ये कैसा लोकसेवा गारंटी अधिनियम: चक्कर तो अभी भी काटने पड़ रहे है शिवराज के वोटर्स को

शिवपुरी। मध्य प्रदेश में अपने लोक सेवा गारंटी अधिनियम को सफल बनाने के उद्देश्य से वैकल्पिक तौर पर जिन लोक सेवा केन्द्रों का गठन किया गया था, उन लोक सेवा केन्द्रों द्वारा स्वयं इस अधिनियम की धज्जियां उड़ाकर इसे चूना लगाया जा रहा है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत जारी अधिसूचना एवं नियम निर्देशों का पालन कोई भी लोक सेवा केन्द्र द्वारा नहीं किया जा रहा है।

मजे की बात तो यह है कि लोक सेवा योजना से जुड़े प्रशासन के आला अधिकारियों को यह सब मालूम होते हुए भी वे इसे दरकिनार कर रहे हैं और लोक सेवा केन्द्र के संचालक इसका भरपूर फायदा उठा रहे हैं। लेकिन इन सभी हालातों को देखकर ऐसा लगता है कि ये कैसा लोकसेवा गारंटी अधिनियम है चक्कर तो अभी भी काट रहे हैं शिवराज के वोटर्स।

प्रदेश शासन द्वारा अपने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के सफल क्रियान्वयन हेतु एक ओर तो आमजनता को सहूलियत प्रदान करने के उद्देश्य से इन लोक सेवा केन्द्रों का गठन किया गया है किन्तु इन लोक सेवा केन्द्रों से आम जनता को कोई लाभ मिलना तो दूर उन्हें खासा परेशानी का सामना और करना पड़ रहा है। इन केन्द्रों के खुल जाने से जहां एक ओर आम जन की जेब पर जबरन का डाका पडऩे लगा है वहीं दूसरी ओर सात से पन्द्रह दिवस तक प्रमाण पत्रों को प्राप्त करने के लिए चक्कर भी लगाने पड़ रहे हैं।

क्या होना चाहिये लोक सेवा केन्द्रों पर?


1. लोक सेवा केन्द्र प्राइवेट ठेकेदारों को प्रदाय किए गए हैं, जिन्हें अपनी ओर से फर्नीचर, उपकरण आदि की सारी व्यवस्थाएं करना हैं।
2. आन लाइन प्रक्रिया के तहत इन्टरनेट की व्यवस्था की जवाबदारी स्वयं लोक सेवा केन्द्र संचालक की होगी।
3. लोक सेवा केन्द्र पर प्रति आवेदन तीन रुपया राशि ली जावेगी, जिसमें प्रमाण पत्र तैयार कर निर्धारित समय सीमा में आवेदक को प्रदाय करना होगी।
4. निर्धारित तीस रुपया शुल्क के अतिरिक्त कोई अन्य राशि आवेदक से वसूल नहीं की जाएगी।
5. निर्धारित समयावधि में प्रमाण पत्र तैयार कर देना संबंधित विभाग व लोक सेवा केन्द्र की जवाबदारी होगी।
6. समय सीमा में जानकारी न देने पर दण्ड आरोपित किया जाएगा, जो पदाभिहित अधिकारी एवं लोक सेवा केन्द्र दोनों पर लागू है।
7. आरोपित एवं जुर्माने से वसूल की गई राशि आवेदक को हर्जाने के रूप मेें देना होगा।
8. लोक सेवा केन्द्रों पर सभी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्थाएं लोक सेवा केन्द्र संचालक को करनी होगी।

क्या हो रहा है लोक सेवा केन्द्रों पर?


1. स्थानीय प्रशासन द्वारा इन लोक सेवा केन्द्रों को बिना किसी स्वीकृति के शासकीय फर्नीचर एवं उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।
2. आन लाइन हेतु इन केन्द्रों द्वारा स्वयं का इन्टरनेट व टेलीफोन का उपयोग न कर शासकीय टेलीफोन व इन्टरनेट का उपयोग किया जा रहा है।
3. इन केन्द्रों पर निर्धारित तीन रुपया शुल्क के अतिरिक्त भी प्रिंटिंग व स्टेशनरी के नाम पर प्रति आवेदक से बीस से सौ रुपया तक अतिरिक्त लिया जा रहा है।
4. अधिनियम के तहत निर्धारित शुल्क में ही सम्पूर्ण प्रमाण पत्र तैयार कर आवेदक को समय सीमा में देना है, किन्तु ऐसा नहीं किया जा रहा है।
5. अधिनियम के तहत निर्धारित समय सीमा में प्रमाण पत्र तैयार कर आवेदक को प्रदाय किया जाना है, किन्तु आवेदक को समय सीमा में प्रमाण पत्र नहीं मिल रहे हैं।
6. समय सीमा में प्रमाण पत्र प्रदाय न करने पर अभी तक न तो पदाभिहित अधिकारी और न ही लोक सेवा केन्द्र पर दण्ड आरोपित किया गया है।
7. समय सीमा निकल जाने पर प्रतिदिन के मान से 250 रुपया एवं अधिकतम 5000 रुपया दण्ड का प्रावधान है किसी भी आवेदक को हर्जाने के रूप में राशि नहीं दी गई है।
8. लोक सेवा केन्द्रों पर प्रशासन द्वारा सशस्त्र बल तैनात कर शासकीय नियमों की अवहेलना की जा रही है।

आखिर क्या है लोक सेवा गारंटी अधिनियम-


अन्य अधिनियमों की तरह ही मध्यप्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत भी केवल आवेदक द्वारा चाहे जाने पर चिन्हित सेवाओं के तहत लोक सेवा केन्द्र में आवेदन प्रस्तुत कर वह निश्चित समय सीमा में जानकारी प्राप्त कर सकता है। समय सीमा में कार्य न करने अथवा अनावश्यक कारणों से विलम्ब करने वाले अधिकारी कर्मचारियों को दण्ड देने का प्रावधान है। दोषी अधिकारी कर्मचारी पर 250 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक के दण्ड की व्यवस्था की गई है।

अनिवार्य नहीं है लोक सेवा के तहत ही जानकारी लेना


मध्य प्रदेश शासन लोक सेवा गारंटी अधिनियम की जारी अधिसूचना एवं नियम के तहत यह यह अनिवार्य नहीं है कि उक्त सेवाओं के सभी आवेदन अधिनियम के तहत ही प्रस्तुत किए जाएं। आवेदक द्वारा चाहे जाने पर ही इस सेवा के तहत लोक सेवा केन्द्र में आवेदन प्रस्तुत किया जावेगा किन्तु जिला प्रशासन द्वारा भी बिना किसी लिखित निर्देश, जानकारी के हवा हवा में ही मोबाइल अथवा एमएसएम से सभी आवेदनों को लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से ही लिया जाना सुनिश्चित कर दिया।