ये साले सुअर तो सिंधिया से ज्यादा पॉवरफुल हो गए

शिवपुरी। क्या एक शहर के लिए आवारा सुअर भी समस्या हो सकते है ? हां हो सकते हैं, शिवपुरी में हो गए हैं। इतनी बड़ी समस्या कि मध्यप्रदेश शासन की केबीनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया भी उन्हें शहर से बाहर नहीं करवा पा रहीं।

शिवपुरी विधायक और कैबीनेट मंत्री बनी यशोधरा राजे सिंधिया के फरमान का असर इन दिनों नगर पालिका पर तनिक भी नजर नहीं आता यही कारण है कि आज यशोधरा की डेडलाईन खत्म होने के बाद नगर में सैकड़ों विभिन्न जगह विचरण करते हुए देखे जा सकते है जबकि यशोधरा ने सख्त निर्देश दिए कि थे उनके आने पर नगर में सूअर नजर नहीं आने चाहिए इसके बाबजूद भी यशोधरा के मंत्री बनने के बाद शिवपुरी में प्रथम नगरागमन पर सूअर मालिक भी रोड़ पर चलते-फिरते नजर आए ताकि कोई सूअर उनके सामने ना आ जाए और यशोधरा के कोप का भाजन ना बनना पड़े।

हालांकि अब तो यशोधरा के जाने के बाद भी सूअर नगर में चहुंओर देखने को मिल जाऐेेंगें। नगर के पुरानी शिवपुरी इमामबाड़ा क्षेत्र में सूअरों की चहलकदमी के कारण लोगों का रास्तों से निकलना दूभर हो रहा है कई बार नगर  पालिका को शिकायत भी की गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं। नगर में सिपाईयन मोहल्ला, आदिवासी बस्ती, पीएसक्यू लाईन, जवाहर कॉलोनी, नपा उपाध्यक्ष निवास के समीप, लुधावली आदि सहित शहर के अनेक ऐसे स्थल है जहां सूअरों की धमाचौकड़ी देखी जा सकती है।

नगर पालिका शिवपुरी ने जब स्वयं सूअरों को बाहर नहीं किया तो पहली बार विज्ञप्ति प्रकाशित कर सूअरों को भगाने की प्रक्रिया अपनाई गई लेकिन लाखों-रूपये की राशि को बंदरबांट करने के बाबजूद भी बाहर से कोई व्यापारी सूअरों को ना तो खरीदने आया और ना ही उन्हें बाहर करने में दिलचस्पी दिखाई। ऐसे में नपा की इस कार्यवाही पर भी अब सवालिया निशान लगता नजर आ रहा है कि समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रकाशित करने के बाद भी सूअर आज नगर में चहुंओर व्याप्त है जबकि नपा के स्वास्थ्य अधिकारी-बार बार यह बयान देते है कि फलां दिन हमने सैकड़ों सूअरों को शहर से बाहर कर दिया, यदि यही हालात रहे तो एक ना एक दिन यशोधरा की गाज नपा के अधिकारी-कर्मचारियों पर गिरना तय है। हालांकि अभी भी नगर में सैकड़ों सूअरों के विचरण के कारण लोगों को काफी परेशानी आती है जबकि यशोधरा के कहने पर सूअर मालिकों के विरूद्ध एसडीएम से आदेश प्राप्त कर 7 कर्मचारियों को जहां निलंबित कर दिया तो वहीं कई कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस भी थमा दिए गए। इसके साथ ही सूअर मालिकों से सहयोग की भावना नगर पालिका भी बनाए हुए है लेकिन लगता है कि सूअर मालिकों के असहयोग और निजी स्वार्थों के कारण सूअर शहर से दूर नहीं जा पा रहे भले ही नगर पालिका सूअर भगाने का ढिंढोरा पीटती रहे लेकिन आज भी नगर में सूअरों की चहलकदमी व्याप्त है। अब देखना होगा कि नपा इन सूअरों को भगाने के लिए कोई कार्य योजना बनाती है या फिर यह मामला भी आया-गया ही नजर आएगा इसके बाद यशोधरा राजे के संज्ञान को भी गंभीरता से लिया जाएगा या नहीं, यह बातें और सवाल भी आमजन के जेहन में है अब यशोधरा के द्वारा आगे क्या किया जाएगा यह भी देखने वाली बात होगी।

सूअर पालकों के विरूद्ध हो सकती है कार्यवाही

नगर पालिका शिवपुरी के स्वास्थ्य अधिकारी अशोक शर्मा द्वारा बताया गया है कि जिन सूअर पालकों ने सूअर भगाने में नपा को सहयोग नहीं दिया उनके खिलाफ एक ओर तो निलंबन की कार्यवाही की जाएगी तो वहीं दूसरी ओर उनके विरूद्ध पुलिस में मामला भी दर्ज हो सकता है। बताया जाता है कि धारा 188 के तहत सूअर पालकों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रावधान है यदि वह सूअर पालन करते है और नपा को सहयोग नहीं करते इस कार्यवाही की जद में ऐसे सूअर पालक आ सकते है। अभी कुछ दिनों पूर्व ही हुई कार्यवाही का असर भी देखने को मिला था जब कई सूअर पालकों ने सूअर भगाने में नपा को सहयोग किया था और इसके लिए उनकी हौंसला अफजाई भी नपा के अधिकारियों ने की थी।