मृतक वनपाल प्रभाकर की आत्मा न्याय की गुहार लगा रही है शिवपुरी के सिंघम से

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शिवपुरी-देखने में आ रहा है कि वर्तमान समय में नए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की कमान संभालने वाले अमित सिंह अपने कर्तव्य के प्रति निडरता व निर्भीकता के साथ कार्य करते है और अभी कुछ मामलों को ट्रेस कर उन्होंने अपने कर्तव्य की परायणता का प्रमाण भी दिया लेकिन इतना सब करने के बाद भी आज सिंधिया ट्रस्ट की छत्री चोरी का मामला हो चाहे धौलागढ़ व बदरवास में हुई डकैती अथवा महत्वपूर्ण मामला जिसमें एक वनपाल विशाल प्रभाकर किन्हीं अज्ञात तत्वों द्वारा गोली मार दी गई हो अथवा आत्महत्या हो। यह सभी वे मामले है जिन पर कार्य करना एएसपी अमित सिंह के कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी है


ऐसे में अब इन मामलों का खुलासा होना इसलिए आवश्यक है क्योंकि बीते छ: माह से विशाल प्रभाकर के परिजन न्याय की आस में है एक ओर तो वन विभाग इस मामले से पल्ला झाड़ता है तो वहीं दूसरी ओर पुलिस जांच भी महज जांच बनकर ही रह गई है थक-हारकर विशाल के परिजनों ने अब पुलिस व जिला प्रशासन से इस मामले में सीबीआई की जांच तक की मांग कर डाली। लेकिन बुलंद हौंसलों और मंसूबों को अंजाम देने वाले अमित सिंह भी लोगों को काफी आशाऐं है निश्चित ही रूप से हम कलमवीरों की कलम से वन पाल प्रभाकर की आत्मा हमारी कलम से उसके हत्यारों को पकडऩे के लिए न्याय की गुहार कर रही है। हम अब हमारी कलम भी  शिवपुरी सिंघम  से इस मामले को सुलझाने की उम्मीद करती है।

जी हां! बीते कुछ रोज पूर्व जब शातिर बदमाश संजय खटीक को पुलिस ने पकड़ा तो विधिवत रूप से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने मीडिया के सम्मुख अपने उन कार्यों को भी मीडिया के समक्ष गिनाया जिन पर अब तक कार्यवाही हुई और सफलता पाई लेकिन इसी दौरान श्री सिंह के सामने अब भी लगभग तीन-चार कार्य चुनौतियों भर है जिन पर वह कार्य कर रहे है और अपने अधीनस्थों को लेकर कार्यरत भी है। श्री सिंह इन दिनों जिले के बदरवास की डकैती, धौलागढ़ की डकैती व सिंधिया ट्रस्ट की छत्री में हुए चांदी के गेट को लेकर काफी संवेदनशील है। वह इस ओर कार्यवाही भी कर रहे है जहंा दीगर जिलों में पुलिस की अलग-अलग टीमें इस काम में लगी हुई है। 

श्री सिंह का मानना है कि यह चुनौतियां जब तक पूरी नहीं होंगी तब तक काम अधूरा ही माना जाएगा। यहां बता दें कि जिले में इन दिनों एएसपी अमित सिंह के कार्यों से जहां आमजन ने राहत ली है तो वहीं अपराधों में भी कमी आई है। तुरत फुरत कार्यों में माहिर एएसपी ने जिस प्रकार से गोलोकोट मंदिर में जैन मूर्ति बरामद करना, सतनबाड़ा के समीप हुई लूट के मामले को ट्रेस करने में दिए निर्देशों का पालन करने पर तीन अपराधियों को पकडऩा, कोलारस में हुई डकैती के मामले में पर्दाफाश होना, रेलवे स्टेशन से घर जा रही दंपत्तियों से लूट के मामले का खुलासा कर आरोपियों को पकडऩा साथ ही अंचल में शातिर बदमाश संजय खटीक के फरार होने के बाद उसे 24 घंटें के अंदर सलाखों में डालना इन सभी कार्योँ को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि श्री सिंह साहब अपने कार्य के प्रति कितने गंभीर है लेकिन अभी भी उन्हें अन्य चुनौतियों का भी सामना करना शेष है।

