जमीन विवाद के चलते किसान की हत्या, पुलिस ने सरेआम महिलाओ को पीटा

शिवपुरी/करैरा। थाना क्षेत्र के ग्राम खैराकोटिया में दबंगों ने गडरिया समाज के एक व्यक्ति की धारदार हथियारो से जमीन के विवाद के चलते हत्या कर दी।
हत्या के बाद आरोपियों के विरूद्ध मामला दर्ज न किये जाने पर परिजनो ने शव का पीएम कराने से इंकार कर दिया और प्रदर्शन के लिये जब परिजन मृतक का शव पीएम हाउस से लेकर एसडीओपी कार्यालय के सामने लेजा रहे थे तभी बीज भंडार रोड पर पुलिस ने इनके कब्जे से लाश को छुड़ाने का प्रयास किया जिसके चलते मृतक के परिजनो के साथ आये ग्रामीणो की पुलिस से भिंडत हो गई। पुलिस ने इस दौरान सरेआम मृतक के परिजनो की मारपीट की बाद में बल प्रयोग कर पुलिस ने शव को पीएम हाउस भिजवाया । 


जानकारी के अनुसार खैराकोटिया निवासी दषरथ सिह पाल (50) पुत्र सरमन का आज सुबह लगभग 9 बजे नहर की पुलिया के पास शव पडा मिला जिस पर धारदार हथियारो के घाव थे। जिसकी सूचना पर थाना प्रभारी करैरा पुलिस वल के साथ मौके पर पहुॅचे और पंचनामा तैयार कर शव को करैरा पीएम हाउस पर भिजवाया। इसी बीच मृतक के परिजन व सजातीय ग्रामीणजन भी काफ ी संख्या में पीएम हाउस पर एकत्र हो गये और शव का परीक्षण कराने से इंकार करते हुये उन्होने मांग की कि पहले हत्या का मामला दर्ज किया जाये तव वह पीएम होने देगे। वहीं मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों का कहना था कि पहले पीएम हो जाने दो पीएम रिपोर्ट के आधार पर ही हत्या का मामला दर्ज किया जावेगा। 

जव बात नही बनी तो आक्रोषित परिजन शव को हाथो में टंागकर पीएम हाउस से एसडीओपी कार्यालय के सामने प्रदर्षन करने की बात कहते हुये वहां से रवाना हुये। लगभग डेढ किमी. की दूरी तय कर जव यह लोग मृतक की लाष को लटकाये हुये एसडीओपी कार्यालय के समीप ही पहुॅचे तो  पुलिस ने इनके कब्जे से शव को छुडाने का प्रयास किया। इससे ग्रामीणो का आक्रोष भडक गया और वह पुलिस से उलझ बैठे। पीडित परिवार की श्रीमती मुखी, बती , हरको , पार्वती , मनका  के अनुसार जव वह ग्रामीणो एंव परिजनो के साथ सहायता केन्द्र के पास पहुॅचे तो करैरा थाना प्रभारी इन्द्रजीत सिंह चौहान के साथ मौजूद एसडीओपी पीएस सौलंकी ने उनके साथ  हाथापाई कर दी। 

पुलिस आपा खो बैठी और प्रदर्षन करने वाले ग्रामीणों के साथ मारपीट करने लगी इसमें महिलाओं को सरेआम पुलिस कर्मियों ने पीटा और उनसे शव को छुडाकर पुन: पीएम हाउस ले गयी। इस दौरान पुलिस ने मारपीट कर मृतक के कुछ परिजनो को गाडियों में बैठाकर थाने भेज दिया। जव पुलिस और ग्रामीणो के बीच झडप हुई तो प्रदर्षन कारी ग्रामीणो एंव परिजनो ने भी पुलिस अधिकारियो एंव पुलिस बल पर हाथ साफ कर लिये इस घटना में करैरा थाना प्रभारी को चोट भी आई है।

