व्यापमं घोटाला: सिपाही गिरफ्तार, दलाल भूमिगत

शिवपुरी। व्यापमं कांड से शिवपुरी में अछूता नही रहा है, शिवपुरी में भोपाल से आई एसटीएफ पुलिस ने कई स्थानों पर दबिश दी इस दबिश में एक युवक को गिरफ्तार किया है उक्त युवक फर्जी रूप से पुलिस आरक्षक की नौकरी में भर्ती हुआ है। खास बात यह है कि इस फर्जी नौकरी कांड में शिवपुरी के एक आरटीओ दलाल का नाम आ रहा है। पता चला है कि गिरफ्तारी के साथ ही संबंधित दलाल भूमिगत हो गया है।

पुलिस आरक्षकों की 2012 में हुई भर्ती के दौरान फजीवाड़े के मामले में भोपाल से आई एसटीएफ की टीम ने रविवार की रात को शहर के कई स्थानों पर दबिश दी। एसटीएफ ने शहर के सिद्धेश्वर कॉलोनी में रहने वाले एक युवक बंटी धाकड़ के घर पर पहुंच उसकी तलाश की लेकिन यह युवक पुलिस टीम के हाथ नहीं सका। एसटीएफ ने ठर्रा गांव के एक युवक रुस्तम धाकड़ को गिर तार किया है। यह युवक पुलिस आरक्षक के तौर पर भर्ती हुआ है। इससे पूछताछ के आधार पर ही छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया गया। रुस्तम ने स्थानीय लोगों के नाम बताए हैं, जो इस भर्ती कांड में शामिल रहे हैं।

ट्रेनिंगके दौरान पकड़ में आया रुस्तमरू रुस्तम धाकड़ ने 2012 में पुलिस आरक्षक की भर्ती के लिए शिवपुरी के सिद्धेश्वर कॉलोनी में रहने वाले बंटी धाकड़ को ढाई लाख रुपए दिए थे। इसके बदले में रुस्तम ने पुलिस आरक्षक की लिखित परीक्षा नहीं दी। रुस्तम की जगह दूसरे युवक ने परीक्षा दी। रिजल्ट आने के बाद रुस्तम का चयन आरक्षक के लिए हो गया। एसटीएफ ने जांच के बाद रुस्तम को ग्वालियर के तिघरा पुलिस ट्रेनिंग सेंटर से पकड़ा। इससे पूछताछ के आधार पर रविवार को बंटी धाकड़ के संदिग्ध ठिकानों पर दबिश दी। लेकिन बंटी को पुलिस टीम के आने की खबर लग गई और वह फरार हो गया।

एसटीएफपुलिस ने बताया है कि बंटी धाकड़ की गिर तारी के बाद ही यह रहस्य खुलेगा कि रुस्तम की जगह परीक्षा देने वाला स्कोरर कौन था। पुलिस ने बताया कि इस आरक्षक कांड के अलावा बंटी धाकड़ का एक भाई जो भोपाल के हमीदिया अस्पताल में बतौर डॉक्टर है, वह भी मामला सामने आने के बाद से फरार है। पुलिस इसकी भी तलाश कर रही है। पुलिस को संदेह है कि यह भी फर्जी तौर से पीएमटी के जरिए सेलेक्ट तो नहीं हुआ। दोनों भाईयों की पकड़ के बाद ही सच्चाई सामने सकेगी।

शिवपुरी समाचार डाट कॉम ने सबसे पहले ही शिवपुरी से जुडे है व्यापम घोटाले के तार , इस समाचार में शिवपुरी के एक आरटीओ के दलाल से काहानी प्रकाशित की थी की कैसे उसके कनेक्शन व्यापंम के कर्ताधर्ताओ से जुडे है और कैसे वह करोडपति बना है इस गिर तारी के बाद इस दलाल का भी नाम आया है,पुलिस ने अभी इस नाम को गुप्त रखा है ताकि वह इस पर पूरे सबूतो के साथ हाथ रख सके।