4 000 हजार करोड़ के लिए धन्यवाद, शहर में तीन वायपास, शिवपुरी है या सिंगापुर?

ज्योतिरादित्य सिंधिया
त्वरित टिप्पणी
ललित मुदगल
शिवपुरी-नेशनल हाईवे-3 पर बढ़ते ट्रेफिक व ट्रेफिक जाम के कारण इस मार्ग को लाईन में डबल करने की मांग बार-बार उठ रही थी। इस मांग पर भारत सरकार ने इस ग्वालियर देवास फोर लाईन प्रोजेक्ट को हरी झण्डी दे दी, इस 4000 करोड़ के भारी भरकम प्रोजेक्ट का भूमिपूजन केन्द्रीस सड़क परिवहन राज्यमंत्री जितिन प्रसाद और हमारे लोकप्रिय सांसद, उद्योग एवं वाणिज्य राज्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को किया।
इस प्रोजेक्ट का भूमिपूजन तो हो गया परन्तु वन एवं पर्यावरण की एन.ओ.सी. अभी तक नहीं मिली है। एनओसी के बाद ही सड़क का काम शुरू हो पाएगा। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने श्रेय लेने की होड़ में इस प्रोजेक्ट का भूमिपूजन आनन फानन में कर दिया, अगर सिंधिया जी श्रेय की होड़ में ऐसा कर रहे है तो सिंधिया कांग्रेस अपनी मुंह दिखाई की रस्म में श्रेय लेने में पीछे कहा हटती, पूरे शहर में इन पोस्टरबाज नेताओं ने सिंधिया जी और अपनी विभिन्न मुद्राओं में विकास की गंगा बहाते नारों के साथ बैनर टंगवा दिऐ, अब इन पोस्टरबाज नेताओं को कौन समझाये कि सिंङ्क्षधया जी के द्वारा लाई गई केन्द्र की योजनाऐं समय से व सुचारू रूप से चल सके तो सिंधिया जी आपको दिल से धन्यवाद देंगे।

इस भूमिपूजन समारोह में सिंधिया जी ने अपने उद्बोधन में कहा-मेरा धर्म है कि मैं ग्वालियर अंचल और गुना-शिवपुरी क्षेत्र का विकास कर उसे राष्ट्रीय नक्शे पर उतारू, बात सत्य है आवागमन के लिए सड़कें उच्च स्तर की होगी तो विकास की रफ्तार और तेज होगी परन्तु इस फोरलेन प्रोजेक्ट में शिवपुरी का विकास नहीं, विनाश कलमवीरों को अवश्य दिखाई दे रही है। इसे कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी, इसके लिए पर्याप्त कारण है।

सन् 2008 में इस प्रोजेक्ट की प्रथम डी.पी.आर.(विस्तृत प्रारूप योजना) बनाने हेतु मैं.स्कॉट विलसन इंडिया प्रो.लिमिटेड को 5 करोड़ मेहनताने में कंपनी द्वारा तैयार किया गया। डीपीआर की यह विशेषता थी कि वर्तमान में 2 लेन एन.एच.3 का अधिक से अधिक भाग फोरलेन में प्रस्तावित रखा और इसमें मुख्य बात यह थी शिवपुरी शहर का जोड़ 4 किमी का वर्तमान वायपास है उसे ही फोर लाईन का वायपास रखा, ज्ञात हो कि तीन वर्ष पूर्व तैयार किया गया वायपास फोर लाईन की गाईड लाईन के हिसाब से ही तैयार किया था। शासन ने सड़क के बीच से दोनों ओर 30 मीटर तक की जमीन पर रजिस्ट्री पर रोक लगा दी थी।
परन्तु एकाएक क्या हुआ कि मैं.स्कॉट विल्सन इंडिया कंपनी दिल्ली के द्वारा डी.सी.आर. को स्थगित करने सन 2011 में पुन: मै.सी.ई.सी. जयपुर को डी.पी.आर. का कार्य 9 करोड़ के मेहनताने में सौंपा गया। इस कंपनी ने शिवपुरी शहर के वर्तमान वायपास को छोड़कर एक नये वायपास का स्थान तय कर दिया और इस वायपास की लंबाई 18.50 किमी तय की गई।
मजेदार बात तो यह है कि मास्टर प्लान में भी इन दोनों वायपासों के अतिरिक्त तीसरे वायपास को भी स्थान दिया गया। अब बताईये शिवपरी है या सिंगापुर शायद केन्द्र व राज्य सरकार को लगता है कि शिवपुरी का ट्रेफिक सिंगापुर से ज्यादा हो गया है...।

1500 हैक्टेयर कृषि योग्य भूमि व 485 करोड़ रूपये बर्बाद

इस फोरलेन में 18.50 किमी का नया वायपास बनेगा जिसमें 15000 हैक्टेयर भूमि किसानों से अधिग्रहण किया जाएगा। इस वायपास में दो रेलवे ओवरब्रिज बनाये जाऐंगे, जिसमें 285 करोड़ की अनुमानित लागत आएगी एवं मास्टर प्लान के नए प्रस्तावित  तीसरे वायपास में अनुमानित 200 करोड़ की लागत आएगी। कुल मिलाकर 485 करोड़ रूपये एक जिंदा वायपास होते हुए बर्बाद किया जा रहा है।
 

शहर को टापू बनाने की योजना

जब राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 25 को फोरलेन में तब्दील किया गया था। इस फोरलेन रोड़ की सीमा शिवपुरी नगर से 15 किमी दूर है। इस फोरलेन का शिवपुरी नगर को कोई लाभ नहीं मिला। उल्टा पूरा यातायात शहर के बाहर से ही निकल जाता है। इस प्रकार राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 3 पर प्रस्तावित फोरलेन को शिवपुरी नगर से 8 किमी दूर कर दिया है। इसप्रकार दोनों राष्ट्रीय राजमार्गों को शहर से दूर करना मतलब पूरा आवागमन शहर के बाहर से ही हो जाएगा। तो यह शहर एक टापू की शक्ल में दिखाई देगा। कहा जाता है कि जिस शहर से नदियां और सड़कें गुजरती है उस शहर का विकास बड़ी ही तीव्र गति से होता है।
 

ना लाभ देखा ना हानि, कर दी जय-जयकार

अभी हाल में संपन्न हुए इस भूमिपूजन कार्यक्रम में जिस प्रकार सिंधिया जी के धन्यवाद देने के लिए टंगवाए गए बैनर पोस्टरो से अपनी मुंह दिखाई की। उसमें इन कांग्रेसी नेताओं ने यह भी नहीं देखा कि इस फोरलेन प्रोजेक्ट में 1500 हैक्टेयर की सिंचित व असिंचिति भूमि जा रही है और यहां भूमिपूजन को लेकर कांग्रेसी उत्साहित है। इसे एक सौगात का रूप दिया जा रहा है वहीं शहर के दोनों ओर वायपास होकर  शहर को टापू के रूप मं खड़ा किया जा रहा है। जिसका विरोध तो नहीं केवल अपने स्वार्थों को ये कांग्रेसी पूरा कर रहे है। इस फोरलेन से शहर का विकास तो अवश्य है लेकिन जब इस नए वायपास को रोका जाए क्योंकि हमारे पास एक बना-बनाया पहले से ही वायपास मौजूद है।