शिवपुरी। मलेरिया और डेंगू से प्रभावित झंडा गांव के मरीजों के इलाज में लापरवाही के आरोप में निलंबित किए गए डॉ. पीडी गुप्ता के बचाव में इण्डियन मेडीकल एसोसिएशन सामने आई है।
आईएमए ने प्रेस बयान में डॉ. गुप्ता के निलंबन को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। वहीं निलंबित डॉ. गुप्ता का आरोप है कि अस्पताल अधीक्षक डॉ. गोविंद सिंह ने अपने आप को बचाने के लिए पक्षपातपूर्ण ढंग से उन्हें निलंबित किया है। डॉ. गुप्ता ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने डेंगू प्रभावित मरीज रतन सिंह के इलाज में कोई लापरवाही बरती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अस्पताल अधीक्षक डॉ. गोविंद सिंह ने मरीजों के इलाज में लापरवाही का आरोप मढ़ते हुए डॉ. पीडी गुप्ता की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों को की थी। सूत्र बताते हैं कि डॉ. गोविंद सिंह ने शिकायत में कहा था कि डॉ. गुप्ता ने रतन सिंह का ठीक इलाज नहीं किया।
जिससे उसकी हालत बिगड़ गई और उसे ग्वालियर रैफर करने में भी देरी की। इस आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने डॉ. पीडी गुप्ता को निलंबित कर दिया, लेकिन इण्डियन मेडीकल एसोसिएशन ने प्रेस बयान में साफ तौर पर कहा है कि डॉ. गुप्ता पर इलाज में लापरवाही के आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने मरीज का ठीक ढंग से इलाज किया और इलाज के दौरान वह मरीज के साथ ही रहे। उनका निलंबन पूरी तरह से अनुचित और पक्षपातपूर्ण है।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि उन्होंने डेंगू से प्रभावित मरीज को जब बोतल लगाई तो स्वाभाविक रूप से उसे सर्दी लगी और इसी आधार पर यह मान लिया गया कि उसकी हालत नाजुक है। जबकि रतन सिंह की स्थिति पूरी तरह नियंत्रित थी। यह आरोप भी लगाया कि डॉ. गोविंद सिंह लंबे अर्से से उनके प्रति दुर्भावना पाले हुए थे और झंडा की गाज उन पर न गिर जाए इसी कारण उन्होंने मुझे निलंबित कराकर अपनी बला टाल दी। आईएमए ने कहा कि इस तरह के पक्षपातपूर्ण निलंबन से चिकित्सा सेवा दे रहे योग्य चिकित्सकों का मनोबल टूटता है और स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होती हैं।
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