दोशियान का असली चेहरा उजागर

शिवपुरी। सिंध जलावर्धन योजना की लेटलतीफी के लिए असली दोषी दोशियान कंपनी है। जिस पर सिंध नदी के पानी को शिवपुरी लाने की जिम्मेदारी है। सारे अड़ंगे हटने के बाद अब दोशियान कंपनी का असली चेहरा उजागर हो गया है।

कंपनी को 8 जून से नेशनल पार्क क्षेत्र में कार्य की शुरूआत करनी थी और प्रबंधक हीरेन मकवाना का कहना था कि वह 9 जून को शिवपुरी आ जाएंगे, लेकिन न तो वह शिवपुरी आए और न ही उन्होंने काम शुरू करने के लिए मशीनें यहां भेजीं। सिर्फ एक दिन औपचारिकता निभाने के लिए नेशनल पार्क क्षेत्र में ले आउट डालने का कार्य अवश्य किया गया। वहीं जिन ठेकेदारों को दोशियान कंपनी से भुगतान लेना है। वे भी भुगतान के लिए भटक रहे हैं। 

लगभग एक साल पहले नेशनल पार्क में खुदाई और पाइप लाइन डालने के कार्य पर प्रतिबंध नेशनल पार्क प्रबंधन ने अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन के आरोप में लगा दिया था, लेकिन जनहित याचिका का निराकरण करते हुए हाल ही में मान. उच्च न्यायालय ने उस प्रतिबंध को समाप्त कर दिया था और काम शुरू होने में अब किसी तरह की बाधा नहीं थी। 

हालांकि एक साल पहले जब नेशनल पार्क क्षेत्र में काम रोका गया तो शहरी सीमा में भी कंपनी ने काम रोककर पहले से ही अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। जबकि शहरी सीमा में कार्य पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं था। शहर में लगभग 200 किमी की पाइप लाइन और पानी की टंकियों का निर्माण किया जाना है जो अभी तक नहीं हुआ है, लेकिन इसके बाद भी नपा कंपनी पर कार्य के लिए न तो दबाव डाल पाई और न ही उनके खिलाफ कोई कार्रवाई कर पाई। 

सूत्र बताते हैं कि कंपनी ने कार्य से काफी अधिक भुगतान नगरपालिका से पहले ही ले लिया है, लेकिन जिन ठेकेदारों से कंपनी ने कार्य कराया है उन्हें भुगतान नहीं किया है। सूत्र यह भी बताते हैं कि इस तरह से लगभग 1 करोड़ रूपये से अधिक दोशियान कंपनी को ठेकेदारों का भुगतान करना है। कंपनी की मंशा इससे भी जाहिर होती है कि नेशनल पार्क क्षेत्र में कार्य पर प्रतिबंध के पश्चात कंपनी ने शिवपुरी में अपने द तरों में ताले डाल दिए और समस्त स्टॉफ को मु यालय अहमदाबाद बुला लिया। 

एक बार तो विधायक और उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया द्वारा आहुत बैठक में कंपनी का कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा, लेकिन जब दूसरी बार प्रशासन ने स ती दिखाई तो कंपनी के डायरेक्टर रक्षित दोशी शिवपुरी आए और उनके तथा प्रशासन के बीच सहमति बनी कि 8 जून से जलावर्धन योजना का कार्य हर स्थिति में शुरू कर दिया जाएगा। जैसे-जैसे समय गुजर रहा है वैसे-वैसे जलावर्धन योजना पर लगातार खतरे के बादल मंडराते जा रहे हैं और सिंध का पानी यदि शिवपुरी लाना है तो दोशियान कंपनी पर दबाव बढ़ाए बिना यह संभव नहीं है।


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