वीरेन्द्र रघुवंशी ने हार का ठीकरा ज्योतिरादित्य पर फोड़ा

शिवपुरी। कांग्रेस में मचती कलह अब शांत होने का नाम नहीं ले रही और इन दिनों शिवपुरी के कांग्रेस के पराजित प्रत्याशी वीरेन्द्र रघुवंशी का पाला गरम है यही कारण है कि गाहे-बगाहे वह अब जब भी मीडियाकर्मियों से रूबरू होते है तो अपना ठीकरा अपने ही श्रद्धेय माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया पर फोडऩे से जरा भी गुरेज नहीं करते।

यह बात आज उस समय और सच साबित होती नजर आई जब भोपाल में सहारा समय चैनल द्वारा वीरेन्द्र रघुवंशी का साक्षात्कार लिया जा रहा था जिसमें उन्होनें साफतौर से कांग्रेस की सीमा रेखा को लांघकर अपनी हार के लिए सीधा जि मेदार ज्योतिरादित्य सिंधिया को ठहरा दिया और अपनी बुआ यशोधरा राजे ङ्क्षसधिया के प्रचार करने में भरपूर साथ देने का आरोप लगाया।

टीवी कार्यक्रम में वीरेन्द्र रघुवंशी ने साफगोई से स्वीकार किया कि यदि अब कांग्रेस को बचाना है तो पहले कांग्रेसियों को बचाना होगा क्योंकि कांग्रेस के ही दिग्गज जब अपने ही कांग्रेसी साथियों का साथ नहीं देंगें तो परिणाम यही नजर आऐंगें। श्री रघुवंशी यह टिप्पणी उस समय की जब वह अपने मन का गुबार टीवी चैनल पर निकाल रहे थे और बार-बार ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपनी हार के लिए जबाबदार मान रहे थे उन्होंने आरोप लगाया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनकी आमसभा में महज 30 सेकेण्ड देकर उनके मंसूबों पर पानी फेरने का काम किया और बाकी का काम यशोधरा राजे सिंधिया ने पूरा कर दिया।

इस प्रकार से बुआ-भतीजों ने मिलकर वीरेन्द्र रघुवंशी को हराया है ना कि कांगे्रसियों ने, दिए गए इंटरव्यू में श्री रघुवंशी ने राहुल गांधी को भी नसीहत दे डाली कि यदि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को विजयश्री हासिल करनी है तो बड़े-बड़े दिग्गजों को एकजुट कर कार्य करने की सलाह दें अन्यथा की स्थिति में विधानसभा चुनाव जैसी स्थिति निर्मित होनी तय है। यहां भरे मंच से दिए गए इस इंटरव्यू ने कांग्रेसियों के होड़ दिए है। लगातार बार-पर-बार करते हुए जिस प्रकार से वीरेन्द्र रघुवंशी ने ज्योतिरादित्य पर हमला किया है उससे अब कांग्रेस में कलह मचना तय है।

संभव है कि कई कांग्रेसजन इस साक्षात्कार से रूष्ट होकर वीरेन्द्र का ही विरोध करें। हालांकि इस साक्षात्कार के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी किसी प्रकार से टीका-टिप्पणी नहीं की जबकि कांग्रेस के राहुल गांधी ने जरूर आज मप्र में कांग्रेसियों की क्लास ले डाली। अब यह बात अलग है कि वह जिन कांग्रेसियों को नसीहत देकर एकजुटता का पाठ पढ़ा रहे थे तो वहीं दूसरी ओर उनकी ही कांग्रेस का एक नेता सरेआम अपने ही वरिष्ठ नेता पर आरो-प्रत्यारोपों की बौछार जनता-जनार्दन के समक्ष कर रहा था।