तात्या का 200वां जन्मोत्सव पर डीआईजी ने कहा सिंहो के राज्य अभिषेक नहीं होते

शिवपुरी। सिंहो के राज्य अभिषेक नहीं होते वे अपने शौर्य, पराक्रम, बल व वीरता से स्वयं जंगल के राजा बन जाते है उपरोक्त विचार सीआरपीएफ के द्वारा संचालित सी.ए.टी.स्कूल के प्राचार्य और डायरेक्टर जनरल पुलिस श्री ए.के.सिंह ने अमर शहीद तात्याटोपे की 200वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में मु य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि तात्याटोपे न तो किसी राज्य वंश से संबंधित थे और न ही किसी यौद्धाओं के वंश में उन्होंने जन्म लिया था। तात्या ने अपने स्वार्जित पराक्रम और बल से अंग्रेजों के एक दर्जन से अधिक सेनापतियों को धूल चटाई और अपनी वीरता का लोहा मनवाकर हस्ते-हस्ते देश पर शहीद हो गए। उन्होंने कहा कि मरकर भी नहीं मिटेगी, दिल से वतन की उलफत, मेरी मिट्टी से भी वतन की खुशबू आऐगी। श्री सिंह ने अपने उद्बोदन के उपरांत सभी को राष्ट्रभक्ति और कर्तव्य परायणता की शपथ दिलाई।

तात्याटोपे समाधि स्थल पर आयोजित इस कार्यक्रम में 1857 के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के प्रपौत्र श्री रघुनाथ पाण्डे, तात्याटोपे के प्रपौत्र श्री सुभाषटोपे, कर्नल श्री जी.एस.ढिल्लन के पुत्र श्री सर्वजीत ढिल्लन के साथ विधायक श्री प्रहलाद भारती, पूर्व विधायक श्री माखनलाल राठौर, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती रिशिका अनुराग अष्ठाना, कलेक्टर श्री आर.के.जैन, पुलिस अधीक्षक श्री महेन्द्र सिंह सिकरवार, सीईओ आईटीव्हीपी सुरेन्द्र खत्री, आईटीव्हीपी कमाण्डेट श्री मेद्यराज, एसडीएम शिवपुरी श्री डी.के.जैन सहित अन्य अधिकारी, नागरिकगण, शिक्षक और छात्र-छात्राऐं उपस्थित थे।

कलेक्टर श्री आर.के.जैन ने कहा कि किसी महापुरूष की जयंती इसलिए मनाई जाती है कि उन्होंने जो कार्य किए है। उनके कार्यों को हम कुछ और आगे बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि देश की तरक्की की गति धीमी है कारण देशभक्ति की भावना हममे कुछ कम है। अगर हम हमारे पास आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की कुछ मदद कर सके और देश तथा प्रदेश के विकास में अपनी भूमिका स्वयं ही सुनिश्चित कर सकें तो इससे बड़ी राष्ट्रभक्ति वर्तमान परिवेश में दूसरी हो नहीं सकती।

प्रारंभ में तात्याटोपे की प्रतिमा के समक्ष गार्ड ऑफ ऑनर के साथ झण्डा बंदन हुआ। सामूहिक राष्ट्रगान के उपरांत सभी आंगन्तुक अतिथियों और जनसामान्य ने तात्याटोपे की प्रतिमा के समक्ष पुष्पाजंलि अर्पित की तदेपरांत समारोह के मु य मंच पर दीप प्रज्जवलन के उपरांत अतिथियो का पुष्पहार से स्वागत किया गया। नवोदित गायक और संगीतकार 13 वर्षीय अमोल श्रीवास्तव के राष्ट्रीय गीतों के गायन के उपरांत उनकी राष्ट्रीय गीतों की एक सीडी का लोकापर्ण अतिथियों के द्वारा किया गया।

श्री सर्वजीत सिंह ढिल्लन ने अपने पिता कर्नल जी.एस.ढिल्लन की कविताओं का पाठ अपनी ओजस्वी वाणी में किया। पोहरी विधायक श्री प्रहलाद भारती ने 1857 के क्रांति संग्राम में तात्याटोपे की अहम् भूमिका पर प्रकाश डाला। आईटीव्हीपी शिवपुरी के सीईओ ने स्वतंत्रता संग्राम में युवाओं और बच्चों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बच्चों का आवाह्न किया कि वे राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करें।

मंगल पाण्डे के वंशज श्री रघुनाथ पाण्डे ने 1857 की क्रांति में मंगल पाण्डे की बहादूरीपूर्ण भूमिका की जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक श्री महेन्द्र सिंह सिकरवार ने बताया कि इतिहास अपने आप को दोहराता है और नए-नए स्वरूपों में हमारे सामने आता है। हमें अपने इतिहास से लगातार राष्ट्र भक्ति और राष्ट्रधर्म की शिक्षा लेते रहना चाहिए।

अतिथियों के उद्बोदन के बाद मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों का शाल, श्रीफल, पुष्पगुच्छ और प्रतीक चिन्ह के माध्यम से स्वागत किया गया। श्री नीतिन शर्मा के द्वारा सभी आगन्तुक अतिथियों व गणमान्य नागरिकों का आभार प्रदर्शन किया गया। अंत में सभी अतिथियों ने इस अवसर पर लगाई गई सीआरपीएफ, आईटीव्हीपी, जेल, जनसंपर्क विभाग और नगर के वरिष्ठ चित्रकार श्री आजाद जी के चित्रों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया।