शिवपुरी। हैदराबाद से आई टैंक्यू फोर्स एनजीओ ने बीती रात्रि शहर के विभिन्न स्थानों पर सूअरों को शूट किया और महज चार घंटे में 440 कारतूस खर्च कर 418 सूअरों को ढेर कर दिया। शूटिंग अभियान रात 12 बजे से लेकर सुबह 4 बजे तक चला।
जिसमें ठेकेदार के साथ पुलिस बल मौजूद था। जबकि नगरपालिका और प्रशासन का कोई अधिकारी साथ में नहीं था। खास बात यह रही कि पहले दिन तो विरोध का सामना करना पड़ा था, लेकिन विगत रात्रि किसी विरोध का सामना शूटरों को नहीं करना पड़ा, बल्कि स्थानीय निवासियों ने उन्हें सहयोग प्रदान किया। सबसे अधिक 170 सूअर वर्मा कॉलोनी इलाके में शूट किए गए।
जबकि फतेहपुर इलाके में सोते हुए 92 सूअरों को शूटर सफात अली के अचूक निशानों ने अपना शिकार बनाया। नए बस स्टेण्ड क्षेत्र में 90 और पुलिस लाइन में 22 सूअर मारे गए। शूटिंग में कमान अकेले ठेकेदार सफात अली ने संभाली। जिनके अचूक निशाने ने सूअरों को संभलने का मौका नहीं दिया, लेकिन बहुत से सूअरों को मारने में ठेकेदार को एक से अधिक गोली खर्च करनी पड़ी।
विदित हो कि प्रदेश की उद्योग मंत्री व स्थानीय विधायक यशोधरा राजे सिंधिया की मंशा थी कि शिवपुरी शहर को सूअरमुक्त कराया जाए, लेकिन उनकी मंशा पूर्ण होने में कई रूकावटें आईं। इसी बीच माननीय उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका का निराकरण करते हुए सूअरों के विनिष्टिकरण का आदेश पारित किया। जिसके बाद नपा प्रशासन और जिला प्रशासन चेता और मंगलवार की रात से सूअर शूट आउट प्रारंभ हुआ और पहले दिन विरोध के कारण महज 9 सूअर ही मारे जा सके।
बीती रात्रि शहर के न्यू बस स्टेण्ड क्षेत्र पर एनजीओ डायरेक्टर नबाव सफात अली अपने दल के साथ पहुंचे। जहां पुलिस प्रशासन भी उनके साथ मौजूद था। बड़ी तादात में मौजूद सूअर गोलियों की आवाज और अपने साथी सूअरों की चीख पुकार सुनकर इधर-उधर भागते रहे, लेकिन शूटर नबाव सफात अली के अचूक निशाने के आगे वह बेबश रहे। पुलिस लाइन में करीब 15 मिनिट में 22 सूअर ढेर हो चुके थे। इसके बाद टीम फतेहपुर रोड पहुंची। जहां खाली पड़े प्लॉटों में सूअरों की टोलियां सो रही थीं।
जिन पर नेशनल शूटर रहे नबाव सफात अली ने निशाना लगाया तो एक-एक कर सूअर उनकी गोली का शिकार हो गए। उस क्षेत्र में इतने बड़े-बड़े सूअर थे कि वह पांच-पांच गोलियां लगने के बाद भी बड़ी फुर्ती में भाग रहे थे। लेकिन शूटर ने अपनी पिस्टल से सूअरों को शूट किया और अंतत: सूअर ढेर होते दिखे। फतेहपुर के बाद गलियों में घुसकर शूटर की टीम ने सूअरों को घेरना शुरू किया और वर्मा कॉलोनी पहुंचे जहां सबसे अधिक सूअर मारे गए।
उस समय कॉलोनी के वाशिंदे भी घरों से निकलकर छतों पर जमा हो गए और सूअर शूट होने की जानकारी लगते ही उन्होंने सूअरों के ठिकानों की जानकारी देनी शुरू कर दी। कई लोग तो घरों से निकलकर शूट आउट करने वाली टीम का सहयोग करने लगे। यह क्रम सुबह चार बजे तक चला। बाईपास क्षेत्र में 19 सूअर और महाराणा प्रताप कॉलोनी में 13 सूअर शूट किए गए।
मृत सूअरों को उठाने में आया पसीना
नगरपालिका की योजनानुसार शूटरों द्वारा मृत सूअरों के शवों को सफाई कर्मचारियों द्वारा उठाया जाना था, लेकिन सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के कारण नगरपालिका के समक्ष दिक्कत थी कि कैसे शवों को उठाया जाए। रात में मारे गए सूअर सुबह तक घटनास्थल पर पड़े रहे और सुबह शूटर सफात अली के तीन सदस्यों ने मृत सूअरों के शवों को उठाना शुरू किया और उनका अंतिम संस्कार बड़ौदी क्षेत्र में खुदे हुए गडढ़ों में किया गया। सूअरपालकों ने विरोध किया, लेकिन नगरपालिका ने जब पुलिस की सहायता ली तो सूअरपालक नदारत हो गए और फिर शूटर की टीम ने मृत सूअरों को उठाना शुरू किया।
आक्रोशित सूअरों के झुण्ड ने बोला हमला
रात्रि मेें जब सूअरों को शूट किया जा रहा था उस समय अपने साथी सूअरों को मृत देख फतेहपुर रोड पर मौजूद एक प्लॉट में बैठे सूअरों के झुण्ड ने आक्रोशित होकर शूटर टीम पर हमला बोल दिया और बड़ी तेजी के साथ वह उन्हें काटने के लिए दौड़े। यह देख वहां मौजूद लोगों में भगदड़ मच गई, लेकिन शूटर नबाव सफात अली ने बड़ी सूझबूझ के साथ सूअरों पर दनादन फायर कर दिए और हमलावर तितर-बितर हो गए।
नेशनल शूटर रह चुके हैं नबाव
हैदराबाद की टैंक्यू फोर्स एनजीओ के डायरेक्टर नबाव सफात अली नेशनल शूटर रह चुके हैं और वह वनकर्मियों को बंदूक चलाने का प्रशिक्षण देते हैं। साथ ही कई शहरों में सूअरों को शूट आउट भी कर चुके हैं और अब शिवपुरी में सूअरों को शूट कर जन समस्या को दूर कर रहे हैं।
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