लो अब शिक्षक ही हो गए शिक्षा के दुश्मन, 2 और 3 दिसम्बर को करेंगे शिक्षा के मंदिरों की तालाबंदी

शिवपुरी-शि-सज्जनता से परिपूर्ण, क्ष-क्षमा से परिपूर्ण, क-कर्तव्यनिष्ठ, ऐसे में इन्हीं अर्थों का शिक्षक दोहन कर रहे है जहां शिक्षक सज्जनता से पूर्ण तो देखे जा सकते है और क्ष से क्षमा भी मांग रहे है साथ ही अपने कर्तव्य को कर्तव्यनिष्ठा मानकर पूर्ण भी कर रहे है लेकिन यह सब करना शिक्षक के लिए उसके मायने को प्रदर्शित करता है किन्तु इससे बच्चों के भविष्य पर क्या असर पड़ेगा।

इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे में जो शिक्षक बच्चों के लिए अपना जीवन समर्पित कर देता है वही शिक्षक अब बच्चों के भविष्य की परवाह किए बगैर अपने हितों की पूर्ति के लिए आन्दोलन का मूड़ बना रखे है। हम यह नहीं कहते कि शिक्षा के अधिकारों का हनन हो, ऐसे में शिक्षा को दान में दी जा सकती है लेकिन इस तरह घोर विरोध कर शिक्षक बच्चों के भविष्य के साथ क्यों खिलवाड़ कर रहे है यह समझ से परे है। अभी-अभी प्रेस को जारी प्रेस नोट में अध्यापक, संविदा शिक्षक, एवं गुरूजी अब अपनी मांगों को पूर्ण कराने के लिए शिक्षा के मंदिर में ही तालाबंदी करने की योजना बना रहे है और आगामी 4-5 दिसम्बर को यह आन्दोलन होना भी तय है वहीं काली पट्टी बांधकर तो अपनी मांगे पूर्ण कराने के लिए अभी से आतुर है और यह अभियान शुरू कर भी दिया गया है।
अपनी मांगों के अनुसार नियमित भृत्य से कम वेतन पा रहे अध्यापक, संविदा शिक्षक, एवं गुरूजी अब अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर सामूहिक अवकाश पर रहने के साथ स्कूलों की तालाबंदी करने जा रहे हैं। सोमवार को शिक्षा मंत्री ने आंदोलन समाप्त करने के बाद मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था जिसमें कौन सी मांगें पूरी होंगे यह स्पष्ट नहीं किया था। शिक्षा मंत्री से मिले आश्वासन के बाद अध्यापकों ने अपना आंदोलन और तेज कर दिया है। 

अध्यापक संविदा शिक्षक संघ म.प्र. के प्रांतीय उपाध्यक्ष राज कुमार सड़ैया ने बताया कि सत्रह वर्षों से अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे अध्यापक अब अपनी दो सूत्रीय मांग शिक्षा विभाग में संविलियन तथा समान कार्य समान वेतन के लिए अध्यापक संयुक्त मोर्चा के प्रांताध्यक्ष मनोहर प्रसाद दुबे, मुरलीधर पाटीदार व ब्रजेश शर्मा के आह्वान पर 3 दिसम्बर से 5 दिसम्बर तक सामूहिक अवकाश पर रहकर जिन स्कूलों में अध्यापक संवर्ग पूर्ण रूप से कार्यरत है उन स्कूलों की तालाबंदी करेंगे। साथ ही 2 दिसम्बर तक विद्यालयों में काली पट्टी बांध कर कार्य कर अपना विरोध प्रकट करेंगे। अभी तक आंदोलन छात्र बिल को देखते हुए अवकाश के दिनों में चलाया जा रहा था लेकिन शासन की लगातार अनदेखी के चलते एवं सोमवार को शिक्षा मंत्री ने आंदोलन समाप्त करने के बाद मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था जिसमें कौन सी मांग पूरी होंगी यह स्पष्ट नहीं हुआ था जिसके बाद अध्यापक संयुक्त मोर्चा ने अपना आंदोलन और तेज कर दिया है।
ये रहेंगें शामिल-
 अध्यापक संयुक्त मोर्चा के राज कुमार सड़ैया स्नेह रघुवंशी, सुनील उपाध्याय, धर्मेन्द्र जैन, धर्मेन्द्र रघुवंशी, गोविन्द अवस्थी, नीरज सरैया, राजीव भार्गव ने बताया अभी तक अध्यापक संयुक्त मोर्चा द्वारा अपने प्रदेश व्यापी आंदोलन के क्रम में, काली पट्टी बांध कर विरोध, विधायकों एवं सांसदों के घर पर धरना एवं समर्थन पत्र आंदोलन, ब्लॉक स्तर पर पूरे प्रदेश में धरना, जिला स्तर पर धरना रैली ज्ञापन एवं 20 से 29 नवम्बर तक संभाग वार भोपाल में धरना जिससे 29 नवम्बर को ग्वालियर सम्भाग के ग्वालियर गुना, अशोकनगर और शिवपुरी जिला द्वारा धरना दिया गया था। लगातार शोषण के चलते अध्यापक अब आर-पार की लड़ाई लडऩे के लिए तैयार हो गये हैं।
अध्यापक संयुक्त मोर्चा के राज कुमार सड़ैया स्नेह रघुवंशी, सुनील उपाध्याय, धर्मेन्द्र जैन, धर्मेन्द्र रघुवंशी, गोविन्द अवस्थी, नीरज सरैया, राजीव भार्गव, गुरू प्रसाद शर्मा, मनीष बैरागी, राज बिहारी शर्मा, भूपेन्द्र रघुवंशी, अरविन्द सरैया, दिनकर नीखरा, विपिन पचौरी, राजेश चौरसिया, परवेज खान, नारायण कोली, पंचम सिंह राजपूत, राजेश खत्री, दीपक भार्गव, सुनील राठौर, रिंकू द्विवेदी, दिलीप त्रिवेदी, कमल किशोर उपाध्याय, राकेश सरैया, वेद प्रकाश शर्मा, अरूण शर्मा आदि ने आंदोलन को सफल बनाने की अपील की है तथा दो अक्टूबर तक काली पटटी बांध कर कार्य कर विरोध प्रकट करने को कहा है।