अंधे हत्याकाण्ड बनेंगें पुलिस का सिरदर्द

शिवपुरी-दिनदहाड़े नगर में अलग-अलग स्थानों पर हुई तीन हत्याओं को लेकर शहरवासी हलाकान है। इन मामलों का खुलासा ना होना भी कई अपराधियों के बुलंद हौंसलों पर पर्दा डालने जैसा प्रतीत हो रहा है आखिर आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित पुलिस इन मामलों पर कोई ठोस कार्यवाही क्यों नहीं कर पा रही, यह एक बड़ा प्रश्र है।
बात चाहे अभी-अभी राजेश्वरी रोड़ स्थित प्रेमलता हत्याकाण्ड हो या पूर्व में हुई कमलागंज में मूकबधिक महिला की हत्या अथवा वीर सावरकर कॉलोनी में बैंक मैनेजर की गला रेतकर हत्या, यह सभी मामले पुलिस के लिए सिरदर्द का सबब बनते नजर आ रहे है। जिसमें कोई खास सफलता पुलिस के हाथ नहीं लग सकी है।

बताना मुनासिब होगा कि इन हत्याओं को अंजाम देने वाला जो भी हो उसका मकसद लूट ही सामने नजर आता है क्योंकि तीनों ही मामलों में जिस प्रकार से गला घोंटकर, गला रेतकर हत्याऐं की गई है। इन मामलो में अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध पुलिस ने मामला तो पंजीबद्ध कर लिया है लेकिन कार्यवाही निष्ठुर बनी हुई है।

कमलागंज में दिन दहाड़े मूकबधिर महिला की उसके ही घर में हत्या हो गई, जब कारण जाना तो पता चला कि घर में अज्ञात बदमाश घुसे और लूटपाट कर रहे थे जिस पर महिला ने इन बदमाशों का विरोध किया तो उन्होंने महिला की ही आवाज बंद कर दी और घर में रखे सोने-चांदी के जेवरात चुरा ले गए। यह मामला अभी भी ठण्डे बस्ते में पड़ा है।

वीर सावरकर कॉलोनी की बात करें तो यहां बैंक मैनेजर की दिनदहाड़े उसके ही घर में गला रेतकर हत्या कर दी गई। बैंक मैनेजर की लाश मिलने पर स्थानीय लोगों में भय का वातावरण बना और पुलिस को सूचना दी। जिस पर पुलिस ने बारीकी से घटनास्थल का निरीक्षण किया लेकिन मामले में कोई कार्यवाही अब तक नहीं हो सकी। काफी माथापच्ची के बाद आज भी यह केस कार्यवाही के इंतजार में है लेकिन पुलिस का इस ओर ध्यान शायद है ही नहीं यही कारण है कि इन केसों में बढ़ोत्तरी होती जा रही है।

अभी-अभी की बात करें तो 19 फरवरी को घर में अकेली महिला प्रेमलता गौड़ की गला दबाकर हत्या हो गई। जब परिजन लौटकर आए तो पता चला कि घर में 10 तौला सोना और चांदी के जेवरात गायब है जिससे मामला पूरी तरह लूट का नजर आता है। जहां बदमाशों की लूट का विरोध महिला ने किया तो संभवत: बदमाशों ने महिला की गला दबाकर हत्या कर दी। पुलिस ने घटना की सूचना मिलते ही मामला जांच में लिया, लेकिन घटना के आज चार दिनों बाद भी पुलिस के हाथ कोई खास सबूत नहीं लगा। जिससे यह मामला भी पेंडिंग में ही जान पड़ता है।