प्रेम विवाह का फर्जी शपथ पत्र सत्यापित करना महंगा पड़ा

शिवपुरी/ बीते चार माह पहले सीधी जिले से अपहृत हुई युवती के साथ प्रेम विवाह दर्शाने के लिए अपहरणकर्ता ने शिवपुरी आकर विवाह का अनुबंध और शपथ पत्र संपादित कराया। अनुबंध पत्र का 100 रूपये का स्टाम्प किसी और के नाम पर था और उसकी पहचान करने वाले अभिभाषक राकेश सेंगर  तथा नोटरी संपादित करने वाले एक अभिभाषक के खिलाफ पुलिस ने भादवि की धारा 420, 468 और 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। हालांकि दोनों अभिभाषकों ने अपने आप को निर्दोष बताया है। युवती का अपहरण करने वाले आरोपी आसू को भी गिरफ्तार कर लिया है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार सीधी में निवासरत् संतोष तिवारी पुत्र रामकृपाल तिवारी ने कल एसपी आरपी सिंह को एक आवेदन सौंपा जिसमें बताया गया कि आरोपी आसू पुत्र सलीम खां निवासी पटेल पार्क गौशाला रोड अशोकनगर बीते 21 और 22 जुलाई की रात उनकी पुत्री रेणू तिवारी को बहलाफुसलाकर उसका अपहरण करके ले गया था जिसकी रिपोर्ट युवती के पिता ने सीधी जिले के कोतवाली थाने में की थी। इसके बाद आरोपी आसू ने सीधी जिले की पुलिस को गुमराह करने के लिए शिवपुरी के अभिभाषक राकेश सेंगर से संपर्क साधा और श्री सेंगर ने 100 रूपये के स्टाम्प पर विवाह अनुबंध पत्र संपादित कराया। 

चूंकि विवाह होने के पश्चात युवती अन्य पिछड़े वर्ग की हो गई थी इस कारण स्टाम्प में छूट दी गई और शपथ पत्र सादे कागज पर बनवाया गया। इस मामले में गड़बड़ी यह हुई कि स्टाम्प कु. प्रियंका पुत्री अवधेश श्रीवास्तव के नाम से था जबकि अनुबंध और शपथ पत्र में युवती का नाम रेणू पुत्री संतोष तिवारी लिख दिया गया। सूत्र बताते हैं कि स्टाम्प आरोपी आसू ही लेकर आया था चूंकि स्टाम्प बिना पहचान के नहीं मिलते और आरोपी के पास पहचान पत्र नहीं था इस कारण कोई पुराना स्टाम्प लेकर विवाह अनुबंध पत्र संपादित कराया गया। शपथ पत्र को सत्यापित एक एडवोकेट ने किया तथा विवाह अनुबंध और शपथ पत्र पर पहचान प्रमेन्द्र नामक युवक और अभिभाषक राकेश सेंगर ने की थी। 

ये शपथ पत्र 23 जुलाई 2012 को सत्यापित किया गया। इसके बाद आरोपी आसू ने उक्त फर्जी शपथ पत्र को सीधी कोतवाली में पेश किया। लेकिन पीडि़त युवती रेणू ने इस विवाह से इंकार कर दिया और कहा कि मेरे द्वारा कोई भी शपथ पत्र नहीं दिया गया और न ही मेरा आसू से विवाह हुआ है। यह शपथ पत्र झूठा है इसके बाद युवती के पिता संतोष जब शपथ पत्र की सत्यता जानने के लिए शिवपुरी आए और वकीलों से संपर्क किया तो स्टाम्प बेंडर के रजिस्टर में उक्त स्टाम्प का नंबर जांचा तो वह किसी कु. प्रियंका पिता अवधेश श्रीवास्तव के नाम से अंकित था। इसके बाद संतोष ने एसपी आरपी सिंह को आवेदन देकर उसके साथ हुई घटना की जानकारी दी। आवेदन की सत्यता जानने के बाद एसपी आरपी सिंह ने कल कोतवाली पुलिस को आरोपी दोनों वकीलों सहित आसू पर मामला दर्ज करने के निर्देश दे दिए।