पार्षदों के बाद अब नपाध्यक्ष पद के आरक्षण पर टिकी नजरें

शिवपुरी। नगरपालिका पार्षद पदों के लिए आरक्षण तय होने के बाद के अब नपाध्यक्ष पद के लिए आरक्षण पर नजरें टिकी हुई हैं। अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण भोपाल से होगा और आरक्षण की तिथि अभी घोषित नहीं की गई है, परंतु उम्मीद की जा रही है कि विधानसभा सत्र के पश्चात आरक्षण होगा।

जहां तक शिवपुरी नगरपालिका का सवाल है। अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण सामान्य, पिछड़ा वर्ग पुरूष और पिछड़ा वर्ग महिला में से किसी एक का होगा। इन वर्गों के उ मीदवारों की राजनैतिक सक्रियता बढ़ रही है। नगरपालिका अध्यक्ष पद सन् 2009 में सामान्य वर्ग की महिला के लिए आरक्षित हुआ था। इस कारण सामान्य वर्ग की महिला की पर्ची नहीं डाली जाएगी। वहीं अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लिए भी आबादी के दृष्टिकोण से अध्यक्ष पद का आरक्षण नहीं होगा। ऐसी स्थिति में सामान्य, पिछड़ा वर्ग पुरूष और पिछड़ा वर्ग महिला की पर्चियां ही डाली जाएंगी।

यदि यह पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित होता है तो मुकाबला काफी रोचक होगा। कांग्रेस और भाजपा के अलावा निर्दलीय रूप से चुनाव लडऩे वाले उ मीदवारों की एक लंबी कतार है। कांग्रेस में उ मीदवारों की सं या जहां सीमित है। वहीं भाजपा की ओर से टिकटार्थियों की सं या उस तुलना में काफी अधिक है। पिछले चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के  बीच काफी जोरदार मुकाबला हुआ था, लेकिन वरिष्ठ भाजपा नेत्री यशोधरा राजे सिंधिया और उनके सुपुत्र अक्षय राजे ने अपनी प्रतिष्ठा को दाव पर लगाकर अध्यक्ष पद भाजपा की झोली में डाल दिया था। भाजपा प्रत्याशी रिशिका अनुराग अष्ठाना ने कांग्रेस प्रत्याशी आशा अजय गुप्ता को लगभग 5 हजार मतों से पराजित करने में सफलता प्राप्त की। भाजपा यह मानकर चल रही है कि नरेन्द्र मोदी और शिवराज लहर के चलते उनके लिए मुकाबला काफी आसान रहेगा। लेकिन एंटी इनकंबंसी फेक्टर भाजपा की राह में एक बड़ी बाधा है।

पर्यवेक्षकों का मानना है कि नपाध्यक्ष पद में पार्टियों की अपेक्षा उ मीदवारों की साख अधिक महत्वपूर्ण है। 2004 में भाजपा और कांग्रेस के मजबूत प्रत्याशी होने के बाद भी निर्दलीय जगमोहन सिंह सेंगर भारी बहुमत से विजयी हुए थे। चुनाव में भाजपा को अपने पिछले पांच साल का लेखा-जोखा भी प्रस्तुत करना होगा और यह फेक्टर मोदी और शिवराज लहर पर भारी पड़ गया तो भाजपा उ मीदवार के लिए चुनाव जीतना काफी कठिन होगा। इसके बाद भी चुनाव लडऩे के इच्छुक भाजपा उ मीदवारों की सं या काफी अधिक है। भाजपा के सभी गुटों के नेता चुनाव लडऩे के लिए लालायित हैं।

यशोधरा खेमे से उम्मीदवारों की दौड़ में नपा उपाध्यक्ष भानु दुबे, नपाध्यक्ष रिशिका अष्ठाना के पति अनुराग अष्ठाना, समाजसेवी और यशोधरा राजे के प्रति निष्ठावान डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता, तेजमल सांखला, पार्षद मनीष गर्ग मंजू, कपिल जैन, हरिओम राठौर, विमलेश गोयल, डॉ. राजेन्द्र गुप्ता सहित कई अपरिचित चेहरे भी शामिल हो सकते हैं। वहीं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर खेमे की ओर से नगर अध्यक्ष ओमप्रकाश जैन ओमी,जितेन्द्र जैन गोटू,  रीतेश जैन को दौड़ में शामिल बताया जा रहा है। कांग्रेस की ओर से अजय गुप्ता, जगमोहन सेंगर, राकेश गुप्ता और राकेश जैन के नाम फिलहाल उभर रहे हैं। पिछड़ा वर्ग पुरूष के लिए यदि अध्यक्ष पद आरक्षित होता है तो भाजपा की ओर से हरिओम राठौर, मण्डी उपाध्यक्ष कैलाश कुशवाह, भागीरथ कुशवाह, हरिओम नरवरिया आदि के नाम हैं। जबकि कांग्रेस में उ मीदवारों की दौड़ सीमित है। पिछड़ा वर्ग महिला के लिए अध्यक्ष पद आरक्षित होने की स्थिति में कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों से नेताओं की पत्नियां उपकृत की जा सकती हैं।