तिकड़ी को संतुष्ट नहीं कर सके सिंधिया

शिवपुरी-शिवपुरी जिले में आपसी गुटबाजी और कलह से जूझ रही कांग्रेस में परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। सिंधिया खेमे में ही असंतोष की राजनीति बढ़ती ही जा रही है। पिछले कई दिनों से अपनी उपेक्षा से नाराज चल रहे सिंधिया खेमे के राकेश गुप्ता, विजय शर्मा और लक्ष्मीनारायण धाकड़ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से दूरियां बना ली हैं।

इन तीनों नेताओं की कांग्रेस के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यक्रमों से दूरी चर्चा का विषय बनी हुई है। कभी सिंधिया खेमे की राजनीति करने वाले पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण धाकड़, ज्योतिरादित्य के सांसद प्रतिनिधि रहे विजय शर्मा और शहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राकेश गुप्ता के दिग्विजय सिंह खेमे में जाने की चर्चा भी सरगर्म है।

सूत्र बताते हैं कि अपनी उपेक्षा और पार्टी में उचित मान-सम्मान ना मिलने के कारण सिंधिया खेमे के इन नेताओं ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से   दूरी बना ली है। दूरी बनाने के बाद राकेश गुप्ता, लक्ष्मीनारायण धाकड़ और विजय शर्मा अब संगठन की राजनीति करने लगे है। संगठन की राजनीति पर जोर देते हुए इन तीनों कांग्रेसियों ने अब कुछ कर गुजरने की ठान ली है। 

एकाएक इन तीनों नेताओं की सिंधिया से क्या खटपट हुई और इस खटपट के बाद इनकी क्या नाराजगी है यह बात कांगे्रस पार्टी में चर्चा का विषय बनी हुई है। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राकेश गुप्ता जो पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सांवलदास के पुत्र है, को पिछले नगर पालिका चुनावों में कांग्रेस का टिकिट ना मिल पाने के कारण नाराजगी है। इस नाराजगी को दूर करने के लिए शहर कांग्रेस अध्यक्ष की कमान इन्हें दी गई मगर कुछ सिंधियानिष्ठों से इनकी पटरी ना बैठ पाने के कारण और शिकवे-शिकायतों के बाद क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने  इन्हें शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद से विदा कर दिया। 

इस पद से विदाई के बाद राकेश गुप्ता ज्योतिरादित्य सिंधिया से नाखुश है। इसी तरह पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण धाकड़ अपने आप को जिलाध्यक्ष पद के लिए दावेदार मानते थे मगर लक्ष्मीनारायण की जगह रामसिंह यादव को कांग्रेस की कमान सौंपी जाने के बाद लक्ष्मीनारायण की पटरी सिंधिया खेमे के नेताओं से नहीं बैठी। सिंधिया गुट के ही कई नेताओं ने लक्ष्मीनारायण धाकड़ की शिकवे शिकायतें करके ज्योतिरादित्य सिंधिया से इनकी दूरियां बढ़वा दी। 

वहीं तीसरे नेता विजय शर्मा जो युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे है व ज्योतिरादित्य सिंधिया के नगर पालिका में सांसद प्रतिनिधि रहे है, की भी कुछ सिंधियानिष्ठों ने बेमतलब शिकवे शिकायतें करके विजय शर्मा को सिंधिया कैम्प से आउट करने में महत्वपूर्ण रोल निभा दिया। बताया जाता है कि युवक कांग्रेस के चुनाव प्रबंधन में विजय शर्मा को मीनाक्षी नटराजन व राहुल गांधी के नजदीक जाने का मौका मिलने पर स्थानीय सिंधियानिष्ठों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के कान भर दिए और इस कान भराई के बाद विजय शर्मा भी ङ्क्षसधिया खेमे को बाय-बाय कर चुके है।

दिग्विजय सिंह का किया था जोरदार स्वागत


कभी ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास माने जाने वाले लक्ष्मीनारायण धाकड़, राकेश गुप्ता, विजय शर्मा ने बीते दिनों शिवपुरी में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के शिवपुरी आगमन के दौरान दिग्गी राजा का जोरदार स्वागत किया था। इस स्वागत की खबर दिल्ली बैठे ज्योतिरादित्य सिंधिया को स्थानीय सिंधियानिष्ठों द्वारा दी गई। इस स्वागत की खबर के बाद ही इन तीनों नेताओं की सिंधिया कैम्प में दूरी की यह खाई दिन ब दिन बढ़ती चली गई। पाटी्र सूत्र बताते हैं कि इन तीनों कांग्रेसी नेताओं की अब ज्योतिरादित्य सिंधिया से सही ढंग से ट्यूनिंग नहीं बैठ रही है जो पूर्व में ट्यूनिंग थी वह अब बिगड़ चुकी है। दिग्विजय सिंह के स्वागत के बाद इन तीनों नेताओं की वजनदारी सिंधिया कैम्प में वैसी नहीं रही जो कुछ सालों पहले तक थी।

कालूखेड़ा भी नहीं संभाल सके असंतोष


गुटबाजी का शिकार हो चुके ङ्क्षसधिया खेमे में नेताओं के बीच आपसी मन-मुटाव के कारण बढ़ती खाई को रोकने के लिए बीते दिनों ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास सिपाहसलार महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा को स्थानीय कांग्रेसियों को मनाने के लिए शिवपुरी भेजा गया था। कालूखेड़ा ने सिंधियानिष्ठों के घर-घर जाकर मेल-मुलाकात करके असंतोष को दूर करने की कोशिश की थी। इस दौरान कालूखेड़ा लक्ष्मीनारायण धाकड़, राकेश गुप्ता, विजय शर्मा से भी मिले थे और इनके गिले-शिकवों को दूर करने की कोशि की थी मगर सही आश्वासन ना मिल पाने के बाद इन तीनों नेताओं की बात सिंधिया कैम्प से नहीं बन सकी और असंतोष बढ़ता ही जा रहा है।