पत्रकारों के विरोध का शनिवार

शिवपुरी। जिले में आज का दिन पत्रकारों के विरोध के शनिवार के रूप में दर्ज किया जाना चाहिए। शिवपुरी में एसडीओपी के दुर्व्यवहार से नाराज पत्रकार उबल पड़े तो पोहरी में एकतरफा पुलिस कार्रवाई के विरोध पत्रकारों ने शांति समिति की बैठक का बहिष्कार कर दिया।

शिवपुरी में एसडीओपी से नाराज पत्रकार एसपी के आग्रह पर हुए शांत

शिवपुरी। शिवपुरी का पुलिस प्रशासन आज उस समय हरकत में आ गया जब स्थानीय पुलिस कंट्रोल रूम में पुलिस विभाग द्वारा आयोजित प्रेसवार्ता का पत्रकारों ने ही बहिष्कार कर दिया। कारण यह था कि यहां अपने रौब दिखाने वाले और हठधर्मिता के रूप में ख्याति पाने वाले एसडीओपी एस.के.एस. तोमर की बदसलूकी उस समय सामने आई जब वह एक पत्रकार से उल जुलूल बातें कर अपशब्दो का इस्तेमाल करने लगे।

इतना होते देख कंट्रोल रूम में मौजूद पत्रकारो ने प्रेसवार्ता का बहिष्कार कर अपना विरोध दर्ज कराया। जब घटना के बारे में पुलिस अधीक्षक को जानकारी लगी ती वह सतनबाड़ा से सीधे शिवपुरी आए और पत्रकारों के बीच पहुंचकर एसडीओपी की तरफ से स्वयं ने गलती का एहसास किया और माफी मांगी, तब कहीं जाकर पत्रकारों के साथ पुलिस की प्रेसवार्ता हो सकी।

यहां बता दें कि आज पुलिस कंट्रोल रूम द्वारा पत्रकारों को सूचना दी गई कि दोप.3 बजे पुलिस कंट्रोल रूम में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया है इस पर जब पत्रकार नियत समय से पूर्व ही पुलिस कंट्रोल रूम आ पहुंचे और जब आमंत्रण के बाद लगभग आधा घंटे तक कंट्रोल रूम में कोई बड़ा पुलिस अधिकारी नहीं आया तो पत्रकार रवानगी डालने लगे। इतने में एसडीओपी एस.के.एस.तोमर अपने वाहन से आए, इतने मे हिन्दी अखबार स्वदेश के पत्रकार राजू द्वारा इतने विलंब से आने का कारण जानना चाहता तो वह उल्टे पत्रकार पर ही पिल पड़े और उल जु़लूल बातें कर कंट्रोल रूम से बाहर जाने तक को कह दिया, इस पर अपने पत्रकार साथी का अपमान सहने करने वाले पत्रकारसाथियों के सब्र का बांध टूट गया और सभी ने एक स्वर मे ही एसडीओपी की बयानबाजी की निंदा की और पूरी प्रेसवार्ता का बहिष्कार कर डाला।

इस पर पत्रकारों की टीम ने कंट्रोल रूम के बाहर जाकर अपना विरोध दर्ज कराया। इस घटना की जानकारी जब कोतवाली टीआई आरकेएस राठौड़ को मिली तो वह सीधे पत्रकारो के बीच आए और दूरभाष पर एसडीओपी के बुलाने का आग्रह किया। घटना की सूचना पुलिस अधीक्षक को दी गई तो वह भी सतनबाड़ा से सीधे शिवपुरी रवाना हो गए। इतने में टीआई राठौड़ के काफी आग्रह पर पत्रकार माने और कंट्रोल रूम में सामंजस्य बनाने को राजी हुए जिस पर काफी चर्चा चलती रही, अंतत: पुलिस अधीक्षक डॉ.महेन्द्र सिंह सिकरवार आए और उन्होनें पूरे मामले पर पुलिस विभाग की गलती स्वीकार करते हुए माफी मांगकर अपने शब्दों को वापस लिया।

इसके बाद पत्रकार साथी माने और प्रेसवार्ता हो सकी अन्यथा आज पुलिस और पत्रकारों के बीच होने वाले द्वंद्व किसी बड़े रूप में भी बदल सकता था लेकिन समय रहते एसपी की कार्यप्रणाली ने पूरे मामले को संभाल लिया।

पोहरी में शांति समिति की बैठक का मीडिया ने किया बहिष्कार

शिवपुरी-पुलिस प्रशासन द्वारा मोहर्रम की तैयारी हेतु आयोजित शांति समिति की बैठक का पोहरी के पत्रकारों द्वारा विरोध जताते हुए बहिष्कार कर दिया गया।
बताया जाता है कि पिछले दिनों स्थानीय पत्रकार संजीव भदौरिया पर तहसीलदार ओपी राजपूत द्वारा मामला दर्ज कराया गया था। इसके पीछे पत्रकार भदौरिया व तहसीलदार के मध्य हुआ विवाद बताया जाता है। आज पुलिस प्रशासन द्वारा मोहर्रम के त्यौहार की तेयारी हेतु शांति समिति की बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें पत्रकारों को भी आमंत्रित किया गया था। लेकिन पत्रकार संजीव भदौरिया पर कोई पुलिस कायमी के विरोध में स्थानीय पत्रकारों ने इस बैठक का बहिष्कार कर दिया। बताया जाता है कि कल भोपाल से एम.पी.वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राधाबल्लभ शारदा द्वारा पत्रकार चेतना यात्रा के दौरान पोहरी में स्थानीय पत्रकारों ने इस मामले को प्रदेशाध्यक्ष के समक्ष प्रमुखता के साथ रखा था। जहां प्रदेशाध्यक्ष द्वारा सभी पत्रकारों को यह समझाईश दी गई कि यदि एक होकर रहोगे तो कोई भी आपका बाल बांका नहीं कर सकता। हमारे बिखराव को प्रशासन कमजोरी समझकर हम पर हमला करता है और पत्रकारों पर मामले दर्ज कर पत्रकारों को डराने धमकाने का कार्य प्रशासन द्वारा किया जाता है। यदि हम एक रहेंगें तो कोई भी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। श्री शारदा द्वारा दिए गए एकता का संदेश पोहरी के पत्रकारों में ऊर्जा के रूप में दिया और आज उन्होंने अपनी एकता का परिचय पुलिस प्रशासन को करा दिया और शांति समिति का बहिष्कार कर यह जता दिया कि पत्रकारों पर झूठे मामले दर्ज कराकर उन्हें दबाने का प्रयास ना करे।