पढ़िए आचार संहिता के नियम निर्देश

शिवपुरी। आचार संहिता लागू है, क्या कर सकते हैं क्या नहीं कर सकते, इसकी पूरी जानकारी प्रशासन ने प्रत्याशियों एवं आम जनता के ध्यानार्थ प्रेषित की है। पढ़िए क्या हैं नियम, और कैसे करें पालन:-

24 घण्टे काम करेगा चुनाव कंट्रोल रूम

शिवपुरी। रिटर्निंग आफिसर और कलेक्टर श्री आर.के.जैन के निर्देश पर कलेक्ट्रेट कार्यालय में लोकसभा चुनाव से संबंधित सूचनाओं के लिए कंट्रोल रूम शिकायत प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है। इस कंट्रोल रूम में नोडल अधिकारी के रूप में आईयू खान जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग को नियुक्त किया गया है और बी.के.माथुर सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्या कल्याण विभाग को कंट्रोल रूम का प्रभारी बनाया गया है। यह कंट्रोल रूम अनवरत रूप से 24 घण्टे खुला रहेगा जिसमें 8-8 घण्टे के अंतराल से कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

चार दिन पहले देना होगी स्टार प्रचारकों की सूचना

शिवपुरी। लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए आने वाले स्टार प्रचारकों की सूचना संबंधित अभ्यर्थी या राजनैतिक दलों को चार दिन पहले देना होगी। इसके साथ ही जो प्रत्याशी स्टार प्रचारक बुलाता है उसे हैलिकाप्टर या वायुयान हेतु दस हजार रूपयें के मान से बतौर शुल्क के रूप में जमा करना होगें और यह राशि प्रत्याशी के चुनाव खर्च में जोड़ी जावेगी।

100 मीटर की परिधि के बाहर रहेगें मोबाइल फोन

शिवपुरी। लोकसभा निर्वाचन के अंतर्गत मतदान दिवस 17 अ्रप्रैल 2014 को मतदान संपन्न होने तक कोई भी व्यक्ति मतदान केन्द्र की 100 मीटर की परिधि में मोबाइल या कोडरेस फोन का उपयोग नहीं कर सकेगा। लेकिन यह प्रतिबंध पीठासीन अधिकारी एवं निर्वाचन आयोग के प्रेक्षक, सुरक्षा में लगे अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारियों पर लागू नहीं होगा। उक्त अधिकारी अपना मोबाइल फोन रख तो सकेगें लेकिन उसे साइलेंट मोड पर रखना होगा। इस आशय के आदेश रिटर्निंग आफिसर और कलेक्टर आरके जैन ने जारी किए गए है।

राजनैतिक दलों की सभाओं के लिए जिले में स्थान सुनिश्चित

शिवपुरी। रिटर्निंग आफिसर एवं कलेक्टर आरके जैन ने कहा कि लोकसभा निर्वाचन के अंतर्गत आयोजित की जाने वाली राजनैतिक सभाओं के लिए जिले की पांच विधानसभा क्षेत्रों में स्थान चिन्हित किए गए है, इन स्थानों पर संबंधित रिटर्निग आफिसर से पूर्वानुमति लेकर सभाओं का आयोजन किया जा सकेगा। यह अनुमति पहले आऐ पहले पायें के सिद्धांत के आधार पर दी जावेगी।
 

प्रत्याशियों को सभी लेन-देन बैकों के माध्यम से करना होगा

शिवपुरी। लोकसभा निर्वाचन के अंतर्गत पैसे के अवैध लेन-देन पर नजर रखने हेतु के उद्देश्य से भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्देश दिए गए है। कि प्रत्याशी सभी प्रकार के लेन-देन बैकों के माध्यम से करे तथा बैंकर्स एक लाख रूपयें तक के नगद व 10 लाख या उससे अधिक राशि के संदेहास्पद लेन-देन की जानकारी प्रतिदिन जिला निर्वाचन अधिकारी को उपलब्ध कराऐंगे। आयोग ने अभ्यथियों को भी ताकिद दी है कि वे निर्वाचन से संबंधित व्यय के लिए पृथक से खाता खोले। जिसकी जानकारी अपने नामांकन पत्र के साथ रिटर्निंग आफिसर को उपलब्ध करावें। यह बात आज कलेक्टर आर.के.जैन ने बैंकर्स व राजनैतिक दलों की बैठक में बताई। बैठक में सीईओं जिला पंचायत मधुकर अग्नेय, एडीएम दिनेश जैन, उपजिला निर्वाचन अधिकारी पीके श्रीवास्तव, व्ययलेखा प्रभारी श्री पेंकरा सहित बैंकर्स व राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

वाहनों की अनुमति के लिए कमेटी गठित 

शिवपुरी। लोकसभा चुनाव के लिए आयोग के निर्देशानुसार अभ्यर्थी को वाहनों की अनुमति प्रदान करने हेतु एक कमेटी गठित की गई। यह कमेटी एडीएम दिनेश जैन के नेतृत्व में कार्य करेगी। इस कमेटी में जानकी लाल वर्मा उपयंत्री जल संसाधन विभाग, भुवनेश भार्गव उपयंत्री प्रधानमंत्री सड़क पीआईयू-2,  जेके श्रीवास्तव उपयंत्री प्रधानमंत्री सड़क पीआईयू-1, जय दिवाकर उपयंत्री पीएचई, रवि कुमार श्रीवास्तव उपयंत्री पीएचई, केएन पारासर सहायक ग्रेड-2 कलेक्ट्रेट, दिनेश शर्मा सहायक ग्रेड-2 स्थानीय निर्वाचन कार्यालय, राकेश शर्मा सहायक ग्रेड-2 कलेक्ट्रेट, मुकुन्द भार्गव सहायक ग्रेड-3 कलेक्ट्रेट, विनोद श्रीवास्तव सहायक ग्रेड-3 स्थानीय निर्वाचन कार्यालय और विजय शर्मा सहायक ग्रेड-3 की ड्यूटी लगाई गई है।

ई-पेमेन्ट से होगा चुनाव कर्मियों का भुगतान 

शिवपुरी। लोकससभा निर्वाचन में माइक्रो आब्जर्वर, सेक्टर मजिस्ट्रेट, जोनल आफिसर, पीठासीन अधिकारी, मतदान अधिकारी क्रमांक-एक, दो और तीन का इस माह निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रशिक्षण होना है। चुनाव में लगे अधिकारी एवं कर्मचारियों को मानदेय ई-पेमेट के माध्यम से सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाऐं। जिला पंचायत सीईओ मधुकर अग्नेय ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान संबंधित अधिकारी कर्मचारियों को ड्यूटी आदेश एवं अपने बैंक खाते की प्रथम छायाप्रति साथ लाकर प्रशिक्षण अधिकारी को उपलब्ध करावें। क्योंकि प्रशिक्षण स्थल पर ही जानकारी निर्धारित प्रारूप में भरना होगी ताकि मानदेय भुगतान में किसी भी प्रकार की त्रुटि न हो सकें।