बाद में अन्य थानो से पुलिस बल आया तव स्थिति नियंत्रण में हुई। इधर आक्रोषि होकर कुछ प्रदर्षनकारी षिवपुरी जाने की बात कहकर निकल गये परिजनो के न होने पर शव का पोस्टमार्डम भी कई घंटे तक रूका रहा बाद में एक दो लोगो को बुलाकर पीएम कराया गया। 

देर शाम तक नही हुआ मामला दर्ज

हत्या के इस मामले में देर शाम तक  आरोपियों के बिरूद्ध पुलिस थाने में हत्या का मामला दर्ज नही किया जा सका था। शाम 7 बजे जव पुलिस से मामले की जानकारी चाही तो पुलिस यह कहती नजर आई कि मामला अभी तक दर्ज नही किया गया है।

न ही पुलिस यह बता सकी कि हत्या आरोपी कौन कौन है मामले में इतना बवाल होने के बाद भी पुलिस की यह ठुलमुल नीति समझ से परे नजर आती है।

रात में ले गये थे बुलाकर

मृतक की पत्नि पार्वती ने बताया कि 11जुलाई की शाम 8 बजे पप्पू रावत नामक व्यक्ति मृतक दषरथ सिंह को घर से बुलाकर ले गया था जो कि आरोपियो से मिला हुआ था रात में ही इन लोगो ने उसकी हत्या कर शव को नहर की पुलिया के पास फेंक दिया मृतक की पीठ और गले एंव सिर पर गहरे घाव के निषान थे मृतक की पत्नि के अनुसार जव रात में जव वह लौटकर घर नही आये तो सुवह तलास करने पर उनका शव पडा मिला जिसकी सूचना पुलिस को दी गई थी। 

इन पर लगाया आरोप

मृतक की पत्नि पार्वती ने बताया कि दषरथ की हत्या गांव के ही दबंग रावत परिवार के नरेन्द्र रावत , राजेन्द्र रावत, वीरसिंह रावत , रणवीरसिंह रावत ,रघुवीरसिंह रावत तथा कल्लू रावत ने मिलकर की है। पार्वती का यह भी आरोप है कि पुलिस इन दबंगो से मिली  है इसी लिये इन पर कार्यवाही करने से हमेषा कतराती रही है। यदि पहले  ही पुलिस ने गंभीरता दिखाई होती तो आज यह हत्या नही होती।

जमीन का है मामला

दषरथ सिंह की हत्या के पीछे जो कारण सामने आया है वह जमीन का विवाद है । बताया जाता है कि खैराकोटिया गांव के ही दंबग रावत परिवार के रघुवीर , नरेन्द्र , मोहन , कल्लू , वीरसिह आदि ने फरवरी 2012 में मृतक दषरथ सिंह की पांच बीघा जमीन की रजिस्ट्री जबरन डरा धमका कर अपने नाम करा ली थी। जिस पर से आरोपियों के बिरूद्ध करैरा थाने में अपराध क्र. 142/2012 पर धारा 347 ,386 , 34 आईपीसी एक्ट का मामला दर्ज किया गया था जो कि न्यायालय में विचाराधीन है। 

इसी के साथ आरोपियों पर पुलिस ने मई 2013 में धारा 151 का भी मामला दर्ज किया था। मृतक की पत्नि पार्वती एंव भतीजे मायाराम का कहना है कि पुलिस ने आरोपियों के बिरूद्ध कोई ठोस मामला दर्ज नही किया था जव कि वह कई बार पुलिस को इस बात की सूचना दे चुके थे कि यह दबंग रावत उनके साथ आये दिन  झगडा करते है और कभी भी कोई अनहोनी या गंभीर घटना कर सकते है। गर्मी के सीजन में खेतों में खडी फसल भी यह दबंग रावत काट ले गयेथे। जिसकी सूचना भी पुलिस को दी थी परंतु पुलिस ने कोई कार्यवाही नही की इसी का परिणाम है कि आज इन दबंगो ने हत्या कर दी।