टीआई की गुंडागर्दी: व्यापारी को रातों रात बना दिया डाकू, बिना जांच के भेज दिया जेल

शिवपुरी-शहर कोतवाली पुलिस के द्वारा की जाने वाली गतिविधियां अब आए दिन सवाल खड़े करने लगी है। ऐसा ही मामला बीती रात्रि देखने को मिला जब कोतवाली पुलिस ने आपस के झगड़े के मामले में आनन फानन में ही लूट व डकैती का मामला दर्ज कर स्वयं की कार्यप्रणाली को कठघरे में खड़ा कर दिया।

आखिर ऐसी क्या वजह थी कि पुलिस ने बिना जांच परख किए ही इन संगीन धाराओं में आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया। इस कार्यवाही से ऐसा प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं पुलिस कोतवाली के थाना प्रभारी इतनी फुर्ती दिखाई कि सुबह होते ही पुलिस ने न्यायालय में चालान पेश कर आरोपियों को जेल भिजवा दिया। यह पूरा मामला आज चर्चा का विषय बना रहा। इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने मामले के बारे में इतना कहा कि वह बात करके पूरे प्रकरण को समझेंगें।

जानकारी के अनुसार बीती रात्रि सवारियों को लेकर शहर के दो बस संचालक विक्की सरदार व महेन्द्र खटीक का आपस में विवाद हो गया और यह विवाद इतना बड़ा कि कोतवाली में जा पहुंचा। कोतवाली में जैसे ही यह मामला आया तो यहां पुलिस ने फरियादी विक्की सरदार को बना दिया जबकि महेन्द्र खटीक भी अपनी बात को पुलिस के समक्ष रख रहे थे लेकिन पुलिस ने महेन्द्र की सुनने की बजाए विक्की की रिपोर्ट पर महेन्द्र खटीक व सचिन खटीक के विरूद्ध अपराध क्रमांक 404/13 पर धारा 494, 34 आईपीसी 11/13एमपीडीपी के एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया और सुबह होते ही न्यायालय के समक्ष चालान पेश कर दिया और न्यायालय से इन्हें जेल भेज दिया।

यहां पुलिस ने यह विक्की की रिपोर्ट के आधार पर आरोपी ने उसकी हाथ घड़ी व पांच हजार रूपये छीन लिए गए, इस पर पुलिस ने तुरंत ही आनन फानन में लूट व डकैती की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया। बताया जाता है कि महेन्द्र खटीक की शहर में लगभग 10 बसें संचालित है और वह एक मिलनसार व्यक्ति है जिनका पुलिस में भी कोई रिकॉर्ड दर्ज नहीं है ऐसे में महेन्द्र व सचिन खटीक के विरूद्ध जिन संगीन धाराओं के तहत पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए सुबह होते ही चालान पेश करने की जो कार्यवाही जल्दबाजी में दिखाई वह कई सवाल खड़े करती है और कोतवाली पुलिस की यह कार्यवाही जनमानस में चर्चा का विषय है। जबकि फरियादी बने विक्की सरदार के यदि रिकॉर्ड को खंगाला जाए तो निश्चित रूप से पुलिस स्वयं की गलती मानने से इंकार नहीं करेगी। यह संभावना जताई जा रही है।

यह है मामला

विस्तृत मामले के अनुसार बताया गया है कि पुराने बस स्टैण्ड के पास विक्की सरदार और महेन्द्र खटीक की बसों के संचालन का कार्यालय आमने-सामने स्थित है। जो कि भोपाल-इंदौर की बसों का संचालन रात में होने के कारण यहां सवारियों को ढोते है ऐसे में बीती रात्रि को विक्की और महेन्द्र में सवारियों को भरने को लेकर विवाद हुआ। जिस पर विक्की तैश में आ गया और उसने महेन्द्र के साथ गाली-गलौज करते हुए उसके कार्यालय में लगे कांच के शीशे तोड़ डाले।

जिस पर महेन्द्र ने जब इस बात का विरोध विक्की सरदार से किया तो दोनों में ही हाथापाई हो गई। जब विक्की सरदार महेन्द्र खटीक पर हावी नहीं हो पाया तो उसने अपने ही कार्यालय का शीशा फोड़ डाला और कोतवाली पहुंचकर लूटपाट की घटनाओं के तहत मामला दर्ज कराने लगा। जिस पर महेन्द्र भी कोतवाली आए और उसने भी इसी प्रकार की घटना पुलिस के समक्ष रखी लेकिन पुलिस ने महेन्द्र की नहीं सुनी बल्कि विक्की की रिपोर्ट दर्ज कर ली।

कोतवाली में मीडियाकर्मी भी बदतमीजी के शिकार

शहर कोतवाली में रात के समय हुई इस घटना को लेकर जब कवरेज करने मीडियाकर्मी पहुंचे तो यहां ना केवल पुलिस कोतवाल बल्कि अन्य पुलिसकर्मियों ने मीडियाकर्मियों के साथ भी बदतमीजी की और उन्हें हड़काया। ऐसे में कई कवरेज कर रहे मीडियाकर्मियों की पुलिसकर्मियों से तू-तू-मैं-मैं भी हुई। आखिर हो भी क्यों ना, क्योंकि पुलिस जो कार्यवाही कर रही थी वह न्याय संगत नहीं थी ऐसे में पुलिस की ही कार्यवाही पर सवाल उठना तय था इसलिए मीडियाकर्मियों ने घटना को अपने कैमरों में और लेखनी में दर्ज करना चाहा। लेकिन कोतवाली थाना प्रभारी और पुलिस मीडियाकर्मियों को इस पूरे मामले से दूर करती ही नजर आया।

खटीक समाज ने ज्ञापन में निष्पक्ष मांग की जांच की

कल हुए टे्रवल्स संचालकों के बीच झगड़े के बाद पूरा खटीक समाज लूट के आरोपी बने महेन्द्र खटीक और सचिन खटीक के समर्थन में आ खड़ा हुआ और  आज सुबह आरोपी महेन्द्र खटीक के भाई गुरेन्द्र खटीक और अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश खटीक के नेतृत्व में एक दर्जन से अधिक समाजबंधुओं के साथ मिलकर एडीशनल एसपी अलोक सिंह को एक ज्ञापन दिया।

जिसमें कोतवाली पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए मांग की है कि इस पूरे मामले में बगैर तथ्यों और विक्की सरदार के ऊंचे प्रभाव के कारण यह झूठा मामला दर्ज किया गया है। ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि विक्की सरदार एक रिटायर्ड डीएसपी का दामाद है इस कारण पुलिस ने इतनी तत्परता के साथ लूट का मामला दर्ज कर दिया है।

ओमप्रकाश खटीक ने कोतवाली टीआई पर आरोप लगाया है कि श्री शुक्ला ने विक्की सरदार को बचाने के लिए यह झूठा प्रकरण दर्ज किया है। उन्होंने मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर महेन्द्र खटीक और सचिन खटीक के ऊपर लगे इस प्रकरण को वापिस लिया जाए। एडीशन एसपी आलोक सिंह ने ज्ञापन देने पहुंचे अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश खटीक सहित समाज बंधुओं को आश्वस्त किया है कि इस मामले की निष्पक्षतापूर्ण जांच पोहरी एसडीओपी एसएन मुखर्जी द्वारा कराई जाएगी।