नपा में हुडंदंग, नपा स्वास्थ्य अधिकारी ने कराया पार्षद पर मामला दर्ज

शिवपुरी- नगरपालिका क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 6 के पार्षद मनीष गर्ग मंजू के खिलाफ पुलिस कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराकर नपा के स्वास्थ्य अधिकारी अशोक शर्मा ने गाली-गलौच कर जान से मारने की धमकी देने का प्रकरण दर्ज कराया है। पुलिस ने आरोपी पार्षद के विरूद्ध भादवि की धारा 451, 294 और 506 बी का मामला कायम किया है, लेकिन पार्षद ने अपने आप को निर्दोष बताया है। 

पुलिस में दर्ज कराई रिपोर्ट में श्री शर्मा ने बताया कि पार्षद मनीष गर्ग मंजू कल रात्रि उनके घर पर आए और उन पर दबाव बनाया कि नपा द्वारा दी जाने वाली जलाऊ लकड़ी वह उनके घर पर पहुंचाए। इस पर बकौल शर्मा, उन्होंने पार्षद को लकड़ी न देने की बात कही तो पार्षद मनीष गर्ग उत्तेजित हो गए और नपा के स्वास्थ्य अधिकारी अशोक शर्मा से अभद्र व्यवहार करने लगे और गाली-गलौच शुरू कर दी। इतना ही नहीं उसने उनको जान से मारने तक की धमकी दे डाली। जिससे श्री शर्मा घबरा गए और तुरंत उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। 


पार्षद गर्ग ने स्पष्ट किया अपना पक्ष, कहा मैं बेगुनाह हूं 


पार्षद मनीष गर्ग का कहना है कि सर्राफा बजार में रात्रि के समय गस्त करने वाले पुलिस के जवान वहां रहते हैं और रात्रि में ठण्ड अधिक होने के कारण उन्हें तापने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं रहती तो वह प्लास्टिक की थैलियां और कचरा जलाकर अपने आप को ठण्ड से बचाते हैं। प्लास्टिक की थैलियां जलने से जो धुआं निकलता है वह आस-पास के लोगों को मुसीबत का शबब बन गया है। वहीं मोहल्लेवासी मेरे पास शिकायत लेकर आए थे और इसी शिकायत को लेकर मैं कल स्वास्थ्य अधिकारी अशोक शर्मा के घर गया हुआ था और उन्हें इस समस्या से अवगत कराया तो उन्होंने मुझसे लकडिय़ा न देने की बात कही। इसके बाद में घर आ गया। यह कहना गलत है कि मैंने स्वास्थ्य अधिकारी के साथ गाली-गलौच करते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी दी है। 

नपाध्यक्ष रिशिका अष्ठाना ने लिया पार्षद का पक्ष 


वहीं इसी मामले में नपाध्यक्ष श्रीमती रिशिका अनुराग अष्ठाना का कहना है कि अधिकारी द्वारा दर्ज कराया गया यह मामला बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर कोई जनप्रतिनिधि अपनी समस्या लेकर अधिकारियों के पास जाता है और उसके साथ ऐसा व्यवहार होता है तो दुर्भाग्य की बात है। मैं अभी आज ही बाहर से आई हूं और आज ही मैं इस मामले में अधिकारियों से बात करूंगी और पीडि़त पार्षद को बुलाकर मामले की सत्यता जानूंगी।