बिना सुविधा के हॉस्पीटल का लोकार्पण, हाईकोर्ट में याचिका दायर

करैरा। जिले के करैरा कस्बे में एक मर्ई को जिस नवीन स्वास्थ्य केन्द्र का लोकार्पण किया गया उसमें मूल भूत सुविधायें पूर्ण नहीं की गर्ई थी। इससे व्यथित होकर जनहित में कौशल भार्गव ने माननीय उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की। जिस पर हार्ईकोर्ट के विद्वान न्यायामूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायामूर्ति शील नागू ने निर्र्णय देते हुए अस्पताल के सक्षम अधिकारियों को तीन माह में जनसुविधायें  बहाल किए जाने का प्लान प्रस्तुत करने का आदेश दिया वहीं यह भी आदेश दिया कि उक्त प्लान का क्रियान्वयन एक साल के भीतर किया जाकर मूलभूत सुविधायें बहाल की जाएं।

माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के समक्ष याचिकाकर्र्ता कौशल भार्गव ने एक जनहित याचिका क्रमांक 3444/2017 प्रस्तुत की जिसमें बताया गया कि करैरा में नवीन स्वास्थ्य केन्द्र का एक मर्ई को लोकार्पण किया गया लेकिन उक्त नवनिर्मित अस्पताल में मूलभूत सुविधायें पूर्ण नहीं की गर्ई जैसे अस्पताल के चारों तरफ सुरक्षा हेतु बाउन्ड्री बाल का निर्माण नहीं किया गया था।

अस्पताल में पर्याप्त जलापूर्ति के लिए बोरिंग व्यवस्था नहीं थी। हार्ईवे को पार करने हेतु ओवर ब्रिज का निर्माण नहीं किया गया था जिससे अस्पताल पहुंचने में परेशानी होती थी। स्वास्थ्य संबंधी उपकरण अस्पताल में नहीं थे और अस्पताल परिसर में डॉक्टर कम्पाउडर एवं अन्य कर्मचारियों के आवास नहीं बनवाए गए थे। 

जिससे इमरजेंसी में अस्पताल पहुंचने में  डॉक्टर और चिकित्सकीय स्टाफ को काफी देर लगने की आशंका थी। इस याचिका पर माननीय उच्च न्यायालय ने अस्पताल के सक्षम अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह तीन माह के भीतर प्लान बनाकर स्पष्ट करे कि किस तरह से मूलभूत सुविधायें मुहैया कराई जायेंगी और एक साल के भीतर उक्त प्लान का क्रियान्यन सुनिश्चित करे।

अभी पुराने अस्पताल में ही संचालित है स्वास्थ्य केन्द्र
नवीन स्वास्थ्य केन्द्र का लोकार्पण भले ही हो गया हो लेकिन पुराने अस्पताल में ही इस समय स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है। याचिकाकर्ता की अभिभाषक श्रीमती मनीषा शर्मा की दलील है कि इस निर्णय से अस्पताल  तब तक नए भवन में स्थानांतरित नहीं होगा जब तक उसमें मूलभूत सुविधायें बहाल नहीं कर दी जायें। वहीं दूसरा पक्ष यह भी है कि इस विषय में माननीय उच्च न्यायालय का निर्णय कोई स्पष्ट संकेत नहीं देता।