शहर में नारकीय हालात निर्मित हो गए थे।
सफाई कर्मचारी कांग्रेस के प्रतिनिधि मण्डल से चर्चा नपाध्यक्ष रिशिका अनुराग अष्ठाना और प्रभारी सीएमओ अवधेश सिंह कुशवाह ने की। नगरपालिका प्रशासन ने सफाई कर्मचारियों के समक्ष कहा कि वह दोनों मृतक कर्मचारियों की विधवाओं को संविदा नियुक्ति देने के लिए तैयार हैं और नियुक्ति पत्र भी नपा प्रशासन ने सफाई कर्मचारियों को सौंपा। मृत कर्मचारियों के परिजनों को 25-25 हजार रूपये की सहायता राशि के साथ यह भी तय किया गया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार 10-10 लाख रूपये की राहत राशि के प्रकरण बनाकर शासन को भेजे जाएंगे।
यह भी तय हुआ कि जिन संविदा कर्मचारियों ने अपनी सेवा के दस साल पूरे कर लिए हैं। उन्हें कलेक्टर रेट के अलावा 1500 रूपये और जिन्होंने 20 साल पूर्ण कर लिए हैं उन्हें ढाई हजार रूपये कलेक्टर रेट के अलावा प्रतिमाह दिए जाएंगे। सफाई कर्मचारियों को क्रमोन्नति वेतन का लाभ दिए जाने के अलावा यह भी तय किया गया कि उनसे 8 घंटे से अधिक काम नहीं कराया जाएगा। इन मांगों पर सहमति बनने के बाद सफाई मजदूर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल किशोर कोड़े ने घोषित किया कि सफाई कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त की जाती है और कल से सभी सफाई कर्मचारी काम पर लौटेंगे। इसके बाद आज सुबह सभी सफाई कर्मचारी काम पर आ गए और उन्होंने शहर की सफाई शुरू कर दी।
सूअर हटाने के लिए दिया जाए एक माह का समय
सफाई मजदूर कांग्रेस ने नपा प्रशासन से चर्चा में यह भी कहा कि सूअर नहीं मारे जाएं तथा सूअर पालकों को सूअर हटाने के लिए एक माह का समय दिया जाए। लेकिन नगरपालिका प्रशासन ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस संबंध में वह कोई आश्वासन नहीं दे सकते। सूअरों की शूटिंग की कार्रवाई माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुक्रम में की जा रही है।
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