व्यापमं घोटाले में करैरा सीईओ की बेटी का नाम

शिवपुरी। व्यापंम घोटाले को लेकर जहां पूरे मप्र में हंगामा मचा हुआ है और स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ने मंत्री के साथ-साथ आईएएस, आईएफएस, आईपीएस अधिकारियों की गिरेवां तक अपने हाथ पहुंचा दिये हैं। प्रतिपक्ष के नेता सत्यदेव कटारे इस घोटाले को अब तक का सबसे बडा घोटाला मानते हैं। इसके सूत्र अब शिवपुरी जिले में भी मिलते दिखाई दे रहे हैं।

करैरा जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शिवकुमार श्रीवास्तव की पुत्री मोनिका श्रीवास्तव का नाम इस सूची में शामिल होना बताया गया है। इसके बाद शिवपुरी में कथित तौर पर एक विधायक का नाम भी चर्चा में आया है जिन्होंने पोहरी विधानसभा में एक ही परिवार के सात लोगों को इस व्यापंम घोटाले से लाभ दिलवाने में भूमिका अदा की है। पुलिस विभाग के तीन आरक्षक भी इस व्यपंम मामले में शामिल होना शिवपुरी से बताये जा रहे हैं। कुल मिलाकर व्यापंम घोटाले के सूत्र अब शिवपुरी जिले से जुडना शुरू हो गये हैं।

व्यापंम घोटाले को लेकर पूरे मप्र में खलबली मची हुई है। पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा उनके निज सचिव सुधीर शर्मा के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारियों के परिवार के सदस्यों के इसमें डॉक्टर, इंजीनियर, पुलिस, राजस्व, वन विभाग की परीक्षाओं में व्यापंम के माध्यम से भर्ती होने की तस्वीर सामने आती जा रही है। शिवपुरी जिले में भी करैरा जनपद के सीईओ का नाम आने के बाद अब यह सूत्र लग रहे हैं कि 13 राजस्व विभाग के पटवारियों की नियुक्ति शिवपुरी जिले से व्यापंम घोटाले के माध्यम से हुई है। तीन आरक्षक जिन्होंने मुरैना में जाकर पेपर दिये थे वह भी इस व्यापंम घोटाले में शामिल बताये जा रहे हैं।

वन विभाग के पांच लोगों के नाम भी इस व्यपम सूची में संदेहास्पद बने हुये हैं। जिला प्रशासन को इस बात की पुख्ता जानकारी मिलती चली जा रही है कि इस व्यापंम घोटाले में शिवपुरी से जुडे हुये कुल 36 अभ्यार्थी संदेहास्पद विभिन्न नियुक्तियों के माध्यम से बताये जा रहे हैं इसको लेकर बहुत गोपनीय तरीके से जांच पडताल की जा रही है।

राजस्व के मामले में सबसे ज्यादा संख्या व्यापंम घोटाले में कुल 36 लोगों में से निकल सकती है। अब देखना यह है कि इस मामले को लेकर किन-किन लोगों के नाम एसआईटी दल की जांच के बाद सामने आ सकते हैं। फिलहाल करैरा के सीईओ का नाम आने के बाद जिन लोगों ने व्यापंम के माध्यम से अपने बच्चों को शासकीय नौकरी में तैनात करवाया है उनकी नींदे उडी हुई हैं। व्यापंम की जांच एसआईटी के माध्यम से तो की ही जा रही है लेकिन प्रतिपक्ष कांग्रेस ने इस मामले को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर कोर्ट में भी उठाया है।