संविदा शिक्षकों, शिक्षामित्रों के आंदोलन का दमन करना निंदनीय

शिवपुरी- मध्य प्रदेश तृतीय कर्मचारी संघ के तहसील अध्यक्ष बी.एल शर्मा कर्मचारी कांग्रेस के सुरेन्द्र सिंह कुशवाह राज्य कर्मचारी संघ के बीके माहेश्वरी, आरसी शर्मा, भागचंद आर्य, शैतान सिंह रावत, जेपी रावत, आरके माथुर आदि कर्मचारी नेताओं ने उत्ताराखण्ड राज्य देहरादूर में शिक्षा मित्रों के साथ पुलिस द्वारा की गई बरबरता पूर्ण लाठी चार्ज की निंदा की है।

इसी तरह छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा निर्दोश संविदा शिक्षकों, अध्यापक संवर्ग तथा शिक्षाकर्मियों को बरखास्त करने की जो कार्यवाही की जा रही है उसकी समस्त कर्मचारी संगठन निदं करते हैं और लोकतंत्र में गांधीवादी तरीके से अपनी मांगों के संबंध में आंदोलन करना क्या गुना है। इसी तरह दिल्ली में बाबा रामदेव पर भी हुकुमत की लाठियां बरसी जबकि भारतीय संविधान कहता है कि लोकतंत्र में गांधी वादी तरीके से अपनी मांगों के समर्थन में कोई भी आंदोलन किया जा सकता है। 

शिक्षक एक मूक प्राणी है। उनके आंदोलन को कुचलना एक निर्दयीता है। उत्तराखण्ड में तो कांग्रेस सरकार ने महिला शिक्षिकाओं को भी घसीट-घसीट कर पीटा है। जबकि शिक्षा मित्रों तथा संविदा शिक्षकों का आंदोलन जाईज हैं। क्योंकि मंहगाई के इस भीषण युग में अल्प वेतन देना कहां तक उचित है। जबकि नेता लोग मनमाने तरीके से अपनी सुविधायों में वृद्धि कर रहे हैं। सेवानिवृत्त राज्यपालों को भी पी.ए. उपलब्ध करा रहे हैं। इस फिजूल खर्ची का  गरीब भारत देश की जनता पर बोझ पड़ेगा।