
इस अवसर पर मंदिर के पुजारी द्वारा आने वाले भक्तों को भैरव जन्माष्टमी स्वरूप में भवूती भी वितरित की गई साथ ही भैरव बाबा भक्त मण्डल द्वारा भैरव जन्माष्टमी के अवसर पर विशाल भण्डारे का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर भैरो बाबा के श्रंगार दर्शन सुबह 4 बजे से शुरू हो गया था और बढ़ते-बढ़ते देर-दोपहर तक जारी रहा साथ ही दर्शन उपरांत भक्तों के लिए प्रसादी की व्यवस्था भी की गई। दर्शन उपरांत भैरव बाबा के दरबार में छप्पन भोग सजाया गया जिसका सभी धर्मप्रेमीजनों ने धर्मलाभ लिया।
दोपहर 3 बजे से भैरव मंदिर पर संगीतमय सुन्दरकाण्ड का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों की संख्या में भैरों बाबा की आराधना के साथ सुन्दरकाण्ड में भाग लिया। देर शाम 4 बजे छप्पन महाभोग प्रसाद का वितरण किया गया। अंत में सायंकाल शहर के स्थानीय कलाकारों द्वारा संगीतमय आर्केस्ट्रा व भजन संध्या का आयोजन भी हुआ जिसमें भैरव बाबा के ऊपर कई तरह के गीतों से वातावरण गुंजायमान रहा। भजन संध्या के मध्य में संगीतमय महा आरती एवं भभूत आरती का आयोजन भी किया गया है। भजन संध्या के बाद श्री श्री 1008 भैरवदास जी महाराज द्वारा रात्रि 10 बजे से रात्रि जागरण किया गया और अर्धरात्रि चार बजे भैरवनाथ का जन्मोत्सव श्रद्धालुओं द्वारा धूमधाम के साथ मनाया गया।