अपनी रचनात्मकता जोड़कर शासकीय सेवक के रूप में भूमिका निर्वहन करें: गगन अवस्थी

शिवपुरी। मात्र औपचारिक तौर पर शासकीय सेवक होने से मानवीय लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया जा सकता। बल्कि जरूरी है कि शासकीय सेवक के रूप में अपनी कार्य प्रणाली में आप मानवीय गुणों, भावनाओं, अनुशासन, राष्ट्रभक्ति , उत्तरदायित्व और कर्मठता का भी समावेश करें।
तभी गौरवपूर्ण परिणाम प्राप्त हो सकेंगे और एक श्रेष्ठ शासकीय सेवक के साथ श्रेष्ठ इंसान के रूप में भी आप अपनी भूमिका से न्याय कर पाएंगे। उक्त उद्गार इंदौर से पधारे प्र यात मोटीवेटर एवं हेप्पीनेस प्रशिक्षक गगन अवस्थी ने वन विद्यालय में आयोजित एक दिवसीय जीवन यात्रा  पथ कार्यशाला के प्रथम सत्र में नवनियुक्त वनरक्षकों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। कार्यक्रम का गरिमामयी उद्घाटन वन विद्यालय के संचालक भारतीय वन सेवा के अधिकारी डीके अग्रवाल ने किया। 

वन विद्यालय शिवपुरी में वन विभाग कर्मियों के व्यवहार एवं क्रियान्वयन में मानवीय मूल्यों, जीवन कौशल्य एवं दिमागी प्रबंधन बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित कार्यशाला के द्वितीय सत्र में श्री अवस्थी ने हेप्पीनेस पर चर्चा करते हुए चिंता जाहिर की कि भारत में 25 हजार लोगों में मात्र एक व्यक्ति के खुश होने का औसत है। मु य वक्ता अजय खेमरिया ने मैं अकेला क्या कर सकता हूं विषय पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति असीम संभावनाओं से परिपूर्ण हैं। ऊर्जा की भी उनके पास कमी नहीं है। 

बस संकल्प लेकर और आत्मविश्वास बढ़ाकर आगे बढऩे की जरूरत है। चतुर्थ सत्र में संचालक वन विद्यालय डीके अग्रवाल ने खुशहाल, सरल एवं सहज विभागीय कार्यप्रणाली विषय पर प्रकाश डालते हुए स्पष्ट किया कि मानवीय मूल्यों, संतुलित व्यवहार, स्पष्ट लक्ष्य एवं आत्मिक बल से कार्य करने से आसानी से खुशहालीपूर्ण जीवन जिया जा सकता है। कार्यशाला के अंत में प्रशिक्षणार्थियों ने इसके लाभ को महसूस किया और अधिकारियों को हृदय से धन्यवाद दिया। धन्यवाद ज्ञापन रेंज ऑफीसर एनपी गुप्ता और एसडीओ बीके सिंह ने दिया।


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