शर्म इन्हे आती नहीं: खा डाला 4 करोड़ का सरकारी गेंहू

ललित मुदगल/ शिवपुरी/ मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान प्रदेश को स्वर्णिम प्रदेश बनाने का सपना देख रहे है और वह इसके लिए निरंतर प्रयास भी कर रहे है परन्तु प्रदेश में बैठे अधिकारी भ्रष्टाचार का कोई भी स्वर्णिम अवसर अपने हाथ से जाने नहीं दे रहे है। ऐसा कहने में हमें कोई अतिश्योक्ति नहीं है।

सूत्रों के अनुसार शिवपुरी जिले में पीडीएस में जिला खाद्य अधिकारी और एक संस्था के उप प्रबंधक ने मिलकर ए.पी.एल.परिवारों का 25296 क्विंटल गेहूं बाजार में बेच दिया है। आज दिनांक तक पिछले एक वर्ष में एक गेहॅंू का दाना भी पोहरी लीड संस्था उप प्रबंधक ने नहीं बांटा है।

जी हां! यह उतना ही सत्य है जैसे आज सूर्य देव उदय हुए है आप इसे पढ़ रहे है और मैं इसे लिख रहा हूं यह मामला जब संज्ञान में आया जब राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन के प्रदेश महासचिव अशोक सम्राट को पोहरी तहसील में ए.पी.एल.राशनकार्डधारी परिवारों को कंट्रोल पर गेहूं न बंटने की शिकायतें पिछले कुछ माहों से मिल रही थी। उन्होंने अपने स्तर से जानकारी प्राप्त कर शिवपुरी इकाई के महासचिव गौरव हरितवाल के माध्यम से एक पत्र पोहरी की विभिन्न सार्वजनिक वितरण प्रणाली की संस्थाओं को पिछले एक वर्ष से एपीएल राशनकार्डधारियों को गेहूं व कैरोसिन न मिलने के संदर्भ में लिखा।

इस पत्र के जबाब में पोहरी की विभिन्न संस्थाओं द्वारा जो पत्र गौरव हरितवाल के पास भारतीय डाक विभाग के माध्यम से आया। इस आए हुए पत्र के अनुसार 

पत्र क्रमांक क्यू/2०11/2०12 
श्री गौरव हरितवाल 
जिला महासचिव राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति

विषय-सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत संस्था द्वारा संचालित उचित मूल्य की दुकानों पर ए.पी.एल.खाद्यान्न वितरण ना होने के संदर्भ में 

उपरोक्त विषयांतर्गत लेख है कि आपके द्वारा संस्था द्वारा संचालित उचित मूल्य की दुकानों पर विगत 1 वर्ष से एपीएल राशनकार्डधारी को खाद्यान्न एवं कैरोसिन वितरण नहीं होने के संबंध में शिकायतें प्राप्त होने की जानकारी दी थी इस संबंध में संस्था द्वारा उक्त उचित मूल्य की दुकानों से जानकारी एकत्रित कराई गई है। जिसमें संस्था द्वारा पोहरी अनुविभाग में मात्र 2० उचित मूल्य की दुकानें संचालित की जा रही है जिसमें ग्राम अगर्रा, सेवाखेड़ी, लोकारी, गणेशखेड़ा, घटाई, बूढ़दा, ऐसवाया, दुलारा, देवरीखुर्द को लीड संस्था द्वारा विगत एक वर्ष से एपीएल खाद्यान्न का आवंटन दिया ही नहीं है तो वितरण किया जाना संभव नहीं है। एपीएल गेहॅंू नहीं प्राप्त होने के संबंध में कई बार संस्था द्वारा मौखिक एवं लिखित निवेदन लीड संस्था संस्था प्रबंधक कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी से किया, जिस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

प्रबंधक विपणन एवं प्रक्रिया सहकारी संस्था मर्यादित पोहरी जिला शिवपुरी म.प्र.

