जाते-जाते फिर देखने को मिले सिंघम के तीखे तेवर

शिवपुरी। शिवपुरी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित सिंह काफी समय से खामौशी अख्तियार किये हुए थे, लेकिन टीकमगढ़ एसपी के रूप में उनका तबादला होने के बाद एक बार फिर से उनके सिंघम अवतार के दीदार हुए हैं। जिसमें एक अधिकारी के साथ-साथ उनका समाजसेवी रूप भी सामने आया है।

बीच सड़क पर कार में शराब पी रहे तीन युवकों को जहां उन्होंने आड़े हाथों लिया और उन्हें जमकर फटकार लगाई वहीं जब दो नन्हें-मुन्ने बच्चों को नशे में धुत देखा तो उनकी मानवीय संवेदना जाग्रत हो उठी। अमित सिंह इतने भावुक हो गए कि उन्होंने दोनों बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया और बच्चों के पिता से पेशकस की कि दोनों बच्चों को वह अपने साथ टीकमगढ़ ले जाना चाहते हैं।

लेकिन बाप ने इंकार कर दिया। कहा ये चले जाएंगे तो कौन कमाएगा? तब अमित सिंह बेबश नजर आए और वे बुदबुदा उठे कि इन बच्चों का क्या दोष जब संस्कार और परिस्थितियां ही उन्हें ऐसी मिली हैं तो वे नशा नहीं करेंगे तो क्या करेंगे। 

कल रात लंबे समय के बाद शहर के लोगों ने अमित सिंह का सिंघम अवतार देखा। गुरूद्वारे चौराहे के पास से जब अमित सिंह की गाड़ी गुजर रही थी तो उसी समय उन्होंने देखा कि एक कार में बैठकर तीन युवक शराब पी रहे थे। पलक झपकते ही अमित सिंह ने तीनों शराबी युवकों को पकड़ लिया। अमित सिंह को देख शराबियों का सारा नशा काफुर्र हो उठा और वह शराबी मांफी मांगते हुए नजर आए। इसके बाद उन शराबियों की कार की तलाशी लेने का आदेश अमित सिंह ने अपने सहयोगियों को दिया और आदेश मिलते ही सिपाहियों ने कार की सघन तलाशी ली।  

जब शराबियों ने उनसे मिन्नतें की और शराब न पीने की कसम खाई तब जाकर उन्हें छोड़ा गया। अमित सिंह ने उन शराबियों से कहा कि मेरा तबादला टीकमगढ़ हो गया तो क्या तुम लोग बीच सड़क पर शराब पियोगे। इस पर शराबियों ने श्री सिंह को विश्वास दिलाया कि वह अब कभी भी शराब का सेवन नहीं करेंगे। उसी समय वहां दो छोटे-छोटे बच्चे जिनकी उम्र करीब 8 से 10 साल थी उन्हें नजर आए। 

वे दोनों भी नशे में थे और वहां अमित सिंह को देखते ही वे अपने आप ही मुर्गा बन गए। यह देखकर अमित सिंह आश्चर्यचकित हो उठे और बोले कि मैंने जब तुम्हें मुर्गा बनने को कहा ही नहीं तो तुम मुर्गा क्यों बने। इस पर बड़ी मासूमियत से अपना नाम आकाश बताने वाला बच्चा बोला कि हमने नशा किया है। इसलिये मुर्गा बन रहे हैं। अमित सिंह उनकी मासूमियत पर न्यौछावर हो गए और जिज्ञासवश् उनसे पूछा कि तुमने किस चीज का नशा किया है। 

बच्चे का जवाब था कि कोरेक्स सीरप पीते हैं और व्हाईटनर को रूमाल में डालकर सूंघते हैं। यह सुनकर अमित सिंह आश्चर्यचकित हो उठे। दूसरा बालक जो अपना राम राजा बता रहा था उससे अमित सिंह ने पूछा कि व्हाईटनर कहां से लाते हो तो वे सिंघम साहब को एसबीआई बैंक के पास स्थित एक फोटो कॉपी की दुकान पर ले गए और कहा कि यहीं से खरीदते हैं। इस पर अमित सिंह ने उस दुकानदार को फटकार लगा दी कि तुम छोटे-छोटे बच्चों को इस तरह की चीजें देते हो और पैसे कमाने के लिए देश के भविष्य को नशे की गिरफ्त में डाल रहे हो। 

अगर आज के बाद तुमने बच्चों को इस तरह के नशीले पदार्थ बेचे तो तुम्हारे ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद वह दुकानदार मांफी मांगने लगा। बाद में अमित सिंह इन दोनों बच्चों को अपनी गाड़ी में बिठाकर हेयर कटिंग की दुकान पर ले गये और उनके बड़े हुए बालों को कटवाया और इसके बाद उन दोनों को लेकर उनके घर गए और एक बच्चे से पूछा कि तुम्हारे पिताजी क्या करते हैं तो वह बोला कि वे शराब पीते हैं और उन्हीं की शराब की व्यवस्था के लिए वह शराब की कलारियों से बोतलें बीनकर बेचते हैं और उनसे कमाए हुए पैसे अपने पिता को देता है। 

बाद में श्री सिंह ने दोनों बच्चों से टीकमगढ़ चलने की बात कही और कहा कि मैं तुम्हे वहां अच्छे स्कूल में दाखिला दिलाऊंगा और तुम्हे उच्च शिक्षा दिलाने के लिए जो भी खर्च होगा वह मैं वहन करूंगा। इस पर दोनों बच्चों के पिता ने उनसे मना कर दिया कि वह अगर पढ़ेंगे तो फिर कमाकर खिलाएगा कौन? इसके बाद 

श्री सिंह ने उन दोनों के पिताओं को समझाया और उन्हें चेतावनी दी कि अगर ये बच्चे अगर मुझे सड़क पर कुछ बीनते हुए दिख गए तो तुम्हारी खैर नहीं।