सिंधिया का सामना करने पवैया को उतार रही है भाजपा!

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शिवपुरी। जनता के बीच पैठ और अपना वरदहस्त बनाने वाले केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस बार लोकसभा चुनाव जीतना आसान ना हो इसके लिए भाजपा भी पूरी दमदारी से चुनाव लडऩे की जुगत में है।

अभी कुछ दिनों पहले पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती का नाम सामने आ रहा था लेकिन अचानक ही पार्टी ने उन्हें उत्तराखण्ड का प्रभारी बना दिया तो उमा भारती के यहां से चुनाव लडऩे की गुंजाईश भी खत्म हो गई, बाबजूद इसके भाजपा कोई कोर कसर नहीं छोडऩा चाहती इसलिए संघ से जुड़े वरिष्ठ नेता जयभान सिंह पवैया के नाम पर विचार किया जा रहा है।  चूंकि जयभान सिंह पवैया की वाकपटुता और शैली का प्रभाव आमतौर पर कई जगह देखने को भी मिला है इससे भाजपा श्री पवैया को सिंधिया के मुकाबले मानकर चल रही है।

गुना शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के तयशुदा उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया के मुकाबले भाजपा की उम्मीदवार की खोज जारी है। उम्मीदवार चयन हेतु भाजपा कार्यकर्ताओं से भी रायशुमारी कर रही है। सूत्र बताते हैं कि कार्यकर्ताओं की पहली पसंद पूर्व मुख्यमंत्री साध्वी उमा भारती हैं। वहीं दूसरी पसंद के रूप में पूर्व सांसद जयभान सिंह पवैया का नाम निकलकर सामने आ रहा है जो कि ग्वालियर से विधायक हैं।

आश्चर्यजनक रूप से पैनल में शामिल पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा और केएल अग्रवाल को कार्यकर्ताओं ने अधिक तवज्जो नहीं दी है। इससे इस तरह के आसार बन रहे हैं कि भाजपा गुना में मुकाबले को रोचक बनाने के लिए जयभान सिंह पवैया को मैदान में उतार सकती है।

श्री पवैया भाजपा की राजनीति में एक जाना पहचाना नाम है। श्री पवैया ग्वालियर से सांसद निर्वाचित होने के पूर्व हुए चुनाव में स्व. माधवराव सिंधिया को कड़ी चुनौती दे चुके हैं। श्री सिंधिया उस वक्त मामूली अंतर से चुनाव जीत पाए थे, लेकिन अगले चुनाव में वह ग्वालियर का मैदान छोड़कर गुना चले आए थे। यह बात अलग है कि श्री सिंधिया के ग्वालियर से जाने के बाद जयभान सिंह पवैया चुनाव तो जीत गए, परंतु अपनी लय को कायम नहीं रख पाए और उन पर आरोप लगा कि वह सिंधिया से बड़े श्रीमंत हैं और अगले चुनाव में वह कांग्रेस उम्मीदवार रामसेवक बाबूजी से चुनाव हार गए।

संघ में श्री पवैया को क्षमतावान नेता माना जाता है और उनकी छवि खासी आक्रामक है। भाजपा ने 2014 के चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए कट्टर हिंदुवादी छवि के नरेन्द्र मोदी को प्रोजेक्ट किया है। उस दृष्टि से भी श्री पवैया की उम्मीदवारी काफी वजनदार मानी जा रही है और ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि मोदी लहर में पवैया कांग्रेस उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया को कड़ी टक्कर देंगे।

पिछले दिनों भाजपा संगठन से जुड़े अरविंद कोटेगर उम्मीदवार चयन की दृष्टि से रायशुमारी हेतु संसदीय क्षेत्र में गए थे। शिवपुरी, गुना और अशोकनगर के कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक से स्पष्ट है कि अधिकांश कार्यकर्ताओं की पहली पसंद जहां उमा भारती हैं। वहीं दूसरी पसंद के रूप में कार्यकर्ताओं ने जयभान सिंह पवैया का नाम बढ़ाया है।

सूत्र बताते हैं कि उमा भारती गुना शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लडऩे के लिए इच्छुक नहीं हैं और भाजपा ने उन्हें उत्तराखण्ड का प्रभारी भी नियुक्त कर दिया है। ऐसे में नजरें जयभान सिंह पवैया पर केन्द्रित हो गई हैं। अभी तक उम्मीदवार के रूप में अनूप मिश्रा और केएल अग्रवाल के नाम चर्चा में थे।

दोनों ही पूर्व मंत्री रहे हैं और विधानसभा चुनाव में पराजित भी हो चुके हैं। श्री मिश्रा तो स्थानीय भी नहीं हैं। अग्रवाल अवश्य गुना शिवपुरी संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और मंत्री के रूप में सांसद सिंधिया से उन्होंने पंगा भी खूब लिया था, लेकिन राजनैतिक हल्कों में दोनों संभावित उम्मीदवारों को डमी बताया जा रहा है।

उम्मीदवार के रूप में देशराज सिंह यादव और सेवा निवृत्त डीआईजी हरि सिंह यादव का नाम भी चर्चा में हैं, लेकिन संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस ने यादवों को अधिक प्रतिनिधित्व दिया है। प्रदेशाध्यक्ष भी अरूण यादव हैं। देशराज सिंह, सिंधिया के सिपहसालार महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा से मुंगावली में भारी बहुमत से हार चुके हैं और हरि सिंह यादव कार्यकर्ताओं की भी पसंद नहीं हैं। ऐसे में तो फिलहाल जयभान सिंह पवैया का नाम ही उम्मीदवारों की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है।


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