ऐसे ही, महिला बहुउद्देशीय सहकारी संस्था मर्यादित कृष्णगंज पोहरी, महिला बहुउद्देशीय सहकारी संस्था गणेशखेड़ा पोहरी, इंदिरा महिला बहु.सहकारी संस्था मर्यादित पोहरी, इन चारों संस्थाओं ने पिछले एक वर्ष से पोहरी लीड सेवा सहकारी संस्था भटनावर, तहसील पोहरी उप प्रबंधक नरेश रावत द्वारा पिछले एक वर्ष से एपीएल का गेहूं नहीं दिया गया है।

लेकिन सूत्रों की मानें तो, गौरव हरितवाल द्वारा पोहरी की सभी संबंधित संस्थाओं को इसी प्रकार के पत्र भेजे गए। इनमें से पांच संस्थाओं ने अपने-अपने पत्रों के माध्यम से पिछले एक वर्ष से एपीएल का गेहूं ना मिलने की बात लिखित में दी। ये चारों संस्थाऐं पोहरी में 3० उचित मूल्य की दुकानों को संचालित करती है। पूरे पोहरी तहसील में 95 उचित मूल्य की दुकानें है जबकि शेष उचित मूल्यों की दुकानों की संस्थाओं ने इन पत्रों का जबाब गौरव हरितवाल को नहीं दिया है।

सूत्र यह भी बता रहे हैं कि सेवा सहकारी संस्था भटनावर द्वारा जिला नागरिक आपूर्ति निगम से 218० क्विंटल एपीएल का गेहूं आवंटित हुआ है और इस गेहूं का विधिवत परमिट जिला खाद्य अधिकारी शिवपुरी ने प्रतिमाह जारी किया है। जब यह गेंहू बंटा नहीं है तो कहां गया?

ऐन-केन प्रकरण कुछ भी हो इस पूरे मामले में कई सवालों के जन्म होते है। 3० उचित मूल्य की दुकानों की संस्थाओं ने लिखित रूप से यह स्वीकार किया है कि हमारे पास पिछले एक वर्ष से एपीएल गेहूं प्राप्त नहीं हुआ है बाकी बची 65 उचित मूल्यों की दुकानों की कहानी भी ऐसी ही है। यहां भी पिछले एक वर्ष से इन्हें भी एपीएल गेहूं का एक भी दाना प्राप्त नहीं हुआ है। लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि पोहरी लीड को नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा 218० क्विंटल गेहूं प्रतिमाह पोहरी लीड को दिया गया है कुल मिलाकर संख्या 25296 क्विंटल गेहूं होता है जिसका बाजारू मूल्य 4 करोड़ के आसपास है। यह गेहूं नहीं बंटा तो कहां है?

जब जिला खाद्य अधिकारी प्रतिमाह एपीएल गेहूं का परमिट बनाकर पोहरी लीड संस्था के उप प्रबंधक नरेश रावत को दे रहे थे तो वह इस क्षेत्र में जारी किए गए गेंहू का वितरण हो रहा है कि नहीं, यह देख नहीं रहे थे क्या...? वितरण तो हो ही नहीं रहा था तो शिकायतें तो मिल ही रहीं होंगी, फिर इन शिकायतों का जिला खाद्य अधिकारी एस.पी.एस.कुशवाह क्या कर रहे थे...?

क्यों जिला खाद्य अधिकारी पोहरी लीड के प्रबंधक की ओर से आंखें बंद कर अपनी कुर्सी पर जमे रहे है। सूत्र हमें बता रहे है कि 25296 क्विंटल गेहूं पोहरी लीड उप प्रबंधक नरेश रावत व जिला खाद्य अधिकारी ने मिलकर इस गेहूं को खुर्दबुर्द कर दिया।
इनका कहना है-
खाद्य अधिकारी और पोहरी लीड के उप प्रबंधक ने जिस प्रकार से करोड़ों के गेहॅंू को मिलीभगत कर बेचा है उसके लिए हम प्रदेश स्तर से कार्यवाही कराने के लिए बाध्य होंगें ओर कार्यवाही कराकर ही दम लेंगें।

अशोक सम्राट
प्रदेश महासचिव
राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति