3 टेक्नीशियन होने के बाद जिला मुख्यालय पहुंचती है मलेरिया की स्लाईडे

पिछोर। समूचे क्षेत्र में इस समय मलेरिया के सैंकडो मरीज देखने का मिल रहें है। गांव व कस्बों सहित शहरों में दिनो-दिन इस बीमारी से पीडि़त मरीजों की सं या बढ़ती जा रही है। वहीं स्वास्थ्य महकमा केवल खानापूर्ति में लगा हुआ है।

इसका सजीव उदाहरण पिछोर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में देखने को मिल रहा हैं यहाँ रोज बुखार से ग्रसित मलेरिया का परीक्षण कराने के 60 से 70 मरीज आते हैं और सिलाइडे बनाकर उसकी रिपोर्ट देने वाला कोई नहीं है। जबकि केन्द्र पर 3 टेक्नीशियन की नियुक्ति है परंतु कर्मचारियों की लापरवाही के कारण परिणाम मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।

इस कार्य हेतु केन्द्र पर तीन लैब टेक्नीशियन हरिशचंन्द्र चौरसिया, जितेन्द्र ब्यास व कु निधि ब्यास स्थाई रूप से पदस्थ हैं जिसमें कु निधि ब्यास ने तो हाल ही में मलेरिया क ा सात दिवस का प्रशिक्षण भी लिया हैं। बताया जाता हैं कि 17 जुलाई से एक भी स्लाईड की जॉच पिछोर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नही की गई है। अस्पताल में कार्यरत अन्य कर्मचारियो ने बताया कि तीनों एक-दूसरे पर काम करने की बात कहकर अपने कर्तव्य से मुॅह मोड़ लेते है। ऐसे में मरीज को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि जिला मु यालय से परीक्षण होने के बाद रिपोर्ट चार दिन बाद आती है और इस समय में मरीज का उपचार कैसे हो यह समझ से परे है।

मुख्यालय भेजने में बरती जाती है कोताही
पिछोर केन्द्र से जिला मु यालय तक स्लाइडे भेजने के लिए अस्पताल प्रबंधन के पास कोई पु ता इंतजाम नहीं है। ऐसे में यह स्लाइडे कभी किसी बस पर रखकर, तो कभी किसी शिवपुरी जाने वाली सवारी से निवेदन करके भेजी जाती है। ऐसे में स्लाइडे खोने या बदलने का डर बना रहता है।

इनका कहना है
पिछोर केन्द्र पर पदस्थ टेक्नीशियन काम में लापरवाही बरत रहे है। जबकि इस परीक्षण की सभी सुविधाएं उनके पास है। इस संबंध मै  सीएमएचओ को लिखित में शिकायत कर चुकी है। यह लापरवाही पिछले तीन माह से जारी है।
अलका त्रिवेदी
जिला मलेरिया अधिकारी शिवपुरी


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