दलालों ने फर्जी विक्रेता खड़ा कर बेच दी 28 लाख की जमीन

शिवपुरी। कोतवाली पुलिस ने झांसी के एक प्रोपर्टी डीलर के साथ हुई धोखाधड़ी  के मामले में 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपियों में 3 दलाल व 6 भूमिस्वामी शामिल हैं। 

बताया गया है कि उक्त आरोपियों ने पूर्व में प्रोपर्टी डीलर को अन्य जमीनों के सौदे कराए थे। जिस कारण प्रोपर्टी डीलर का दलालों पर विश्वास स्थापित हो गया। इसी का फायदा दलालों ने उठाया और ग्राम जरगवां में चार अलग-अलग भूमियों के वास्तविक मालिकों के स्थान पर फर्जी मालिक खड़े कर दिए और उनके फर्जी पहचान पत्र तैयार कर रजिस्ट्रार कार्यालय में उक्त भूमि की अलग-अलग रजिस्ट्रियां करा दीं। प्रोपर्टी डीलर द्वारा उक्त भूमि 28 लाख रूपये में खरीदी थी। उक्त मामले में एक दलाल ग्राम थनरा तहसील करैरा की पटवारी का भाई भी शामिल है।

जब मामले का खुलासा हुआ तो प्रोपर्टी डीलर ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत आवेदन देकर की। जिसकी जांच के बाद पुलिस ने आरोपी पार्वती जाटव, नारायणी जाटव, कंचन उपाध्याय, विनोद यादव, फूल सिंह यादव, लाला राम सहित दलाल अखिलेश परिहार, मलखान सिंह और रामबाबू शाहू के खिलाफ भादवि की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। 

पीडि़त प्रोपर्टी डीलर सतीश शरण अग्रवाल पुत्र जगदीश शरण अग्रवाल उम्र 62 वर्ष निवासी केंट झांसी ने जानकारी देते हुए बताया कि अप्रैल माह में ग्राम थनरा की पटवारी अनीता परिहार के भाई अखिलेश यादव ने उन्हें 50 बीघा जमीन का सौदा कराया था। जिसमें अखिलेश यादव और उसके दो अन्य साथी मलखान यादव और रामबाबू ने उक्त भूमि के विक्रय के बाद दलाली की राशि भी ली थी। 

 इसी के साथ उक्त तीनों दलालों के संबंध उनके साथ बन गए और वह करैरा के आसपास के क्षेत्र में उन्हें भूमि की खरीददारी कराने लगे। जिससे उनका तीनों के ऊपर विश्वास कायम हो गया। जिसका फायदा उठाकर तीनों आरोपी दलालों ने मई और अप्रैल माह में ग्राम जरगवां में स्थित भूमि को उन्हें दिखाया। उक्त भूमि का उनके द्वारा सौदा कर लिया गया और आरोपियों ने उक्त भूमि का मूल्य 28 लाख रूपये तय कर लिया और चारों अलग-अलग जमीनों की रजिस्ट्री करा दी।

2.4 हेक्टेयर भूमि की मालिक श्रीमती पार्वती पत्नी चिंटूराम, नारायणी पुत्री शंकर सिंह जाटव के स्थान पर आरोपी दलालों ने किसी दूसरे को रजिस्ट्रार कार्यालय में खड़ा कर उनका फर्जी तैयार किया गया पहचान पत्र संलग्र कर भूमि की रजिस्ट्री सतीशशरण अग्रवाल के पक्ष में करा दी। इसी तरह .695 हेक्टेयर की मालिक श्रीमती कंचन उपाध्याय पुत्री हरप्रसाद उपाध्याय, 1 हेक्टेयर भूमि के स्वामी वीर सिंह पुत्र धनीराम यादव, 2 हेक्टेयर भूमि के स्वामी विनोद पुत्र रघुवीर, फूल सिंह पुत्र विशुननाथ के स्थान पर किसी अन्य को खड़ा कर रजिस्ट्री करा दी। जब पीडि़त को इस बात की जानकारी लगी तो उसने दलालों से संपर्क साधा और उनके साथ धोखे से हड़पी गई 28 लाख रूपये की राशि वापिस मांगी। आरोपियों ने वह राशि देने में आनाकानी की। इसके बाद उन्होंने पुलिस को शिकायती आवेदन देकर उनके साथ हुई धोखाधड़ी की जानकारी दी।