संदिग्ध हालातों में अपहृत दानसिंह को पुलिस ने बरामद किया

शिवपुरी। जिले के पोहरी थाना क्षेत्र से गत दिवस ग्राम बागलौन से अपहृत हुए दानवीर सिंह यादव के अपहरण की गुत्थी को पुलिस शुरू से ही संदिग्ध मामला मानकर चल रही थी। यही वजह रही कि अपहरण के कुछ समय बाद ही अपहृत दानवीर सिंह को पुलिस ने बरामद किया है।
अब इस मामले में स्वयं पुलिस अधीक्षक महेन्द्र सिंह सिकरवार गहनता से जांच करेंगें कि आखिर इतनी जल्दी अपहरण होने के बाद फिरौती की मांग भी की और युवक बार-बार मोबाईल से परिजनों के संपर्क में रहा, आदि सहित अन्य बिन्दुओं पर गहनता से जांच की जाना भी आवश्यक है। 

इस घटना के बाद पुलिस अब दानवीर सिंह की बताई कहानी पर भी विश्वास नहीं कर रही हालांकि अब पुलिस पूछताछ कर कुछ अन्य खुलासे भी करेगी। जबकि यह मामला श्ुारू से ही संदिग्ध जान पड़ रहा था क्योंकि एक युवक जिसका छ: सदस्यीय गिरोह ने जंगल से अपहरण किया और महज 50 हजार रूपये की मांग की और उसके बाद अपहृत बिना फिरौती दिए छूट भी गया। ऐसे कई पेंच पुलिस को असंमजस में डाले है इसलिए पुलिस स्वयं इस मामले को गहनता से जांच करने में जुटेगी। 

    जानकारी के अनुसार पोहरी के जाखनोंद गांव का युवक दानसिंह पुत्र रामचरण यादव उम्र 22 वर्ष अपनी पत्नि को कड़वानी गांव में मायके छोड़कर मोटरसाइकिल से जब घर लौट रहा था तब लगभग शाम 6 बजे बागलोन व लोहारीयार के  बीच जंगल में लगभग आधा दर्जन हथियारबंद बदमाशों ने उसका अपहरण कर लिया और बदमाश दानसिंह की मोटरसाइकिल को वहीं छोड़कर उसे अपने साथ ले गए। मंगलवार की सुबह दानसिंह ने अपने भाई ठाकुर सिंह को अपहरण की जानकारी दी और उसे बताया कि डकैत फिरौती के रूप में 50 हजार रूपये की मांग कर रहे हैं। 

अपहरण की जानकारी मिलने के बाद पुलिस सतर्क हो गई और एसपी सिकरवार तथा एडीशनल एसपी आलोक कुमार ने भी घटनास्थल की ओर कूच कर दिया। इसके बाद दानसिंह ने फिर अपने भाई को फोन कर बताया कि बदमाशों ने उसे एक पेड़ से बांध दिया है तथा एक बदमाश को छोड़कर शेष डकैत कहीं चले गए हैं। वह डकैत भी कहीं चला गया है और मुझे डर लग रहा है। इसके बाद दानसिंह का फोन नहीं आया और कल शाम जब पुलिस पार्टी जंगल में सर्चिंग कर रही थी तो युवक उन्हें भटकता हुआ वहां मिल गया। 

ये सवाल बने पुलिस की परेशानी

सोमवार की शाम छर्च थाना क्षेत्र से अपहृत युवक दानसिंह 26 घंटे बाद पुलिस को बदहवाश स्थिति में बागलोन के जंगल में मिला। इसके पहले युवक ने मोबाइल से अपने परिजनों को सूचित किया था कि उसका अपहरण सात सदस्यीय डकैत गिरोह ने किया है और वह फिरौती में 50 हजार रूपये की मांग कर रहे हैं। 

पुलिस अधीक्षक महेन्द्र सिंह सिकरवार के अनुसार प्रथम दृष्टि में अपहरण का यह मामला संदिग्ध जान पड़ता है, क्योंकि कोई भी डकैत गिरोह अपहृत को मोबाइल लगाने की छूट नहीं दे सकता। जबकि दानसिंह लगातार मोबाइल से अपने परिजनों से संपर्क में रहा। फिर यह भी सवाल है कि वह डकैतों के चंगुल से आसानी से छूट कैसे आया। 

एसपी सिकरवार के अनुसार जब वह बागलोन के जंगल में सर्चिंग कर रहे थे तो उन्हें दानसिंह बदहवाश हालत में मिला। लेकिन श्री सिकरवार ने कहा कि जांच के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि क्या वाकई में दानसिंह का अपहरण हुआ था या उसने अपने अपहरण की झूठी कहानी रची और यदि ऐसा हुआ है तो इसका मकसद क्या था?