आर्य समाज ने मनाया गया वार्षिकोत्सव

शिवपुरी। मानव जीवन को हमेशा सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य से परिपूर्ण करने के लिए जिस प्रकार से मंत्रोच्चार की विधि को सार्थक बताया गया है ठीक उसी प्रकार से इन मंत्रों के उच्चारण के साथ यज्ञ में आहुति देने से यह सभी भौतिक सुख-सुविधाऐं भी मिलती है। आर्य समाज ने मानव जीवन को शक्तियों से पूर्ण करने के हल यज्ञ की व्यवस्था की है यज्ञ करने से हम घर में ही नहीं अपितु संपूर्ण नगर में   शांति लाने के लिए यज्ञ में आहुतियां देते है।


वेदों को ही परम पूज्य माना गया है जिससे सभी का कल्याण होता है। वेदों और यज्ञ की इस विधि के बारे में बता रहे थे आर्य समाज के प्रवक्ता लखवीर सिंह राणा जो स्थानीय आर्य समाज भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोगों को आर्य पद्धतियों से अवगत करा रहे थे।    

आर्य समाज शिवपुरी द्वारा यूं तो प्रति रविवार को प्रात: 8:30 बजे से यज्ञ करना, उसे अपनाना व यज्ञ की विधियों को बताए जाने का प्रशिक्षण नि:शुल्क दिया जाता है। धीरे-धीरे बढ़ता आर्य समाज आज शहर में चहुंओर फैलता जा रहा है जिससे सुख-शांति वैभव रूपी फल देने वाला यज्ञ आज हर-घर में पूज्यनीय है। रविवार को आर्य समाज द्वारा एक विशेष कार्यक्रम आर्य मंदिर में रखा गया। यहां मंदिर में सभी आर्य समाज को आर्य पद्धतियों, यज्ञ विधियों व मंत्रोच्चारण के साथ आर्य समाज द्वारा फैलाए जा रहे वेदों के प्रकाश की व्याख्या कार्यक्रम में मौजूद लखवीर सिंह राणा ने आर्य बन्धुओं को बताए।

श्री राणा ने बताया कि यज्ञ करने से मानव जाति ऊर्जा वान होती है हर घर में सुख और शांति का वास होता है वेदों में हमेशा से यज्ञ को सर्वोपरि बताया गया है जहां मंत्रोच्चारण के द्वारा हम आराधना करते है। श्री राणा ने बताया कि आज व्यक्ति अपनी परंपराओं से बाहर नहीं निकल पा रहा है यहां परंपराऐं भी उसे पीछे खींच रही है उसका ऐश्वर्य,ज्ञान, जीन छीन रही है इसलिए वेदों की स्थापना की गई कि परंपराओं को मानने वाले उनके इतिहास के बारे में जानें तब वह परंपरों को मानें क्योंकि परंपराऐं एक तरह से मानी नहीं जाती बल्कि थोपी जाती है।

कई त्यौहार ऐसे होते है जिनका इतिहास हमें ज्ञान कराता है रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, करवाचौथ, एकादशी और भी कई त्यौहार हम मनाते तो है लेकिन यदि इनके इतिहास को जानेंगे तो हमारा ज्ञानोपार्जन होगा। इस अवसर पर आर्य समाज द्वारा भण्डारे के रूप में प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर पर आर्य समाज के समीर गांधी, सर्वेश अरोरा, रामपाल सोनी, उमेश, अतुल, गौरव शर्मा, दीपक शिवहरे, रवि माटा आदि सहित अन्य आर्य समाज के युवा, महिला, पुरूष व आर्य मित्र मित्र दल, आर्य वीर दल के आर्य बन्धु उपस्थित थे।