इतिहास के तथ्यों को तोडऩे की कोशिश

शिवपुरी-श्रीमंत माधवराव सिंधिया स्नात्कोत्तर महाविद्यालय में भाजपा की राष्ट्रीय सचिव सुधा मलैया इतिहास एवं संस्कृति की गलत जानकारी दी। उन्होंने अपने अधकचरे ज्ञान और पूर्वाग्रही सोच के चलते इतिहास के तथ्यों से खिलवाड़  करते हुए उन्हें तोडने की कोशिश की। लेकिन उनकी इस सोच का वहां मौजूद लोगों पर उलटा असर पड़ा। श्रीमती मलैया दूसरे के तर्क को सुनने की बजाय अपनी ही बात थोपने की जिद पर अड़ी रहीं। उनकी इस जिद के कारण महाविद्यालय के शिक्षकों एवं छात्रों में आक्रोश  है।

सुधा मलैया शिवपुरी कालेज में छात्राओं को इतिहास और संस्कृति की जानकारी देने के लिए पहुंची थीं, लेकिन वहां उन्होंने एक तो इतिहास की गलत जानकारी दी। दूसरे अपने अधकचरे ज्ञान के कारण अपनी जिद मनवाने पर अड़ी रहीं। श्रीमती मलैया ने मंच से शिक्षकों एवं छात्रों से पूछा कि भारत का नाम कैसे पड़ा। इसके उत्तर में कहा गया कि शकुन्तला व दुष्यंत के पुत्र के नाम पर भारत का नाम भारत पडा लेकिन श्रीमती मलैया ने इतिहास की सर्वस मति से मान्य अवधारणा के विपरीत अपना अल्पज्ञान थोपते हुए कहा कि ऋषभदेव के पुत्र चक्रवर्ती सम्राट भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पडा है। 

इस पर छात्राओं ने कहा कि हमारी पाठय पुस्तकों में तो शकुन्तला और दुष्यंत के पुत्र के नाम पर ही भारत का नाम पडने की जानकारी दी गई है। इस पर श्रीमती मलैया बोली कि यह जानकारी गलत है और जो मैं कह रही हूं वही सही है। इसके जबाव में उत्तर आया कि आप सत्ता में हैं आपकी ही सरकार है इसलिए यदि जो आप कह रही हैं वह सही है तो इसे पाठयक्रम में संशोधित  कराईये। इस प्रश्न का उत्तर देने से मलैया बचती नजर आईं।

उनके इस उद्बोधन से महाविद्यालय के शिक्षकों एवं छात्राओं में रोष है। अनेक छात्राओं ने मु यमंत्री को पोस्टकार्ड लिखकर उनकी निंदा करने की बात कही। प्रो. लखनलाल खरे ने इस बावत कहा कि भरत ने वैदिक काल से पहले ही अपने राज्य की स्थापना करते हुए भारतवर्ष को भारत नाम दे दिया था। ऋषभदेव तो प्रागैतिहासिक काल के करीब तीन हजार साल बाद अस्तित्व में आये।