प्रदेश का पहला धर्मांतरण का मामला अधूरा क्यों है

शिवपुरी। खनियांधाना थाने में दो लोगों पर दर्ज हुआ धर्म परिवर्तन का मामला प्रदेश का पहला मामला है। इस मामले में हिन्दू संगठन शिवपुरी पुलिस की प्रंशसा कर रहे हैं और  सवाल भी उठा रहे है। कि धर्म परिवर्तन करने वालों पर तो मुकदमा दर्ज हुआ परन्तु करवाने वालो पर क्या....... और धर्म परिवर्तन धन देकर हुआ था या किसी दबाव में यह अभी स्पष्ट नही हो पा रहा है।

जानकारी के अनुसार फरवरी 2014 में खानियांधाना के हिन्दू सगंठनो ने पूर्व कलेक्टर  आर के जैन से शिकायत की थी कि खानियाधांना क्षेत्र में हिन्दूओ को लालच या दबाब देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है।  शिकायत में ग्राम छिरवाहा पिछोर निवासी मनीराम जाटव एवं बुकर्रा खनियांधाना में रहने वाले तुलाराम जाटव के नाम भी बताए गए थे। पुलिस ने जब नामजद शिकायत की जांच की तो सामने आया कि मनीराम के साथ ही उसकी पत्नी ने भी अपना धर्म परिवर्तन कर लिया थाए जबकि तुलाराम द्वारा धर्म परिवर्तन का उसके परिजन विरोध कर रहे थे।

पुलिस ने जांच करने के बाद शिकायत को सही पाया और रिपोर्ट बनाकर पूर्व कलेक्टर को सौंपी थी। कलेक्टर की अनुमति के बाद ही पुलिस प्रकरण दर्ज कर सकती है मप्र स्वतंत्र धर्म परिवर्तन अधिनियम 1968 की धारा 5 में धर्म परिवर्तन के लिए कलेक्टर से अनुमित लेना आवश्यक है। एंटी कन्वर्शन लॉ की धारा 5 में वर्ष 2006 में संशोधन करते हुए इसमें समय सीमा तय की है। जिसके तहत एक माह पूर्व कलेक्टर को शपथ पत्र के साथ आवेदन देना होगा। कलेक्टर उस आवेदन को एसपी के पास भेजेंगे, वहां से वो आवेदन संबंधित थाना क्षेत्र के टीआई के पास जाएगा। थाना प्रभारी उसकी जांच करने के बाद रिपोर्ट एसपी को और वहां से वापस कलेक्टर को जाएगी। इसके बाद ही आवेदक धर्म परिवर्तन कर सकता है।

लेकिन इस धर्म परिवर्तन के मामले में कलेक्टर से कोई परिमिशन नही ली और स्थानीय हिन्दू सगठनो की नाम दर्ज शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है परन्तु इस मामले मेें कलमवीरो ने सवाल खडे कर दिए है कि यह धर्म परिवर्तन कानून के नियमो का उलघंन कर किया गया था और मामला भी दर्ज हो गया है जैसा कि बताया जा रहा है कि यह धर्म परिवर्तन धन का लालच देकर करवाया गया था, हो सकता है दबाव देकर भी करवाया गया हो, धर्म परिवर्तन करने वालो के खिलाफ मामला दर्ज हो गया है परन्तु करवाने वाले इस पिच्चर से क्यो गायब है इन पर क्यो मुकद्मा अभी तक दर्ज नही हो पाया है यह सवाल दमदारी से अभी खडे है इन सवालो का जबाब देना भी प्रशासन का उत्तरदाायित्व है।