शहर में चड्डी बनियन गिरोह का तांडव, घर में घेर-घेरकर परिजनों को पीटा

शिवपुरी। शिवपुरी जिले की कानून व्यवस्था की किस कदर धज्जियां उड़ रही हैं इसका ताजा उदाहरण रात्रि में रेलवे स्टेशन के पास स्थित नई पुलिस लाइन के पीछे नव निर्मित कॉलोनी में देखने को मिला। जहां पांच नकाबपोश हथियारों से लेस चड्डी बनियान गिरोह के सदस्यों ने एक घर में घुसकर खूनी होली खेली और लाखों रूपये का माल समेटकर ले गए। लूटे गए सामान में चांदी और सोने के आभूषण हैं।
डकैतों द्वारा किए गए हमले में श्रीलाल धाकड़, उनकी पत्नी सुनीता, पुत्र नरेन्द्र और पुत्री ज्योति गंभीर रूप से घायल हुए हैं। डकैतों ने उनके पूरे शरीर पर लठियों से जोरदार प्रहार कर उन्हें घायल किया ताकि वह प्रतिरोध न कर सके। सभी घायलों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। डकैतों में चार पर लाठियां और एक बदमाश बंदूक से लेस था। कोतवाली पुलिस ने अज्ञात डकैतों के खिलाफ भादवि की धारा 394, 395 और 11/13 एमपीडीपीके एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

लूट और प्राणघातक यह सनसनीखेज वारदात कल रात 11:30 बजे के लगभग रेलवे स्टेशन के पिछवाड़े स्थित कॉलोनी में श्रीलाल धाकड़ के मकान में घटित हुई। श्रीलाल की ग्राम परीच्छा में मेडिकल स्टोर की दुकान है और वह यहां अपनी अपनी पत्नी और एक पुत्र तथा एक पुत्री के साथ रहते हैं। यह इलाका लगभग सुनसान है और यहां दूर-दूर पर मकान बने हुए हैं। श्रीलाल धाकड़ की पुत्री कु. ज्योति ने जानकारी देते हुए बताया कि रात्रि करीब 11:30 बजे वह अपने परिजनों के साथ जिस हॉल में सो रही थी वहां एक खिड़की है जिस पर रेग्जीन चढ़ी हुई है।

उस खिड़की से रेग्जीन फाड़कर किसी ने हाथ अंदर किया। जिससे उसके पिता जाग गए और जब उन्होंने दरवाजा खोलकर देखा तो घर के बाहर कोई भी नहीं था और उसके पिता श्रीलाल ने दरवाजा बंद कर दिया। इसके बाद किसी ने फिर दरवाजा खटखटाया और उनसे कहा कि वह उनका रिश्तेदार है। जिस पर श्रीलाल ने दरवाजा खोलकर बाहर झांका तो दीवार के सहारे सटे खड़े बदमाशों ने श्रीलाल के सिर पर लाठी से वार कर दिया और श्रीलाल अर्धबेहोशी की हालत में अंदर दौड़ा। तभी बदमाश उसके पीछे भागे और उसे घसीटते हुए हॉॅल में ले गए। पिता की चीख सुनकर उनकी पत्नी सुनीता, पुत्र नरेन्द्र और पुत्री ज्योति जाग गई।

उन्होंने देखा कि बदमाशों में से चार के मुंह ढंके हुए थे और एक का मुंह खुला था अचानक बदमाशों के घर में घुस आने से परिवार के सदस्य संभल नहीं पाए और बदमाशों ने तड़ातड़ लाठियां बरसानी शुरू कर दी। इसी बीच श्रीलाल को बदमाशों ने आदेश दिया कि वह चादर से अपना सिर ढककर सो जाए और अगर उसने कोई भी घटनाक्रम देखा तो वह उसको गोली मार देंगे। जिस पर खून से लथपथ श्रीलाल अपना सिर चादर में छिपाए लेटा रहा। इसके बाद बदमाशों ने उसके सिर पर फिर लाठियां मार दी। जिससे खून के फब्बारे निकले और दीवारों पर खून ही खून चिपक गया।

बदमाशों की इस करतूत का जब उनकी पत्नी सुनीता पुत्र नरेन्द्र और पुत्री ज्योति ने विरोध किया तो उनकी भी लाठियों से मारपीट कर दी और उन्हें चुप रहने की हिदायत दी। करीब आधा घण्टे तक बदमाशों ने कहर बरपाया और इसके बाद वहां रखे तीन बैगों को खंगाला। उनमें से एक बैग में एक सोने की जंजीर, दो अंगूठी, चांदी की पायलें, करधौनी और अन्य आभूषण रखे हुए थे। उन्हें उक्त बदमाश ले गए। वहीं नरेन्द्र के पेंट में रखे पर्स को बदमाशों ने निकाला। जिसमें 14 हजार 500 रूपये रखे हुए थे। उसे भी उक्त बदमाश ले गए। पुलिस ने मामला पंजीबद्ध कर जांच शुरू करदी है।

...और हिम्मत दिखाते हुए भाई ने बचाई बहिन की लाज
बदमाशों ने जैसे ही घर में प्रवेश किया और वहां पहुंचते ही बदमाशों ने सबसे पहले श्रीलाल को घायल किया और अन्य सदस्यों को काबू करने के लिए बदमाशों ने नरेन्द्र और उसकी बहन ज्योति के हाथ दुपट्टे से बांध दिए और ज्योति के साथ बदमाश जबरदस्ती करने लगे तो नरेन्द्र ने हि मत जुटाकर ताकत लगाई जिससे दुपट्टा की गांठ खुल गई और वह बंधनमुक्त हो गया और फिर बदमाशों पर वह हावी हो गया। इस दौरान बदमाशों ने ज्योति और उसके भाई नरेन्द्र के हाथ बांध दिए थे। नरेन्द्र ने हि मत जुटाकर अपनी बहन को बंधनमुक्त कराया तो ज्योति दौड़कर मकान से बाहर निकली। जिसके पीछे एक बदमाश लग गया। ज्योति लहूलुहान अवस्था में वहां से निकल गई और दौड़ते हुए अपने पड़ोसी अरविंद रावत के घर पहुंची और अपने परिवार को बचाने के लिए गुहार लगाई। इस घटना में बदमाशों की हिंसक हरकतों का जवाब देने के लिए नरेन्द्र ने साहस जुटाकर एक बदमाश के कान को अपने दांतों से काट लिया। उसके आक्रामक रूख को देखकर बदमाश भाग निकले।


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