अपने ही बयानों से मुकर रहे हैं सीएम और स्वास्थ्य मंत्री: राकेश जैन

शिवपुरी। जिस प्रदेश का मु यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और तो और लोकसभा चुनावों में आदर्श आचरण और ईमानदारी का स्वांग रचने वाले भाजपा प्रत्याशी जयभान सिंह पवैया स्वयं अपने बयानों से मुकर जाए और अपने ही बयानों पर झूठे साबित हो इसे ओछी राजनीति की मानसिकता कहा जाए तो अतिश्योक्ति ना होगा,
यह इसलिए क्योंकि विकास के प्रेरणास्त्रोत श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केन्द्र सरकार द्वारा जो मेडीकल कॉलेज मंजूर कराए उसमें शिवपुरी भी शामिल है ऐसे में शिवपुरी आकर अपने बिना तथ्यपरक बयानों से प्रदेश के सीएम जनता को भड़काने और बरगलाने की कोशिश कर रहे है क्योंकि यह बात स्वयं लोकसभा के भाजपा प्रत्याशी जयभान सिंह 29  मार्च को अशोकनगर में हुई प्रेसवार्ता में स्वीकार करते है कि शिवपुरी का मेडीकल कॉलेज मु यमंत्री के एजेंडें में शामिल था दूसरी ओर स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा जिन कागजी टुकड़ों पर मेडीकल कॉलेज बनाने की बात कह रहे है वह भी निराधार है क्योंकि किसी भी योजना को मंजूरी प्रदान करने के लिए पहली प्रक्रिया कागजी कार्यवाही ही होती है। इस प्रकार से खुद के दिए बयानों पर सीएम व स्वास्थ्य मंत्री स्वंय झूठे साबित हो रहे है। यह बयान दिया शहर कांगे्रस अध्यक्ष राकेश जैन आमोल ने जिन्होंने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से श्रीमंत के विकास में शामिल और अपने मंत्रीत्व काल में शिवपुरी में मेडीकल कॉलेज की मंजूरी पर उठाए जा रहे सवालों को जबाब देते हुए कही।

शहर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश जैन आमोल ने प्रदेश सरकार के बयानों की निंदा करते हुए कहा कि प्रदेश के विदिशा जिले में जो मेडीकल कॉलेज खोला जाना है उसका शिलान्यास तो मु यमंत्री ने श्रीमती सुषमा स्वराज की उपस्थिति में 20 सित बर 2013 को ही कर दिया था जबकि उस समय तो केन्द्र सरकार द्वारा इसकी स्वीकृति भी राज्य सरकार को प्राप्त नहीं हुई थी, इस तरह यह शिलान्यास भी झूठा साबित होता है। इसके साथ ही यदि मेडीकल कॉलेज की मंंजूरी व स्वीकृति की बात की जाए तो यहां बताना होगा कि शिवपुरी कॉलेज को केन्द्र सरकार की स्वीकृति म.प्र. सरकार को लिखित रूप में दी गई। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विश्वास मेहता के पत्र क्रमांक ष्ठ.ह्र.हृह्र..१२०१२/४६/२०१२-रूश्व(क्कढ्ढढ्ढ) दिनांक 19 फरवरी 2014 अजय तिर्की प्रमुख सचिव म.प्र.सरकार को भेजी गई है। इससे यह साबित होता है कि दतिया, विदिशा में जो मेडीकल कॉलेज खोले जा रहे है और जिनके शिलान्यास हो गए है ये सभी कॉलेज भी उसी आदेश पत्र में शामिल है जिसमें शिवपुरी कॉलेज को मंजूरी दी गई।