शिवपुरी। जेएमएफसी न्यायालय के न्यायाधीश हिमांशु कौशल ने 3 लाख के चैंक बाउस के एक अहम मामले में आरोपी वृद्ध महिला को इस मामले में बरी करने के आदेश दिए है।
न्यायालय ने इस मामले में माना है कि महिला को जबरन फंसाने के लिए इस मामले में फंसाया गया था। मामले में महिला की तरफ से पैरवी एडवोकेट चन्द्रभान सिंह सिकरवार व अजय गौतम ने की।
अभियोजन के मुताबिक चैंक बाउंस कराने वाले युवक संजय शर्मा ने विगत दिनो शहर के करौदी क्षेंत्र में रहने वाली एक महिला लक्ष्मीदेवी कुलश्रैष्ठ को तीन लाख रूपए उधार देने के बदले दिए गए चैंक के बांउस होने के मामले मेें न्यायालय में परिवार पत्र दायर प्रस्तुत किया था।
मामला न्यायालय के संज्ञान में आने पर महिला की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट श्री सिकरवार व श्री गौतम ने न्यायालय के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत किए कि महिला ने अपना यह चैंक उसके सौतेले दामाद राजीव सक्सैना को बाइक खरीदने के लिए बाइक ऐंजेशी को गंारटी के तौर पर दिया था। जिसके बाद दामाद ने महिला से जबरन बसूली करने के उद्देश्य से अपने मित्र संजय शर्मा को उक्त चैंक दे दिया और चैंक में 3 लाख रूपए की राशि भर दी तथा उसे बैंक से बाउंस करा दिया।
चैंक लगाने वाले युवक संजय ने न्यायालय में बताया था कि उसने केवल एक दिन के लिए महिला को रूपए उधार दिए थे। इस मामले में न्यायाधीश श्री कौशल ने सबूतो को देखते हुए माना कि कोई भी व्यक्ति एक दिन के लिए 3 लाख रूपए उधार नहीं ले सकता और जिस व्यक्ति ने यह चैंक बांउस कराया है उसने अपनी आय 3 लाख रूपए का आधार न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर पाया जिसके बाद न्यायाधीश ने महिला को इस मामले से दोष मुक्त करते हुए बरी कर दिया है।
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