भोपाल तक पहुंची जिलाध्यक्ष की लड़ाई

शिवपुरी/ शिवपुरी के भाजपा जिलाध्यक्ष को लेकर यशोधरा गुट और नरेन्द्र सिंह खेमे की लड़ाई भोपाल तक पहुंच गई है। नरेन्द्र सिंह तोमर गुट में ही दो खेमे बन जाने के बाद एक खेमे का नेतृत्व कर रहे जैन ब्रदर्स ने इस गुट से पाला बदलकर रणवीर रावत की खिलाफत कर दी है।

बताया जाता है कि जैन ब्रदर्स ने शनिवार को भोपाल की अपनी यात्रा के दौरान शिवपुरी के जिलाध्यक्ष को लेकर भी संगठन एवं सत्ता के नेताओं से शिकवे शिकायतें की है। जैन ब्रदर्स खुलेआम रणवीर रावत के विरोध में आ चुके है। सूत्रों का कहना है कि शनिवार को भोपाल यात्रा के दौरान जैन ब्रदर्स ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन महामंत्री अरविन्द मेनन से मुलाकात कर किसी नए नाम पर विचार करने की बात इस मामले में कही है। 

सूत्रों ने बताया है कि जैन ब्रदर्स के भोपाल दौरे की यह खबर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नरेन्द्र सिंह तोमर को भी लग चुकी है। जैन ब्रदर्स पहले नरेन्द्र सिंह तोमर गुट में ही थे और शिवपुरी की राजनीति में नरेन्द्र सिंह तोमर को ही जैन ब्रदर्स का गॉडफादर कहा जाता था। भाजपा जिलाध्यक्ष के चयन के मामले में रणवीर रावत की खिलाफत के बाद जैन ब्रदर्स की यशोधरा राजे से नजदीकियां बढ़ गई है। भोपाल दौरे के दौरान जैन ब्रदर्स के साथ यशोधरा राजे के नजदीकी और प्रदेश मंत्री ओमप्रकाश खटीक को भी देखा गया है। खबर यह आ रही है कि जैन ब्रदर्स ने शिवपुरी जिलाध्यक्ष के लिए ओमप्रकाश खटीक के नाम को आगे कर दिया है। शिवपुरी में जिलाध्यक्ष के चयन को लेकर चली खेमेबाजी और गुटबाजी की यह लड़ाई भोपाल तक पहुंच गई है। भोपाल में ही पार्टी हाईकमान को इस मामले में कोई निर्णय लेना है। 

प्रभात और नरेन्द्र का हाथ रणवीर के साथ


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा और राष्ट्रीय महासचिव नरेन्द्र सिंह तोमर शिवपुरी के जिलाध्यक्ष रणवीर रावत को ही बनाए जाने के पक्ष में है। ऐसे संकेत गत दिनों शिवपुरी से गए एक प्रतिनिधि मण्डल को इन दोनों नेताओं से हुई मुलाकात के बाद सामने आए है। सूत्र बताते हैं कि पिछले तीन साल से रणवीर रावत ने जिस दमदारी से इस संगठन को शिवपुरी में चलाया है उस नेतृत्व के सभी वरिष्ठ नेता कायल है और इसीलिए रणवीर रावत को पुन: इस पद पर देखना चाहते है। मगर बीते दिनों यशोधरा गुट और जैन ब्रदर्स की खिलाफ के बाद रणवीर की ताजपोशी में रूकावट आ गई है। अब यह रूकावट कैसे दूर होती है यह देखने वाली बात होगी?

तो क्या करैरा से टिकिट नहीं मांगेंगे ओमप्रकाश


जैन ब्रदर्स द्वारा भाजपा जिलाध्यक्ष के लिए ओमप्रकाश खटीक के नाम को आगे किए जाने के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि अब करैरा आरक्षित सीट से ओमप्रकाश खटीक अपने लिए टिकिट नहीं मांगेंंगे। परिसीमन के बाद कोलारस सामान्य सीट होने से विधायकी चली जाने से ओमप्रकाश खटीक अंदर ही अंदर मायूस हैं और करैरा से रमेश खटीक की कथित तौर पर कमजोर स्थिति को देखते हुए पिछले कई दिनों से वह टिकिट की मांग कर रहे है। अब जिलाध्यक्ष के लिए ओमप्रकाश का नाम चलने पर भविष्य में करैरा से टिकिट के आसार स्वत: ही समाप्त हो जाऐंगें।