नगर पालिका के नोटिस के बाद भी नहीं हटा अतिक्रमण

शिवपुरी-शहर के फिजीकल की पानी की टंकी के नजदीक अवैध रूप से सरकारी जमीन पर बनाए गए मंदिर और इसके आसपास अवैध निर्माण का मामला तूल पकड़ गया है। नगर पालिका ने यहां मंदिर निर्माण और इसके आसपास किए गए निर्माण को अवैध माना था और अवैध निर्माण को हटाने के लिए विधिक तौर पर नोटिस भी दिया गया था। वार्ड क्रमांक 27 में आने वाले इस अवैध निर्माण को लेकर स्थानीय निवासियों द्वारा एक शिकायत देने के बाद नगर पालिका ने यहां अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए नोटिस दिया था।


नोटिस शांतिलाल जैन को दिया गया था, बताया जाता है कि नगर पालिका को हुई लिखित शिकायत में आरोप लगाए गए थे कि वार्ड 27 में स्थित सरकारी भूमि पर बिना अनुमति के सांई बाबा मंदिर का निर्माण किया गया और इसके आसपास अवैध निर्माण कर लिया गया। यहां जिस सरकारी जमीन पर यह निर्माण हुआ है वह कॉलोनी वासियों के लिए पार्क के लिए भूमि संरक्षित थीं, मगर कुछ लोगों ने यहां अवैध रूप से मंदिर का सहारा लेकर मनमाफिक ढग़ से निर्माण करके जगह घेर ली। नगर पालिका ने नपा परिषद अधिनियम 1961 की धारा 187 (8)एवं 223 के अनुसार नोटिस में कार्यवाही की बात कहीं थी मगर इस नोटिस के बाद भी अवैध कब्जा करने वाले शांतिलाल जैन ने यहां से अतिक्रमण नहीं हटाया। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकारी जमीन को घेरने वाले इस व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए। लाखों की इस सरकारी भूमि पर मंदिर के नाम पर अवैध निर्माण कर लिया गया है।
 
पुलिस ने साधी चुप्पी  
फिजीकल क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण के मामले को लेकर नगर पालिका और पुलिस की कार्यप्रणाली पर उंगलियां उठ रहीं है। नगर पालिका ने कार्यवाही के नाम पर नोटिस देने तक का काम कर डाला जबकि यह अतिक्रमण स्वयं हटाना चाहिए था, इसी तरह पुलिस ने भी इस अवैध अतिक्रमण को रोकने के लिए कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की। नगर पालिका ने इस अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए पुलिस प्रशासन को कई मर्तवा पत्र लिखे मगर पुलिस ने इस ओर नगर पालिका की कोई मदद नहीं की। 
 
सार्वजनिक स्थल पर नहीं हो सकता धार्मिक निर्माण  
किसी भी सरकारी जमीन या सार्वजनिक स्थल पर अवैध रूप से मंदिर, मस्जिद या धार्मिक पूजा स्थल का निर्माण नहीं किया जा सकता। ऐसे निर्देश एक याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने दिए हैं, हाईकोर्ट में दायर एक याचिका के संबंध में कोर्ट ने मध्य प्रदेश शासन को दिशा निर्देश भी जारी किए हैं। इन दिशा निर्देशों के पालन के संबंध में तत्कालीन मुख्य सचिव राकेश साहनी द्वारा 14 दिसम्बर 2009 को सभी जिलाधीशों को यह निर्देश दिए कि सार्वजनिक स्थलों पर अतिक्रमण कर बनाए गए धार्मिक स्थलों पर कार्यवाही की जाए।