पूर्व जनपद उपाध्यक्ष पिंटू की मौत में उनके पिता को हत्या का शक

शिवपुरी- कोलारस के पूर्व जनपद उपाध्यक्ष राघवेन्द्र राजावत उर्फ पिंटू की 8 और 9 दिसम्बर की रात्रि को हुई संदिग्ध मौत के मामले में उनके पिता शिक्षक नरसिंह राजावत ने हत्या का संदेह जाहिर किया है। उनके अनुसार पिंटू की दुर्घटना में मौत नहीं हुई, बल्कि उसकी हत्या की गई है।

विदित हो कि पूर्व जनपद उपाध्यक्ष की लाश 9 दिसम्बर को राजगढ़ शिवपुरी रोड पर पड़ी मिली थी। लाश के पास उसकी मोटरसाईकिल भी थी और पुलिस का कहना है कि पिंटू की मौत मोटरसाईकिल फिसलने से दुर्घटना में हुई है। लेकिन पिंटू के पिता नरसिंह राजावत और भाई दीपेन्द्र राजावत इसे मानने को तैयार नहीं हैं। उनके अनुसार 8 दिसम्बर को पिंटू को पडौरी निवासी एक युवक और एक सोनी युवक शिवपुरी स्थित घर से बुला ले गया था। इसके बाद वे मोटरसाईकिल से पाड़ौदा पहुंचे। फिर बताया जाता है कि पिंटू और उसके कथित मित्रों की एक फॉर्म हाउस पर पार्टी हुई। उनके पास उस समय एक जीप भी थी।

तत्पश्चात सभी लोग एक जीप और दो मोटरसाईकिल पर सवार होकर शिवपुरी की ओर चल दिए। दूसरे दिन पिंटू की लाश सड़क पर पाई गई। ङ्क्षपटू के पिता का कहना है कि उनका पुत्र प्रॉपर्टी का काम करता है तथा जो युवक उसे बुलाकर ले गया उससे पिंटू का पैसों का लेन-देन था। पिंटू राजनीति में भी सक्रिय था। इस कारण यह संभावना भी व्यक्त की जा रही है कि एक षड्यंत्र के तहत उसकी हत्या की गई। पिंटू की मौत कैसे हत्या है? इस सवाल के जवाब में शिक्षक नरसिंह राजावत का कहना है कि जब सभी साथी एक साथ शिवपुरी की ओर गए तो पिंटू कहां है? इसका उन्हें क्यों भान नहीं रहा। लाश की स्थिति से भी पिंटू की दुर्घटना में मौत की आशंका नहीं है।
 
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कर्मचारी कांग्रेस सौंपेगी ज्ञापन


पाड़ौदा निवासी शिक्षक नरसिंह राजावत के युवा पुत्र राघवेन्द्र सिंह उर्फ पिंटू की मौत के मामले में कर्मचारी कांग्रेस 27 दिसम्बर को पुलिस अधीक्षक आरपी सिंह के नाम दोपहर दो बजे ज्ञापन सौंपेगी। उक्त ज्ञापन जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा और राजेन्द्र पिपलौदा के नेतृत्व में सौंपा जाएगा। ज्ञापन में मांग की जाएगी कि पिंटू की मौत की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित सिंह से कराई जाए। जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।