जब जबलपुर हाईवे को अनुमति मिल सकती है तो शिवपुरी के विकास को क्यों नहीं

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उपदेश अवस्थी/भोपाल। विषय गंभीर है, लेकिन उनके लिए बहुत उपयोगी है जो सचमुच शिवपुरी का विकास चाहते हैं। यह बहुत जरूरी है कि इस बात पर ध्यान दिया जाए कि सरकारें शिवपुरी के विकास के प्रति गंभीर क्यों नहीं हैं।

अभी हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से भोपाल—जबलपुर फोरलेन हाईवे के निर्माण की मंजूरी हासिल की है। वो भी पर्यावरण के टंटे में उलझा हुआ था। ठीक वैसे ही जैसे कि शिवपुरी का पूरा विकास रुक गया है। हाईवे के प्रोजेक्ट पर पर्यावरण और जंगलों की सुरक्षा के नाम पर आपत्ति जताई गई थी तो मध्यप्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में चली गई। तय किया गया कि जहां जहां जंगल आएंगे, हाईवे को जंगल के उपर से निकाल दिया जाएगा। बस निकल आया हल, मिल गई परमिशन।

सवाल यह उठता है कि शिवपुरी के मामले में ऐसा क्यों नहीं होता। यहां एक अदनी सी आपत्ति सालों तक शिवपुरी को परेशान करती है। तमाम माननीय उस आपत्ति के हटाने के प्रयास का ड्रामा करते हैं। विकास की बातें की जातीं हैं। जिस स्तर के विकास कार्यों का शिलान्यास दूसरे शहरों में पार्षद कर दिया करते हैं, शिवपुरी में विधायक और मंत्री आते हैं।

नेशनल हाईवे के किनारे बसे इस शहर में विकास की अपार संभावनाएं हैं। यहां कुछ भी किया जा सकता है, कुछ भी। ट्रांसपोर्टेशन सुलभ है तो सबकुछ सुलभ है परंतु फिर भी शिवपुरी मध्यप्रदेश के सबसे पिछड़े जिलों में शामिल क्यों है।

कहीं ऐसा तो नहीं कि शिवपुरी की आवाम नेताओं पर डिपेंड बनी हुई है, इसलिए या फिर वो सारी उम्मीदें ही छोड़ चुकी है। यह मध्यप्रदेश का वो शहर है जहां से कभी संघर्ष की आवाज ही नहीं आती। आमजन कभी किसी मुद्दे पर एकजुट दिखाई नहीं देता। क्राइम के अलावा केवल राजनीति की खबरें ही यहां प्रमुख हुआ करतीं हैं। प्रदेश के कई शहर, थ्री टीयर सिटी की दौड़ में शामिल हो गए हैं परंतु शिवपुरी जो एक जमाने में टू टियर सिटी हुआ करती थी, अब इस दौड़ का हिस्सा भी नहीं रह गई है।

विचार कीजिए और केवल विचार मत कीजिए, अपनी शिवपुरी के लिए कुछ नया करने की योजना तैयार कीजिए। एक सकारात्मक पहल शुरू कीजिए। हाईकोर्ट अपने शहर से भी ज्यादा दूर नहीं है और सुप्रीम कोर्ट का रास्ता भी यहीं से होकर जाता है। जनता यदि सड़कों पर आ गई तो नेताओं की दुकानों पर लगीं तख्तियां भी बदल जाएंगी और एक बार फिर शिवपुरी डवलप्ड सिटी में कन्वर्ट होने लगेगी।

आमीन!
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