लोकायुक्त का कोलारस में छापा

शिवपुरी/कोलारस- वैध और अवैध जमीनों पर होने वाली रजिस्ट्रीयों पर लगी रोक हटने के बाद अब लोग धड़ाधड़ रजिस्ट्री कराने लगे है। ऐसे में होने वाली रजिस्ट्रीयों में अपना लाभ देखने वाले रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार भी कहां पीछे रहने वाले है कुछ इसी तरह का मामला सामने आया कोलारस क्षेत्र में जहां एक कृषक की भूमि के बदले की जाने वाली रजिस्ट्री के एवज में 20 हजार रूपये की मांग की।

जिस पर राशि देना तो तय हो गया। जिस पर बीती 20 और 26 अगस्त को जब कृषक कोलारस के सब रजिस्ट्रार को रिश्वत रूपी राशि देने पहुंचा तो तत्समय पता चला कि वह अवकाश पर है। इस मामले की भनक पीडि़त ने लोकायुक्त पुलिस को भी कर दी थी जिसके चलते लोकायुक्त टीम भी दो बार कोलारस आई लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। 

इसी क्रम में लोकायुक्त ने सोमवार को इस घटना को लेकर दबिश दी और कृषक  को रिश्वत के रूपए सब रजिस्ट्रार को देने को कहा परन्तु इस समय सब रजिस्ट्रार ने रिश्वत की राशि नहीं ली और मामले से पल्ला झाड़ लिया। औचक कार्यवाही करते हुए मौके पर पहुंची लोकायुक्त टीम भी इस दबिश में कुछ हासिल नहीं कर सकी लेकिन भ्रष्टाचार के तहत पंजीबद्ध मामला के दौरान जांच शुरू कर दी है। यहां सब रजिस्टार कार्यालय के लिपिक इन्द्रकुमार शुक्ला उर्फ इंदु के खिलाफ अपराध क्रमांक 257/13 पर धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। 

मिली जानकारी के अनुसार मुकेश पुत्र वीर सिंह रावत निवासी आरके पुरम पिंटू पार्क ग्वालियर ने लोकायुक्त ग्वालियर कार्यालय पहुंचकर शिकायत की, कि सब रजिस्टार कार्यालय कोलारस में पदस्थ बाबू इन्द्रकुमार शुक्ला रजिस्ट्री के बदले 20 हजार रूपये की रिश्वत की मांग कर रहा है। 

इस शिकायत की जांच के लिए बीती 20 अगस्त व 26 अगस्त को लोकायुक्त पुलिस की टीम कोलारस आई, लेकिन संबंधित के अवकाश पर होने के कारण बिना कार्यवाही के ही लौट गई। बाद में लोकायुक्त पुलिस के अधिकारियों ने फरियादी के द्वारा बातचीत कराकर रिकॉर्ड में भी ली। पड़ताल उपरांत फरियादी की शिकायत सही पाये जाने पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया। 

सोमवार को आरोपी को रंगे हाथों पकडऩे के मकसद से लोकायुक्त ग्वालियर में पदस्थ डीएसपी राजेश शर्मा के नेतृत्व में एक टीम कोलारस आई जहां उसने अपनी व्यूह रचना के अनुसार फरियादी को रिश्वत की राशि देकर आरोपी के पास भेजा, जब फरियादी ने श्री शुक्ला को राशि देने का प्रयास किया तो उसने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि ये किस बात के पैसे दे रहो हो। इस पर मामला गड़बड़ होने के बाद भी लोकायुक्त पुलिस ने मामला विवेचना में ले लिया है।