 जिसमें सबसे प्रमुख है बदरवास में हुई 20 लाख की डकैती, धौलागढ़ में हुई 15 लाख की डकैती व सिंधिया राजवंश की छत्री में चांदी का गेट चोरी करने वाली चोरी का खुलासा यह सभी मामले श्री सिंह के लिए चुनौती भरे है। जिन पर कार्यवाही करना शेष है। इस बारे में श्री सिंह ने गत दिवस आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के सम्मुख भी कहा था कि बदरवास के ऐजवारा वाली डकैती में कुछ सुराग मिले है और इस मामले में कार्यवाही जारी है जहां शीघ्र ही इस मामले का खुलासा होना तय है। धौलागढ़ में हुई श्री शर्मा  के घर डकैती डालने वालों के खिलाफ भी पुलिस का सर्चिंग अभियान जारी है जहां अभी तो पुलिस को कोई महत्वपूर्ण जानकारी हाथ नहीं लगी लेकिन प्रयास जारी है।

 इसके साथ ही इन दोनों मामलों के साथ श्री सिंह सिंधिया ट्रस्ट की छत्री चोरी पर भी गहनता से कार्य कर रहे है। इस ओर उनकी सुई सिंधिया छत्री के आसपास ही है। यूं तो श्री सिंह के समय यहां चोरों ने चेारी की वारदात नहीं की लेकिन अपने नैतिक कर्तव्य के नाते वह इस ओर कार्यवाही करने में लगे है। देखा जाए तो इन सभी मामलों में शीघ्र ही अच्छे परिणाम मिलने की संभावना नजर आती है। 

विश्वास जीत चुके है श्री सिंह


नगर में इन दिनों ना तो अवैध शराब का विक्रय हो रहा है ना ही कहीं जुआरी अथवा सटोरिया नजर में आ रहा। इन सब को कम करने अथवा बंद करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एएसपी अमित सिंह ने निश्चित रूप से आमजन का विश्वास हासिल कर लिया है। तभी तो यह सभी अवैध कारोबार एक तरह से शून्य से पड़ गए है। अब उनके द्वारा किए गए कार्यों से तो पुलिस विभाग के ही कई अधिकारी-कर्मचारी सनाके की स्थिति में है जो इन्हीं अवैध कारोबार के जरिए अपना कमीशन कमाते थे अब उनके मंसूबों पर भी पानी फिर गया है। ऐसे में वह अब तो श्री सिंह की रवानगी के इंतजार में है साथ ही यह अवैध कारोबारी भी चाहते है कि हमें नुकसान पहुंचाने वाले ऐसे अधिकारी का तो यहां से जाने में ही भलाई होगी। खैर यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन फिलहाल श्री सिंह ने आमजनता का जो विश्वास जीता है उससे लगता है कि इन अवैध कारोबार पर आगे भी लगाम बनी रहेगी। 

ज्यादा बर्बरता भी ठीक नहीं


एएसपी अमित सिंह मानते है कि अपराधी को यदि अपराध से बचाना है तो उसे मौके पर ही सजा देना चाहिए लेकिन क्या इस तरह की सजा जिससे वह अपराधी स्वयं के आत्म सम्मान को खो चुका है उसका क्या हाल होगा? यह शायद श्री सिंह ने भी नहीं सोचा होगा। हम बात कर रहे है उन सजाओं की जो श्री सिंह इन दिनों आम जनता को दे रहे है। यहां अगर कोई शराब, जुआ, सट्टा खिलाता अथवा खेलता है मिलता है श्री सिंह साहब मौके पर ही उस व्यक्ति के आत्म सम्मान को ऐसी ठेस पहुंचाते है कि कहीं वह किसी गलत कदम को ना उठा ले। इसलिए चाहिए कि जो अवैध कारोबार है और कर रहे है उन्हें ऐसी सजा व समझाईश दें ताकि वह स्वयं अपनी गलतियों से दूर होने का प्रयास करें। 

इनका कहना है-

अपराध करने वाले अपराधी किसी एक घटना को अंजाम देने के बाद अन्य जगहों पर भी इसी तरह की वारदात करते है ऐसे में अभी तक हमने कुछ मामलों का पर्दाफाश किया है और जहां कार्यवाही शेष रह गई है उनमें बदरवास डकैती केेमामले में एक-दो दिन में खुलासा होने के आसार है तो वहीं सिंधिया ट्रस्ट की छत्री हमारा लीक पाईन्ट है इस पर भी कार्यवाही जारी है साथ ही धौलागढ़ के मामले पर भी हमारा काम चल रहा है जहां जल्द ही सफलता मिलेगी। वनपाल विशाल प्रभाकर की मौत के मामले में मुझे गहनता से जांच करनी होगी तो इस ओर भी कार्यवाही की जाएगी। 


अमित सिंह
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवपुरी

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